Category: महाराष्ट्र

  • कर्नाटक सरकार के फैसले ने बढ़ाई महाराष्ट्र की टेंशन

    कर्नाटक सरकार के फैसले ने बढ़ाई महाराष्ट्र की टेंशन

    फडणवीस ने केंद्र से लगाई गुहार
    मुंबई.
    महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच एक बार फिर जल विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस बार मामला कर्नाटक सरकार द्वारा अलमाटी बांध की ऊंचाई बढ़ाने की प्रस्तावित योजना को लेकर है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल को पत्र लिखा है। फडणवीस ने पत्र में कहा है कि कर्नाटक सरकार द्वारा अलमट्टी डैम की ऊंचाई बढ़ाकर जलाशय स्तर 524.256 मीटर तक करने की योजना महाराष्ट्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

    सांगली और कोल्हापुर जिलों पर सीधा असर
    सीएम फडणवीस ने चेताया है कि इस प्रस्तावित योजना से महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर जिलों के लोगों की आजीविका और सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह कर्नाटक सरकार को इस योजना पर पुनर्विचार करने का निर्देश दे, ताकि कृष्णा नदी प्रणाली पर निर्भर समुदायों के हितों की रक्षा की जा सके। फडणवीस ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप प्रभावित क्षेत्रों को बहुत राहत देगा।

    कर्नाटक ने कहा- निर्णय ले चुके हम
    इस मुद्दे पर कर्नाटक सरकार की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है। राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने महाराष्ट्र की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा है कि अलमट्टी डैम की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। इस परियोजना के पीछे कोई अलग मंशा नहीं है, बल्कि तकनीकी और जल संसाधन से जुड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण ने हमें 177 मीट्रिक टन पानी आवंटित किया है, लेकिन राज्य के पास उसे संग्रहित करने के लिए पर्याप्त जलाशय नहीं हैं। इस कारण से पानी बड़ी मात्रा में आंध्र प्रदेश चला जाता है, जिससे राज्य का नुकसान हो रहा है।

    फडणवीस ने जताई थी आपत्ति
    याद रहे, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अलमाटी डैम की ऊंचाई बढ़ाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने आग्रह किया था कि वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ से लोगों की सुरक्षा के लिए अलमाटी बांध की ऊंचाई को वर्तमान 519.6 मीटर से बढ़ाकर 524.256 मीटर के पूर्ण जलाशय स्तर (एफआरएल) तक करने की योजना पर फिर विचार करें, जबकि सिद्धारमैया ने फडणवीस को लिखे पत्र में अलमाटी में कृष्णा नदी पर लाल बहादुर शास्त्री जलाशय की ऊंचाई बढ़ाने के कर्नाटक सरकार के फैसले का बचाव किया। बता दें कि अलमट्टी डैम को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच पहले से टकराव चलता रहा है। महाराष्ट्र का आरोप है कि डैम का जलस्तर बढ़ने से पश्चिमी महाराष्ट्र के जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है। वहीं कर्नाटक हमेशा से यह कहता आया है कि वह सिर्फ अपने हिस्से के पानी का इस्तेमाल करना चाहता है।

  • सोनिया- राहुल ने शरद पवार के साथ मिलकर रची थी साजिश

    सोनिया- राहुल ने शरद पवार के साथ मिलकर रची थी साजिश

    मालेगांव केस में आए फैसले के बाद समीर कुलकर्णी का आरोप
    मुंबई.
    मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने के बाद, समीर कुलकर्णी ने खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने इस फैसले को न्याय की जीत बताया और आरोप लगाया कि 2009 के आम चुनावों को प्रभावित करने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार भी शामिल थे, ने “भगवा ध्वज को बदनाम करने” की साजिश रची थी।

    राजनीतिक साजिश का पर्दाफाश
    कुलकर्णी ने इस फैसले को “राजनीतिक साजिश” का पर्दाफाश बताया, जिसका उद्देश्य देशभक्तों और धार्मिक हस्तियों की छवि को खराब करना था। उनके साथ, पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात अन्य आरोपी भी इस मुकदमे में शामिल थे, जिन्हें अब बरी कर दिया गया है। 17 साल के इंतजार के बाद आए इस फैसले को कुलकर्णी ने भारत की स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका पर अपने विश्वास की पुष्टि बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच “सरकार के दबाव में” की गई थी, जिसके कारण पहली बार “देशभक्तों, धार्मिक लोगों और संतों को आतंकवादी” कहा गया।

    देशभक्त को बताया था देशद्रोही
    कुलकर्णी ने कांग्रेस पर “हमारे विश्वास के प्रतीक, पवित्र भगवा और हिंदू शब्दों को वैश्विक मंच पर बदनाम” करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से शरद पवार, दिग्विजय सिंह, सुशील कुमार शिंदे, शिवराज पाटिल, शकील अहमद पटेल, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 2009 के आम चुनाव को ध्यान में रखकर इस साजिश का मुख्य आरोपी ठहराया। कुलकर्णी ने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के साथ हुए व्यवहार की भी कड़ी निंदा की, यह कहते हुए कि एक कर्तव्यनिष्ठ सैन्य अधिकारी, जिसने देश की सेवा की, उसे आरोपी बनाया गया और उसके जीवन के 17 साल बर्बाद कर दिए गए।

  • 15 अगस्त तक फर्जी प्रमाण-पत्र रद्द होंगे

    15 अगस्त तक फर्जी प्रमाण-पत्र रद्द होंगे

    अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर महाराष्ट्र सरकार सख्त
    मुंबई.
    महाराष्ट्र सरकार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अब सख्त रुख अपना रही है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को घोषणा की कि अवैध जन्म प्रमाण पत्रों का सत्यापन एक टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा और 15 अगस्त तक ऐसे सभी फर्जी प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया जाएगा। यह कदम राज्य में अवैध घुसपैठ को रोकने और कानूनी व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

    42,000 से अधिक मामले
    मंत्री बावनकुले ने बताया कि अब तक 42,000 से अधिक ऐसे मामलों का पता चला है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। अधिकारियों को ऐसे मामलों की पहचान करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। फर्जी प्रमाण पत्रों की प्रतियां राजस्व और स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएंगी, ताकि रिकॉर्ड दुरुस्त किए जा सकें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके। यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।

    भाजपा नेता सोमैया ने लगाए थे आरोप
    भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस साल की शुरुआत में ही बांग्लादेशी नागरिकों को जाली दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने का आरोप लगाया था। उनके दावों के बाद, मालेगांव में दो अधिकारियों को निलंबित भी किया गया था। सोमैया ने हाल ही में बताया था कि पिछले दो महीनों में महाराष्ट्र सरकार ने 42,191 ऐसे जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए हैं, जो बांग्लादेश से आए अयोग्य व्यक्तियों को जारी किए गए थे। उन्होंने विशेष रूप से अकोला (3,948) और अमरावती (2,823) जैसे जिलों का उल्लेख किया, जहां ऐसे मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं।

    40 हजार अवैध जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा मामला
    यह घोटाला, जिसे सोमैया ने “बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला 2024” बताया, नायब तहसीलदारों द्वारा अधिकार के बाहर जाकर लगभग 40 हजार अवैध जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का मामला है। अकोला, अमरावती, नागपुर और मालेगांव जैसे जिले इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। महाराष्ट्र सरकार का यह त्वरित और निर्णायक कदम न केवल अवैध घुसपैठ को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोका जा सके। 15 अगस्त की समय-सीमा एक मजबूत संदेश है कि सरकार इस मुद्दे पर कोई ढिलाई नहीं बरतेगी।

  • रक्षाबंधन पर लाडली बहनों को दोहरा तोहफा संभव

    रक्षाबंधन पर लाडली बहनों को दोहरा तोहफा संभव

    दोनों महीनों की किस्तें एक साथ जारी की जा सकती हैं
    मुंबई.
    महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार अच्छी खबर के साथ। जुलाई महीने की राशि अभी तक न मिलने से जहाँ लाडली बहनों में कुछ चिंता थी, वहीं अब रिपोर्ट्स बता रही हैं कि जुलाई और अगस्त दोनों महीनों की किस्तें एक साथ जारी की जा सकती हैं। यह घोषणा रक्षाबंधन के त्योहार से पहले या अगस्त के पहले सप्ताह में होने की संभावना है, जिससे गरीब बहनों को 3000 रुपये का दोहरा लाभ मिलेगा।

    त्योहार के दौरान सरकारी मदद
    यह पहल महाराष्ट्र सरकार की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है, और अब तक 2.25 करोड़ से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित हो चुकी हैं। अब तक 12 महीनों में कुल 18000 रुपये मिल चुके हैं, और यह अतिरिक्त राशि त्योहार के अवसर पर निश्चित रूप से उनके लिए एक बड़ी मदद साबित होगी।

    अभी तारीख तय नहीं
    हालांकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि यह कदम गरीब बहनों के लिए इस साल की राखी को यादगार बना देगा। यह योजना केवल वित्तीय सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें सामाजिक रूप से सशक्त करने का भी एक प्रयास है।

  • मालेगांव ब्लास्ट : 17 साल बाद फैसला, सभी 7 आरोपी बरी

    मालेगांव ब्लास्ट : 17 साल बाद फैसला, सभी 7 आरोपी बरी

    जांच में लापरवाही और सबूतों की कमी
    मुंबई.
    महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके के मामले में 17 साल बाद आया फैसला ऐतिहासिक है। मुंबई स्थित विशेष एनआईए अदालत ने गुरुवार को पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में जांच में लापरवाही और सबूतों की कमी पर जोर दिया, यह कहते हुए कि संदेह के आधार पर किसी को सजा नहीं दी जा सकती। यह फैसला उन सभी के लिए एक बड़ी राहत है जिन्होंने वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

    प्रज्ञा ठाकुर को लेकर यह कहा
    न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभियोजन पक्ष “ठोस साक्ष्य” पेश करने में विफल रहा। विशेष रूप से, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ आरोपों को लेकर अदालत ने पाया कि यह साबित नहीं हो सका कि जिस बाइक पर बम लगाया गया था, वह उनकी थी। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की चेसिस नंबर को पूरी तरह से रिकवर न कर पाने की असमर्थता ने अभियोजन के दावे को कमजोर कर दिया। इसके अतिरिक्त, अदालत ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर धमाके से दो साल पहले ही संन्यास ले चुकी थीं और उन्होंने अपनी सभी भौतिक वस्तुएं त्याग दी थीं।

    300 से अधिक गवाहों का परीक्षण
    लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के मामले में भी अदालत ने आरडीएक्स मंगवाने या बम तैयार करने के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं पाया। इस पूरे मामले में 300 से अधिक गवाहों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 40 से अधिक अपने बयान से मुकर गए, जो जांच की दिशा और गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करता है। यह फैसला महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे की शहादत के बाद एनआईए को सौंपे गए इस संवेदनशील मामले की लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया का अंत है।

  • महिला डॉक्टर ने रैपर वेदान पर लगाए अनेकों बार रेप के आरोप

    महिला डॉक्टर ने रैपर वेदान पर लगाए अनेकों बार रेप के आरोप

    कहा- शादी का झांसा देकर करता रहा ब्लैकमेल
    मुंबई.
    इंडस्ट्री से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहाँ मलयालम रैपर वेदान, जिनका असली नाम हीरादास मुरली है, पर एक महिला डॉक्टर ने बार-बार बलात्कार का आरोप लगाया है। यह मामला केवल यौन उत्पीड़न तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शादी का झांसा देकर पैसे ऐंठने जैसे गंभीर आरोप भी शामिल हैं। केरल पुलिस ने आईपीसी की धारा 376(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जो बार-बार यौन उत्पीड़न से संबंधित है।

    अलग-अलग स्थानों पर यौन शोषण
    पीड़िता का बयान, जिसमें उन्होंने 2021 से 2023 के बीच अलग-अलग स्थानों पर यौन शोषण और शादी के वादे का उल्लंघन बताया है, इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है। पुलिस को सौंपे गए यूपीआई लेनदेन के विवरण यह भी संकेत देते हैं कि मामला केवल शारीरिक शोषण तक सीमित नहीं, बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी से भी जुड़ा हो सकता है।

    पहले भी फंसे हैं कानूनी शिकंजे में
    यह पहला मौका नहीं है जब वेदान कानूनी शिकंजे में फंसे हैं। अतीत में, उन्हें मादक पदार्थ रखने और तेंदुए के दांत का पेंडेंट पहनने जैसे वन्यजीव अपराधों के आरोप में भी गिरफ्तार किया जा चुका है। मई 2024 में, उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने और जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देने वाले गाने बनाने का भी आरोप लगा था। वेदान युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन इन आरोपों ने उनकी सार्वजनिक छवि पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। यौन उत्पीड़न के मामलों में पीड़िता की पहचान गोपनीय रखना सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जो पीड़ित की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, आरोपी या उसके परिवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ जाती है।

  • स्माईल ट्रेन इंडिया आणि बजाज फिनसर्व CSR च्या वतीने  ‘महा स्माईल्स’ चे विदर्भात क्लेफ्ट जनजागृती अभियान सुरू,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची दूरदृष्ठी, 90दिवस चालेल उपक्रम

    स्माईल ट्रेन इंडिया आणि बजाज फिनसर्व CSR च्या वतीने ‘महा स्माईल्स’ चे विदर्भात क्लेफ्ट जनजागृती अभियान सुरू,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची दूरदृष्ठी, 90दिवस चालेल उपक्रम

    स्माईल ट्रेन इंडिया आणि बजाज फिनसर्व CSR च्या वतीने

    ‘महा स्माईल्स’ चे विदर्भात क्लेफ्ट जनजागृती अभियान सुरू,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची दूरदृष्ठी, 90दिवस चालेल उपक्रम

    नागपूर WH NEWS ब्युरो –  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या दूरदृष्टीने समर्थित, चेहयावरील विवर (क्लेफ्ट) व तालु शस्त्रक्रियांसाठी लवकर निदान व उपचाराविषयी जनजागृती निर्माण करण्यासाठी ९० दिवसांचा उपक्रम हाती घेण्यात आला आहे.

    देशातील अग्रगण्य क्लेफ्ट-संबंधित स्वयंसेवी संस्था स्माईल ट्रेन इंडिया आणि बजाज फिनसर्व CSR यांच्या संयुक्त विद्यमाने विदर्भातील दुर्लक्षित भागांमध्ये उपचारासाठीचा दुवा निर्माण करण्याच्या उद्देशाने ‘महा स्माईल्स क्लेफ्ट जनजागृती अभियान’ सुरू करण्यात आले आहे. या ९० दिवसांच्या विशेष उपक्रमाचा शुभारंभ आज नागपूर येथील स्माईल ट्रेनचे भागीदार रुग्णालय स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन हॉस्पिटल येथे डॉक्टर्स, सरकारी अधिकारी आणि बजाज फिनसर्व व स्माईल ट्रेनच्या नेतृत्व मंडळाच्या उपस्थितीत करण्यात आला.

    महाराष्ट्राचे माननीय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी या उपक्रमास आपला पाठिंबा दर्शवत, विदर्भातील गरजू मुलांसाठी क्लेफ्ट उपचार सहज उपलब्ध करून देण्याचे आपले व्हिजन शेअर केले.

    या कार्यक्रमात एलईडी स्क्रीनने सज्ज अशा तीन व्हॅन्सना झेंडा दाचवण्यात आला, ज्या अकोला, नागपूर व वर्षा विभागातील ग्रामीण भागात फिरणार आहेत. या व्हॅन्समध्ये ऑडिओ-व्हिज्युअल माधने आणि संवादात्मक प्लॅटफॉर्म्स असतील, ज्यामधून स्थानिक समुदायांमध्ये क्लेफ्ट म्हणजे काय आणि त्यावर लवकर हस्तक्षेप व शस्त्रक्रियेद्वारे उपचार शक्य आहे हे समजावून सांगण्यात येईल. याशिवाय, या व्हॅन्समधून परिसरातील मोफत उपचारासाठी टोल फ्री क्रमांक 1800 103 8301 वर संपर्क करण्याचे मार्गदर्शन दिले जाईल.

    दक्षिण आशियासाठी स्माईल ट्रेनच्या एरिया डायरेक्टर रेणू मेहता म्हणाल्या, “महा स्माईल्स हा केवळ एक उपक्रम नसून एक समाजाभिमुख चळवळ आहे. प्रत्येक मुलाला आनंदाने हसण्याचा, स्पष्ट बोलण्याचा आणि व्यवस्थित अन्न खाण्याचा हक्क आहे असा आमचा विश्वास आहे. बजाज फिनसर्वच्या मदतीने आम्ही हा संदेश पेट लोकांपर्यंत पोहोचवत आहोत. क्लेफ्ट लिप व पॅलेटचे उपचार शक्य आहेत हे त्यांना समजून सांगत आहोत. आमचे उद्दिष्ट म्हणजे गावतळापर्यंत जागरुकता पोहोचवून वेळेवर उपचाराची खात्री करणे. मुख्यमंत्री फडणवीसजींच्या पाठिंब्याबद्दल आम्ही आभारी आहोत आणि नॅशनल हेल्थ मिशन, महाराष्ट्र यांच्यासोबत औपचारिक सहकार्याची अपेक्षा बाळगत आहोत, जेणेकरून विदर्भ आणि संपूर्ण महाराष्ट्रातील प्रत्येक क्लेफ्टग्रस्त मुलापर्यंत पोहोचता येईल.”

    बजाज फिनसर्वचे CSR अध्यक्ष कुरुश इराणी म्हणाले, “मुलांचे आरोग्य आणि क्लेफ्ट केअरला प्राधान्य देण्यासाठी आम्ही स्माईल ट्रेनसोबत ‘महा स्माईल्स प्रत्येक मुलासाठी क्लेफ्ट केलर’ हा उपक्रम सुरू केला. यामध्ये वेळेवर

    स्माईल ट्रेन

    सम्वक्रियेसाठी सवकर रेफरल्स मजबूत करण्यावर लक्ष केंद्रित केले आहे. आता हा उपक्रन विदर्भात व्हॅत जनजागृती मोहिमेद्वारे विस्तारत असून, स्थानिक उपचार केंद्रांशी पालकांना जोडण्यात येणार आहे. आम्हाला आला आहे की, अधिकाधिक बुटुंबांना लवकर हस्तक्षेपाचे महत्त्व समजेल आणि त्यांच्या मुलांचे आरोग्यपूर्ण, समाधानी जीवन पडेल.”

    ‘महा स्माईल्स – प्रत्येक मुलासाठी क्लेफ्ट केअर’ हा उपक्रम ऑगस्ट २०२३ मध्ये सुरू झाला असून, २०२६ पर्यंत महाराष्ट्रात पुढील उद्दिष्ट गाठणे अपेक्षित आहेः

    संपूर्ण महाराष्ट्रभर ८,००० मोफत क्लेफ्ट शस्त्रक्रिया

    २०,००० आशा/आरबीएसके आरोग्य कर्मचायांचे लवकर निदानासाठी प्रशिक्षण

     (यापैकी १६,०००+कर्मचा:यांचे प्रशिक्षण पूर्ण)

    २६ वेबिनार सत्रांद्वारे स्त्रीरोगतज्ज्ञांचे प्रशिक्षण (यातील २२ सर्गामध्ये ५,०००+ सहभाग) – AMOGS सहकायन महाराष्ट्रभर रेडिओ, बस, केवल, वृत्तपत्रांद्वारे जनजागृती मोहीम

    विदर्भातील या जनजागृती मोहिमेला स्माईल ट्रेनचे भागीदार रुग्णालय व क्लेफ्ट सर्जन्स यांचेही सहकार्य लाभणार आहे. त्यामध्ये डॉ. प्रणाम सदावर्ते (स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन हॉस्पिटल, नागपूर), डॉ. मयूर अग्रवाल (श्रीराम हॉस्पिटल, अकोला), डॉ. नितीन भोला (आचार्य विनोबा भावे, वर्धा), डॉ. मनिंदर जांभूळकर (सहयोग हॉस्पिटल, गोंदिया) यांचा समावेश आहे, जे मोहिमेदरम्यान व त्यानंतरही सुरक्षित आणि वेळेवर शस्त्रक्रियेची सुविधा देतील.

    पुढील तीन महिन्यांत या व्हॅन्स विविध बाजारपेठा, आरोग्य शिबिरे आणि स्थानिक मेळावे यामध्ये फिरून समाजात असलेल्या गैरसमज दूर करतील, उपचारासाठी मार्गदर्शन करतील आणि हजारो कुटुंबांना नव्या आशेचा किरण देतील.

    स्माईल ट्रेन इंडिया बद्दल

    स्माईल ट्रेन स्थानिक वैद्यकीय व्यावसायिकांना प्रशिक्षण, निधी आणि संसाधनांसह सक्षम करते जेणेकरून ते जगभरातील मुलांना मोफत क्लेफ्ट शस्त्रक्रिया आणि व्यापक क्लेफ्ट काळजी प्रदान करू शकतील. आम्ही क्लेफ्ट उपचारांसाठी एक शाश्वत उपाय आणि स्केलेबल जागतिक आरोग्य मॉडेल विकसित करतो, ज्यामुळे मुलांचे जीवन लक्षणीयरीत्या सुधारते, ज्यामध्ये त्यांची खाण्याची, श्वास घेण्याची, बोलण्याची आणि शेवटी भरभराटीची क्षमता समाविष्ट आहे. २००० पासून, स्माईल ट्रेन इंडियाने १३०+ भागीदार रुग्णालयांच्या नेटवर्कद्वारे संपूर्ण भारतात ७,५०,००० हून अधिक मोफत क्लेफ्ट शस्त्रक्रियांना पाठिंबा दिला आहे. स्माईल ट्रेन इंडियाचा शाश्वत दृष्टिकोन कसा आहे याबद्दल अधिक जाणून घेण्यासाठी, कृपया smiletrainindia.org ला भेट द्या. क्लेफ्ट उपचारांशी संबंधित प्रश्न किंवा समर्थनासाठी, कृपया आमच्या टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरवर कॉल करा: १८०० १०३ ८३०१.

    अधिक माहितीसाठी, कृपया संपर्क साधा:
    अंजली कटोच | akatoch@smiletrain.org

  • नागपुर स्टेशन पुनर्विकास के तहत यात्रियों की सुविधा हेतु आधुनिक प्रतीक्षालय और लॉन्ज का निर्माण

    नागपुर स्टेशन पुनर्विकास के तहत यात्रियों की सुविधा हेतु आधुनिक प्रतीक्षालय और लॉन्ज का निर्माण

    नागपुर स्टेशन पुनर्विकास के तहत यात्रियों की सुविधा हेतु आधुनिक प्रतीक्षालय और लॉन्ज का निर्माण

    Nagpur WH News- अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत मध्य रेल के नागपुर मंडल द्वारा नागपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास तीव्र गति से किया जा रहा है, जिसमें यात्रियों की सुविधा और आराम को प्राथमिकता दी जा रही है। आधुनिक प्रतीक्षालयों और लॉन्ज के निर्माण से यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।

    स्टेशन के पूर्वी हिस्से में एक आधुनिक और विशाल प्रतीक्षालय का निर्माण प्रगति पर है, जिसमें उन्नत फर्श, आकर्षक वॉल क्लैडिंग, बेहतर वेंटिलेशन और ऊर्जा दक्ष प्रकाश व्यवस्था की जा रही है। फॉल्स सीलिंग एवं लूवर का कार्य भी तेजी से चल रहा है ताकि यात्रियों को एक आरामदायक और सौंदर्यपूर्ण वातावरण मिल सके।

    पश्चिमी भाग में लंबी दूरी के यात्रियों के लिए एक सुसज्जित लॉन्ज विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रीमियम बैठने की व्यवस्था, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं एवं उन्नत स्वच्छता व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

    लाइन 18/19 के बीच कॉन्कोर्स स्तर पर एक भव्य कॉमन प्रतीक्षालय भी तैयार किया जा रहा है। इसका फाउंडेशन और स्लैब कार्य पूर्ण हो चुका है। यह क्षेत्र ट्रांजिट यात्रियों के लिए एक केंद्रीय केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहां डिजिटल डिस्प्ले, पीने के पानी की सुविधा और सुगम मार्ग जैसी एकीकृत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

    मध्य रेल यात्रियों को हर यात्रा में सुविधा और देखभाल का अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है।

  • निजी कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसने विधेयक जल्द

    निजी कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसने विधेयक जल्द

    मसौदा तैयार, विधानसभा में पेश किया जाएगा
    मुंबई.
    महाराष्ट्र में एब प्राइवेट कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार एक्शन लेने जा रही है। राज्य में कानून बनाया जाएगा। देवेंद्र फणडवीस सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को इस बारे में सूचित किया। सरकार ने बताया कि निजी कोचिंग सेंटरों के नियमन के लिए संबंधित विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इसे जल्द विधानसभा में पारित करने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि इससे पहले भी सरकार ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को लेकर कानून बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हुए थे।

    मामला अदालत में है
    सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कोर्ट को यह जानकारी दी है। इस विषय पर फ़ोरम फ़ॉर फेयरनेस इन एजुकेशन ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि कोचिंग सेंटरों को चलाने के लिए कोई रेगुलेटरी व्यवस्था नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे की बेंच को सरकारी वकील ने बताया कि केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2024 को एक पत्र भेजा है। पत्र में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोचिंग सेंटरों के रेगुलेशन के लिए उपयुक्त कानूनी ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

    2018 में भी तैयार हुआ था मसौदा
    सरकार ने स्टेट एजुकेशन कमिश्नर को इस मुद्दे से संबंधित दिशा-निर्देशों का अध्ययन करने को कहा। साथ ही कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2018 में महाराष्ट्र प्राइवेट ट्यूशन क्लासेस रेगुलेशन का मसौदा तैयार किया गया था, जो निजी कोचिंग सेंटरों के नियमन के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए बनाया गया था। हालांकि यह विधेयक विधानसभा के पिछले मॉनसून सत्र में पारित नहीं हो सका।

  • करगिल योद्धा के परिवार से मांगे भारतीयता के सबूत

    करगिल योद्धा के परिवार से मांगे भारतीयता के सबूत

    पुणे की घटना, घर घुसी पुलिस और भीड़, कहा- नहीं तो माने जाओगे रोहिंग्या
    पुणे.
    करगिल युद्ध के एक योद्धा के परिवार के साथ महाराष्ट्र के पुणे में दुर्व्यवहार किया गया। जवान के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनसे अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने को कहा गया है। परिवार का कहना है कि 30- 40 लोगों का झुंड पुलिस के साथ उनके घर पर आया। उन्होंने उनको धमकी दी और नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज मांगे। यह घटना पुणे के चंदन नगर में हुई। परिवार ने उस खौफनाक रात का जिक्र करते हुए कहा कि वे डरे हुए हैं। यह परिवार हकीमुद्दीन शेख का है। हकीमुद्दीन एक रिटायर्ड सेना के जवान हैं। उन्होंने 1999 के करगिल युद्ध में हिस्सा लिया था। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि उन्हें आधी रात को पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

    पुलिस ने दी सफाई
    परिवार के सदस्य ने आरोप लगाया कि उन्हें थाने ले जाकर सुबह 3 बजे तक बैठाए रखा गया। उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर वे अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें बांग्लादेशी या रोहिंग्या घोषित कर दिया जाएगा। डीसीपी सोमय मुंडे ने कहा कि पुलिस को अवैध आप्रवासियों के बारे में जानकारी मिली थी। टीम जांच के लिए गई थी। बस परिवार से दस्तावेज मांगे गए। जब स्पष्ट हो गया कि वे भारतीय हैं, तो हमने उन्हें जाने दिया।

    16 साल सेना में रहे
    हकीमुद्दीन की अभी उम्र 58 साल की है। उन्होंने 1984 में सेना जॉइन की थी। वह सेना के 269 इंजीनियर रेजिमेंट में 16 साल तक रहे। वह 2000 में रिटायर हुए। हकीमुद्दीन ने कहा कि मैंने करगिल युद्ध में हिस्सा लिया। इस देश के लिए लड़ाई लड़ी। मेरा पूरा परिवार इसी देश का है। हमसे क्यों पूछा जा रहा है कि हम भारतीय हैं या नहीं? हमें अपनी भारतीयता साबित करने को क्यों कहा जा रहा है।

    उत्तर प्रदेश में रह रहे हैं हकीमुद्दीन
    हकीमुद्दीन का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का रहने वाला है। परिवार 1960 से पुणे आकर बस गया था। हकीमुद्दीन 2013 में पुणे छोड़कर अपने गृहनगर यूपी वापस चले गए। हालांकि हकीमुद्दीन के भाई, भतीजे और उनके परिवार अभी भी पुणे में ही रहता है। हकीमुद्दीन के भाई इरशाद शेख ने आरोप लगाया कि कुछ अनजान लोग नारे लगाते हुए उनके घर में घुसे। दरवाजों को लात मारी। उनके परिवार से भारतीयता के दस्तावेज मांगे। एक पुलिस वैन सड़क पर खड़ी थी। जिसमें उन लोगों को थाने ले जाया गया।

    परिवार ने उठाए सवाल
    इस परिवार में दो और आर्मी वेटरन हैं, शेख नईमुद्दीन और शेख मोहम्मद सलीम। नईमुद्दीन और सलीम ने 1965 और 1971 के युद्धों में भाग लिया था। इरशाद ने सवाल किया कि क्या सैनिकों के परिवारों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है? भारतीय होने का क्या मतलब है? कोई भी घर में घुसकर हमसे भारतीय होने से सबूत मांगेगा? परिवार का आरोप है कि उनके वैध दस्तावेजों को अस्वीकार कर दिया गया। हकीमुद्दीन के भतीजों नौशाद और नवाब शेख ने बताया कि आधार कार्ड दिखाने पर उसे फर्जी बता