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  • ब्लैक बॉक्स मिला, खुलेगा विमान हादसे का राज

    ब्लैक बॉक्स मिला, खुलेगा विमान हादसे का राज

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे, घटनास्थल का दौरा किया
    अहमदाबाद.
    अहमदाबाद विमान हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार की सुबह अहमदाबाद पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया। इधर, दुर्घटना के बाद पूर्व सीएम विजय रुपाणी की पत्नी अंजलि रूपाणी गुजरात के गांधीनगर स्थित अपने आवास पर पहुंचीं।

    विमान का ब्लैक बॉक्स मिला
    विमान दुर्घटना के बाद विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। ब्लैक बॉक्स दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद करता है। ब्लैक बॉक्स दुर्घटना से पहले कॉकपिट के अंदर और विमान प्रणाली में क्या हुआ, इसका सेकंड-दर-सेकंड जानकारी मुहैया कराता है।

    गुरुवार को शाह ने किया था दौरा
    अहमदाबाद में विमान हादसे के बाद गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि इस हादसे पूरा देश क्षुब्ध है। घटना के दौरान तापमान अधिक होने के कारण किसी को भी बचाने की कोई संभावना नहीं थी। शाह ने कहा कि सबसे पहले मैं भारत सरकार, गुजरात सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हताहत हुए लोगों को प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार घटना को लेकर विस्तृत जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर रही है, जो भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करेगी।

    डीएनए मैच के लिए मृतकों के परिजन पहुंचे
    हादसे में मारे गए लोगों के परिजन अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा है। परिवार के सदस्यों की डीएनए पहचान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासन मृतकों के परिजनों का विशेष ध्यान रख रही है।

  • देश में कोरोना से फिर होने लगी मौत

    देश में कोरोना से फिर होने लगी मौत

    1010 एक्टिव केस, देश में सबसे ज्यादा 430 मामले केरल से
    नई दिल्ली.
    कोरोना वायरस एक बार फिर देश में तेजी से फैल रहा है। भारत के कई बड़े शहरों और राज्यों में कोविड-19 के नए केस लगातार सामने आ रहे हैं और अब मौतों का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है। दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में संक्रमण की रफ्तार में अचानक तेजी आई है।

     

    14 लोगों की जान जा चुकी है
    ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में एक्टिव कोरोना केस की संख्या बढ़कर 1010 हो गई है। अब तक इसके संक्रमण के कारण 14 लोगों की जान जा चुकी है। देश में सबसे ज्यादा 430 एक्टिव मामले केरल से सामने आए हैं, जबकि महाराष्ट्र 210 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति की चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह व्यक्ति पंजाब के लुधियाना में काम करता था और सांस लेने में तकलीफ के चलते चंडीगढ़ रेफर किया गया था। वहां जांच में उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई। अबतक महाराष्ट्र में 3, केरल में 2 और एक कर्नाटक में मौत हुई है। इसी के साथ देश में कुल मृतकों की संख्या 6 हो गई है।

     

    पीएम मोदी के दौरे को लेकर विभाग अलर्ट
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी 29-30 मई के यूपी और बिहार दौरे को देखते हुए संबंधित राज्यों का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि पीएम की सुरक्षा के लिए उनके 100 मीटर के दायरे में रहने वाले सभी व्यक्तियों की कोविड-19 जांच की जाएगी। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के चार नए वैरिएंट की पहचान हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही ये नए वैरिएंट पहले के मुकाबले तेजी से फैल सकते हैं, लेकिन इनसे होने वाली बीमारी की गंभीरता फिलहाल कम आंकी जा रही है। फिर भी, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सतर्कता बरतने और मास्क पहनने, भीड़ से बचने व हाथ धोने जैसे कोविड नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।

  • ‘मन की बात’ में सिंदूर का यशोगान

    ‘मन की बात’ में सिंदूर का यशोगान

    पीएम मोदी ने ऑपरेशन की सफलता पर प्रकाश डाला, दिखाए ध्वस्त कोटली और भीमबर के आतंकी कैंप
    नई दिल्ली.
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो शो ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान नष्ट किए गए आतंकी शिविरों की तस्वीरें दिखाईं। बता दें, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम मोदी का यह पहला एपिसोड था।

    सशस्त्र बलों की प्रशंसा की
    प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सटीक हमले करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और पीओके में नष्ट किए गए ठिकानों ‘कोटली में गुलपुर और अब्बास कैंप और भीमबर में बरनाला कैंप’ को दिखाया। गुलपुर कैंप जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों के लिए एक प्रमुख आधार के रूप में काम करता था, जबकि अब्बास कैंप लश्कर के आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षित करने के लिए एक केंद्रीय केंद्र के रूप में काम करता था।

    देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट
    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जिस सटीकता और सटीकता के साथ हमारे बलों ने सीमा पार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, वह असाधारण है। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं है; यह हमारे संकल्प, साहस और बदलते भारत की तस्वीर है और इस तस्वीर ने पूरे देश में देशभक्ति की भावना भर दी है और इसे तिरंगे के रंग में रंग दिया है। आज पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, गुस्से और दृढ़ संकल्प से भरा हुआ है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना का पालन करते हुए मिशन की सफलता का श्रेय भारत की घरेलू रक्षा क्षमताओं को दिया।

    ऑपरेशन सिन्दूर के बारे में जानें
    22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों के विश्वसनीय सबूत जुटाने के बाद, भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए और पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों के कई शिविरों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। इसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

  • करणी माता का आशीर्वाद लेने जाएंगे पीएम मोदी

    करणी माता का आशीर्वाद लेने जाएंगे पीएम मोदी

    बॉर्डर विज़िट की अटकलें भी तेज
    नई दिल्ली.
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई 2025 को राजस्थान के सरहदी जिले बीकानेर का दौरा कर सकते हैं। इस बार दौरे की शुरुआत धार्मिक स्थल देशनोक के करणी माता मंदिर में दर्शन से होगी। पीएम मोदी के साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राजस्थान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और बीकानेर सांसद व केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री की राजस्थान यात्रा को लेकर प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। बीकानेर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि और बीकानेर एसपी कावेंद्र सिंह सागर खुद देशनोक में डेरा डाले हुए हैं, जहां वे सुरक्षा और व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं।

    देशनोक को मिलेगा नया रेलवे स्टेशन
    प्रधानमंत्री राजस्थान दौरे में बीकानेर जिले के देशनोक में तैयार हुए आधुनिक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी करेंगे। वहीं, लालगढ़ में बनकर तैयार दूसरा नया स्टेशन इस सूची में शामिल होगा या नहीं, इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह स्टेशन क्षेत्रीय यातायात के लिए अहम साबित होगा।

    सेना से भी मिल सकते हैं
    खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री विशेष विमान से बीकानेर नाल एयरबेस पहुंचेंगे, जहां से वे हेलीकॉप्टर के जरिए देशनोक जाएंगे। कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा बाकी है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सीमा क्षेत्र का दौरा कर जवानों से भी मुलाकात कर सकते हैं। देशनोक करणी माता मंदिर पाकिस्तान बॉर्डर से करीब 200 किलोमीटर दूर है जबकि नाल एयरबेस की दूरी करीब 180 किलोमीटर है। राजस्थान में चुनावी रंग के बाद अब प्रशासनिक मिशन राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी बीकानेर में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान रोड शो कर चुके हैं। उस दौरान जनसैलाब उमड़ पड़ा था। इस बार उनका दौरा राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और विकास कार्यों से जुड़ा है।

    तनोट मंदिर में फिर लौटी रौनक
    जैसलमेर के तनोट मंदिर क्षेत्र में हाल ही में लगे सुरक्षा प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। सीजफायर के बाद हालात सामान्य होने पर सीमा क्षेत्र में सैलानियों की आवाजाही बहाल कर दी गई है। बीएसएफ ने विशेष पूजा और आरती कर तनोट माता का आशीर्वाद लिया।

  • आ गया आतंकियों को मिट्टी में मिलने का समय

    आ गया आतंकियों को मिट्टी में मिलने का समय

    पीएम मोदी का पाकिस्तान को कड़ा सन्देश
    दरभंगा.
    पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम के आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।” यह कड़ा संदेश आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। इस दौरान उन्होंने 22 अप्रैल को हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और लोगों से कुछ पल मौन रखने की अपील की।

    कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी
    पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।

    मासूम देशवासियों को बेरहमी से मारा
    प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है। कोटि-कोटि देशवासी दुखी हैं। सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। इन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है। वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है। इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था, कोई मराठी, कोई गुजराती था, कोई यहां बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख और आक्रोश एक जैसा है।

    बिहार के विकास पर भी जोर दिया
    पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाने के साथ-साथ बिहार के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिसमें ग्रामीण विकास और महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, “आज पंचायती राज दिवस है और पूरा देश मिथिला और बिहार से जुड़ा है। इन प्रोजेक्ट्स से बिहार की तस्वीर बदलेगी।”

  • मोदी बोले- आरएसएस अमर संस्कृति का वट वृक्ष

    मोदी बोले- आरएसएस अमर संस्कृति का वट वृक्ष

    स्वयंसेवक का जीवन निस्वार्थ; हम देव से देश, राम से राष्ट्र का मंत्र लेकर चल रहे
    नागपुर.
    प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय केशव कुंज पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।

    34 मिनट का संबोधन
    बतौर प्रधानमंत्री मोदी की यह संघ मुख्यालय का पहला दौरा था। इससे पहले जुलाई 2013 में वह लोकसभा चुनाव के सिलसिले में हुई बैठक में शामिल होने नागपुर आए थे। प्रधानमंत्री ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने 34 मिनट की स्पीच में देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की।

    संघ की तारीफ
    उन्होंने संघ की तारीफ करते हुए कहा- राष्ट्रीय चेतना के लिए जो विचार 100 साल पहले संघ के रूप में बोया गया, वो आज महान वट वृक्ष के रूप में दुनिया के सामने हैं। ये आज भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को लागतार ऊर्जावान बना रहा है। स्वयंसेवक के लिए सेवा ही जीवन है। हम देव से देश, राम से राष्ट्र का मंत्र लेकर चल रहे हैं।

    पीएम की खास बातें
    – भारत के इतिहास में नजर डालें तो इसमें कई आक्रमण हुए। इतने आक्रमणों के बावजूद भी भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

    -मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, संत तुकाराम, संत रामदेव, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों ने अपने मौलिक विचारों से समाज में प्राण फूंके। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

    -स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज 100 वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धांत और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊंचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।

    -हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है।

    -भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है। देश का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी रिस्क-टेकिंग कैपेसिटी पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। वह इनोवेशन कर रहा है, स्टार्टअप की दुनिया में परचम लहरा रहा है। अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है।

    -महाकुंभ में हमने देखा कि लाखों-करोड़ों की संख्या में युवा पीढ़ी पहुंची और सनातन परंपरा से जुड़कर गौरव से भर उठी। भारत का युवा आज देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। यही युवा 2047 के विकसित भारत की ध्वजा थामे हुए हैं। मुझे भरोसा है कि संगठन, समर्पण और सेवा की त्रिवेणी विकसित भारत की यात्रा को ऊर्जा और दिशा देती रहेगी।

    -देश के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना हमारी प्राथमिकता है। गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बेहतरीन इलाज मिले, कोई भी देशवासी जीवन जीने की गरिमा से वंचित न रहे। जो बुजुर्ग अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर चुके हैं, उन्हें इलाज की चिंता न सताए, ऐसी परिस्थितियों में उन्हें न जीना पड़े।
    आयुष्मान भारत योजना के तहत करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। हजारों जनऔषधि केंद्र गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। करीब एक हजार डायलिसिस सेंटर मुफ्त में डायलिसिस सेवा प्रदान कर रहे हैं, जिससे देशवासियों के हजारों करोड़ रुपये बच रहे हैं।

    माधव नेत्रालय की नई बिल्डिंग की आधारशिला
    पीएम ने माधव नेत्रालय की नई बिल्डिंग की आधारशिला रखी। यह आई इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर का एक नया विस्तार है, जिसे साल 2014 में गोलवलकर की याद में स्थापित किया गया था। इस सेंटर में 250 बेड का अस्पताल, 14 आउट पेशेंट डिपार्टमेंट और 14 आधुनिक ऑपरेशन थिएटर होंगे।

    हेडगेवार-आंबेडकर को श्रद्धांजलि
    पीएम मोदी ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत के साथ संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने दीक्षाभूमि में डॉ. भीवराव आंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की।

    आत्मविश्वास से भरा हुआ है भारत का युवा
    पीएम ने कहा-आज भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है। हम देख रहे हैं कि भारत का युवा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उसकी रिस्क-टेकिंग कैपेसिटी पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। वह इनोवेशन कर रहा है, स्टार्टअप की दुनिया में परचम लहरा रहा है। अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है। खेल के मैदान से लेकर अंतरिक्ष की ऊंचाई तक राष्ट्र निर्माण की भावना से ओतप्रोत युवा आगे बढ़ रहे हैं। यही युवा 2047 के विकसित भारत की ध्वजा थामे हुए हैं। मुझे भरोसा है कि संगठन, समर्पण और सेवा की त्रिवेणी विकसित भारत की यात्रा को ऊर्जा और दिशा देती रहेगी।

    ड्रोन सिस्टम का अवलोकन
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा विकसित नागस्त्र-3 कामिकेज ड्रोन सिस्टम को अवलोकन किया। यह ड्रोन 100 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्यों को भेद सकता है और इसकी मारक क्षमता 5 घंटे से ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी सोलर इंडस्ट्रीज पहुंचे और यहां सोलर प्लांट में मध्यम ऊंचाई और लंबी दूरी के ड्रोन और उच्च ऊंचाई वाले लंबी दूरी के ड्रोन के लिए रनवे सुविधा का उद्घाटन किया।

    भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई
    पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने देश का इतिहास देखें तो सैकड़ों वर्षों की गुलामी, इतने आक्रमण, भारत की सामाजिक संरचना को मिटाने की इतनी क्रूर कोशिशें, लेकिन भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। कठिन से कठिन दौर में भी भारत में चेतना को जागृत रखने वाले नए-नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन का उदाहरण हम सभी को पता है। मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से हमारी राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी।

    महान विभूतियों को नमन
    उन्होंने कहा कि अगले ही महीने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की जयंती भी है। आज मैं दीक्षाभूमि पर बाबा साहेब को नमन किया है और उनका आशीर्वाद भी लिया है। मैं इन विभूतियों को नमन करते हुए देशवासियों को नवरात्रि और सभी पर्वों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ये दिन बहुत विशेष है। आज से नवरात्रि का पवित्र पर्व शुरू हो रहा है। देश के अलग अलग कोनों में आज गुड़ी पड़वा, उगादी और नवरेह त्योहार भी मनाया जा रहा है। आज भगवान झूलेलाल जी और गुरु अंगद देव जी का अवतरण दिवस भी है। ये हमारे प्रेरणापुंज परम पूज्यनीय डॉ साहब की जयंती का भी अवसर है। इसी साल आरएसएस की गौरवशाली यात्रा का 100 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। आज इस अवसर पर मुझे स्मृति मंदिर जाकर पूज्य डॉ. साहब और पूज्य गुरुजी को श्रद्धांजिल अर्पित करने का सौभाग्य मिला है।

  • आज का पहला पन्ना: राष्ट्रीय सपनों की उद्घोषणा

    आज का पहला पन्ना: राष्ट्रीय सपनों की उद्घोषणा

    यह लाल किले से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का नौवां स्वतंत्रता दिवस भाषण था। चूंकि यह वर्ष स्वतंत्रता का अमृत पर्व है, इसलिए यह समारोह; भाषण का भी एक अलग महत्व था। मोदी ने इस साल ‘घोघरी त्रिरंगा’ अभियान शुरू करके पहले ही अंतर का संकेत दे दिया है। उस विशिष्टता को लाल किले की विशेष सजावट, हर राज्य के युवाओं के सामने भारत के नक्शे के साथ, और खुद मोदी के व्यापक ऑन-स्क्रीन भाषण द्वारा उजागर किया गया था। यद्यपि प्रधान मंत्री के भाषण का दायरा लंबा है, अगर इसे बुलेट पॉइंट्स में समेटना है, तो इसे केवल दो शब्दों में समेटा जा सकता है, ‘राष्ट्रीय कार्यक्रम एजेंडा है’ और प्रत्येक भारतीय का अपेक्षित ‘राष्ट्रीय चरित्र’। बेशक, कोई भी नेता, चाहे वह प्रधानमंत्री लाल किले पर बोल रहा हो; उनके व्यवहार में एक राजनीतिक सबटेक्स्ट है। इतना स्पष्ट था कि भाषण के कुछ ही घंटों के भीतर कांग्रेस की प्रभारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘स्वतंत्रता आंदोलन का तुच्छीकरण’ करने की आलोचना की. राहुल गांधी ने बिना किसी प्रतिक्रिया के बस सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस भाषण से जुड़ी राजनीति के बारे में सोचना होगा; लेकिन इससे परे, निष्पक्ष रूप से परामर्श करना आवश्यक है कि प्रधान मंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दे भारत के भविष्य के पाठ्यक्रम के लिए फायदेमंद हैं या नहीं।

    देश भर के मीडिया द्वारा भाषण में उठाया गया मुद्दा भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद है। कहा जा रहा है कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। प्रौद्योगिकी के साथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना; साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए कई अन्य मुद्दों को ‘महाराष्ट्र टाइम्स’ ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संपादकीय में भी उठाया था। मोदी ने दावा किया कि तकनीक की मदद से सीधे सब्सिडी देने से दो लाख करोड़ रुपये के गबन की बचत हुई है. यह राशि बहुत बड़ी है; लेकिन आज भी हमारा सार्वजनिक जीवन और मामले भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हैं। इसलिए उन्होंने इसे दीमक कहा। वह असली है। उनके द्वारा उठाया गया एक और मुद्दा वंशवाद का है। ‘मैं यह सिर्फ राजनीति के लिए नहीं कह रहा हूं। सभी क्षेत्रों में भाई-भतीजावाद के कारण युवाओं का मोहभंग हो गया है। वे निराश हो जाते हैं, ‘मोदी ने कहा। यह भी सत्य है। वंशवाद केवल किसी पार्टी या संगठन को नियंत्रित करने वाले परिवार के बारे में नहीं है। छोटी-सी शक्ति भी हाथ में आ जाए, तो उसे अपने घर में रखने का संघर्ष ही वंशवाद है। हमने लोकतंत्र की रक्षा की; हालाँकि, भले ही हम साधारण निजी ट्रस्ट संगठन यानी ट्रस्ट पर विचार करें, सैकड़ों उदाहरण दिए जा सकते हैं कि राजवंश कैसे काम करते हैं। यही व्यवसाय है। उद्योगों में समान और कला सहित सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में समान। जैसा कि भारतीय परिवार व्यवस्था कभी-कभी महिला शक्ति के सम्मान के रास्ते में आती है जिसका प्रधान मंत्री ने विशेष रूप से उल्लेख किया है; उसी तरह वंशवादी शासन चलाने में यह परिवार संगठन बड़ी भूमिका निभाता है। मोदी ने भी इसी भाषण में इस परिवार व्यवस्था की तारीफ की थी. यह उनके भाषण में विरोधाभास था। यह स्वाभाविक भी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय समाज और संस्कृति की कुछ धाराएं ऐसे अंतर्विरोधों से भरी हैं। यदि ऐसा अंतर्विरोध न होता तो इतनी दृढ़ता से यह कहना क्यों आवश्यक होता कि ‘यात्रा नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:’ कहने वाले समाज में ‘महिलाओं को समान अधिकार, समान सम्मान’ मिलना चाहिए?

    पिछले साल मोदी ने नौकरशाही की जमकर आलोचना की थी. इस तरह की भ्रष्ट नौकरशाही, सार्वभौमिक भाई-भतीजावाद और ईश्वर जैसे भ्रष्टाचार ने वास्तव में भारतीय समाज को गंभीर संकट में डाल दिया है। यदि मोदी अपने भाषण के दूसरे भाग में उल्लिखित ‘पंचप्राण’ को लागू करते हैं, तो देश की सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। पांचवां नागरिकों का कर्तव्य है। यदि इसे गंभीरता से लिया जाता है तो यह भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगा, महिलाओं सहित हर दूसरे नागरिक के साथ समान व्यवहार करेगा; लेकिन एक नियम है कि हमें नेताओं के भाषणों को अपनी सुविधानुसार लेना चाहिए और उनका ‘वेटेज’ तय करना चाहिए; इसलिए ‘हमारी परंपरा और विरासत का गौरव’ वाक्यांश कई लोगों को प्रिय होगा। हालांकि यह महत्वपूर्ण है; लेकिन ‘अपने दिल में गुलामी का एक तत्व मत रखो’ एक और ‘चुनौती’ है जो बेहद मुश्किल है। हम इतने अधिक लिप्त हैं कि छोटे से छोटे प्रभाव भी हटा दिए जाते हैं; लेकिन इसे अहंकार न बनने दें, यह वास्तव में सत्त्व परीक्षा है। मोदी के भाषण की राजनीति को छोड़कर इस पर हर तरफ राष्ट्रीय चर्चा होनी चाहिए. ऐसा नहीं होगा क्योंकि दोनों पक्ष केवल खामियों को दूर करने में रुचि रखते हैं। यदि इस तरह की चर्चा होती है, तो आगे के रास्ते का कुछ आम सहमति राष्ट्रीय कार्यक्रम सामने आ सकता है।

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