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ऋण सोसाइटी से पंजीकृत होंगी लाड़ली बहनें

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मिलेगी वित्तीय सहायता, होंगी आत्मनिर्भर
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी महत्त्वाकांक्षी लाडकी बहिन योजना के तहत अब राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से और सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत लाभार्थी महिलाओं के माध्यम से महिला शहरी सहकारी ऋण सोसायटी गठित कर उन्हें पंजीकृत करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इस पहल के जरिए महिलाओं को न सिर्फ वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि वे खुद की सहकारी संस्था की जिम्मेदारी भी संभालेंगी और व्यवसायिक निर्णय लेने की भूमिका में भी रहेंगी।

यह है मानदंड?
सरकार के 8 मार्च 2019 के परिपत्रक के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रीय स्तरों पर महिलाओं द्वारा गठित संस्थाओं के पंजीकरण के लिए निम्नलिखित मानदंड निर्धारित किए गए हैं- नगरपालिका क्षेत्र: कम से कम 500 सदस्य, और 5 लाख रुपये पूंजी, गांव कार्यक्षेत्र : कम से कम 250 सदस्य, और 1.5 लाख रुपये पूंजी, तालुका स्तर: कम से कम 500 सदस्य, और 5 लाख रुपये पूंजी, जिला स्तर : कम से कम 1,500 सदस्य और 10 लाख रुपये पूंजी। इन मानदंडों को पूरा करने वाली संस्थाएं पंजीकरण के लिए पात्र होंगी।

महिला व बाल विकास विभाग की सहभागिता
इस पूरी प्रक्रिया में महिला व बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सहकार विभाग महिलाओं की सूची इस विभाग से प्रमाणित करवा कर ही आगे की प्रक्रिया पूरी करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह एक नवाचारपूर्ण योजना है, जिससे महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगी, बल्कि वे अपने गांव से लेकर जिला स्तर तक स्वयं की पतसंस्थाएं चला सकेंगी और खुद का व्यवसाय खड़ा कर सकेंगी।”

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जून महीने की किस्त का इंतजार
महाराष्ट्र सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट है कि लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) केवल अब एक आर्थिक सहायता देने वाली योजना तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और नेतृत्व में सक्षम बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। बता दें कि जुलाई 2024 से शुरू इस योजना के तहत अब तक पात्र महिलाओं को 11 किश्तों में कुल 16,500 रुपये की राशि दी जा चुकी है। फिलहाल लाड़ली बहनें जून महीने की 1500 रुपये की बारहवीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहीं हैं।