रोहिंग्या घुसपैठियों के दावे को सुप्रीम कोर्ट ने कहा मनगढंत

0
3
Supreme Court calls claims of Rohingya intruders fabricated

ली चुटकी-कहां से गढ़ते हो ऐसी खूबसूरत कहानियां
नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रोहिंग्या घुसपैठियों के इस दावे पर विश्वास करने से इनकार कर दिया कि उन्हें लाइफ जैकेट पहना कर समुद्र में फेंका जा रहा है। दो रोहिंग्या की याचिका पर जस्टिस एनके सिंह के साथ सुनवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कहा हर बार आपके पास एक नई कहानी होती है। अब यह खूबसूरती से गढ़ी गई कहानी कहां से आ रही है? …वीडियो और फोटो कौन क्लिक कर रहा था? वह वापस कैसे आया? रिकॉर्ड में क्या सामग्री है? देश इतने कठिन समय से गुजर रहा है, आप ये काल्पनिक याचिकाएं लेकर आते हैं।

सबूत विश्वसनीय हो
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि बिना विश्वसनीय सबूत के वे कोई दखल नहीं करेंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजाल्वेज ने कहा कि शरणार्थियों को अंडमान ले जाकर समुद्र में छोड़ने के फोन कॉल आए हैं और सोशल मीडिया और विदेशी मीडिया पर विश्वसनीय रिपोर्टें हैं। उन्होंने इस मामले में जांच का निर्देश देने की मांग की। कोर्ट ने कहा कि रेकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है, इसलिए दखल नहीं दे सकते।

सोशल मीडिया की सामग्री से याचिका नहीं
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह मुद्दा किसी अन्य देश में उठा होगा, हमें नहीं पता कि उनके पास क्या सामग्री थी। अगर सबूत है तो हम मानवाधिकार मुद्दों पर भी आदेश दे सकते हैं, लेकिन हर दिन आप सोशल मीडिया से सामग्री एकत्र नहीं कर सकते और याचिका दायर नहीं कर सकते। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (16 मई, 2025) को उन याचिकाकर्ताओं की आलोचना की, जिन्होंने दावा किया था कि महिलाओं और बच्चों सहित 43 रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजने के लिए अंडमान सागर में छोड़ दिया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here