अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर महाराष्ट्र सरकार सख्त
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अब सख्त रुख अपना रही है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को घोषणा की कि अवैध जन्म प्रमाण पत्रों का सत्यापन एक टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा और 15 अगस्त तक ऐसे सभी फर्जी प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया जाएगा। यह कदम राज्य में अवैध घुसपैठ को रोकने और कानूनी व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
42,000 से अधिक मामले
मंत्री बावनकुले ने बताया कि अब तक 42,000 से अधिक ऐसे मामलों का पता चला है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। अधिकारियों को ऐसे मामलों की पहचान करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। फर्जी प्रमाण पत्रों की प्रतियां राजस्व और स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएंगी, ताकि रिकॉर्ड दुरुस्त किए जा सकें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके। यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।
भाजपा नेता सोमैया ने लगाए थे आरोप
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस साल की शुरुआत में ही बांग्लादेशी नागरिकों को जाली दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने का आरोप लगाया था। उनके दावों के बाद, मालेगांव में दो अधिकारियों को निलंबित भी किया गया था। सोमैया ने हाल ही में बताया था कि पिछले दो महीनों में महाराष्ट्र सरकार ने 42,191 ऐसे जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए हैं, जो बांग्लादेश से आए अयोग्य व्यक्तियों को जारी किए गए थे। उन्होंने विशेष रूप से अकोला (3,948) और अमरावती (2,823) जैसे जिलों का उल्लेख किया, जहां ऐसे मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं।
40 हजार अवैध जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा मामला
यह घोटाला, जिसे सोमैया ने “बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला 2024” बताया, नायब तहसीलदारों द्वारा अधिकार के बाहर जाकर लगभग 40 हजार अवैध जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का मामला है। अकोला, अमरावती, नागपुर और मालेगांव जैसे जिले इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। महाराष्ट्र सरकार का यह त्वरित और निर्णायक कदम न केवल अवैध घुसपैठ को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोका जा सके। 15 अगस्त की समय-सीमा एक मजबूत संदेश है कि सरकार इस मुद्दे पर कोई ढिलाई नहीं बरतेगी।
Leave a Reply