शहरी विकास की कीमत, 22 घर जमींदोज

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The price of urban development, 22 houses demolished

केलीबाग रोड के चौड़ीकरण का काम तेज
नागपुर.
नागपुर के महल इलाके में केलीबाग रोड के चौड़ीकरण के लिए 22 मकानों को ध्वस्त करना पड़ा है। हालांकि इन संपत्ति मालिकों को मुआवजा दिया गया है, पर यह शहरी विकास की उस कठोर सच्चाई को दर्शाता है, जहां बेहतर बुनियादी ढांचे के लिए कुछ लोगों को विस्थापित होना पड़ता है। केलीबाग रोड का चौड़ीकरण शहर के यातायात प्रवाह को सुगम बनाएगा और बेहतर कनेक्टिविटी देगा, लेकिन यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ऐसे विकास कार्यों में प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा और उचित पुनर्वास मिले।

प्रभावितों को मुआवजे दिए गए
महल क्षेत्र में प्रस्तावित केलीबाग रोड के चौड़ीकरण के लिए बड़ी कार्रवाई की गई। गांधीबाग जोन और अतिक्रमण निर्मूलन विभाग ने सीपी एंड बेरार कॉलेज चौक से रामाजी पहलवान चौक तक रास्ते में बाधा बन रहे कुल 22 मकानों को ध्वस्त कर दिया। गांधीबाग जोन के उपायुक्त गणेश राठौड़ ने बताया कि जिन संपत्ति मालिकों के मकानों पर कार्रवाई की गई, उन्हें पहले ही मुआवजा दिया जा चुका था। यह कार्रवाई नागपुर शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार और यातायात को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बेहतर कनेक्टिविटी की कवायद
शहर के मध्य में स्थित केलीबाग रोड पर चौड़ीकरण की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, ताकि बढ़ती यातायात घनत्व को संभाला जा सके और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके। इस परियोजना से क्षेत्र में यातायात का प्रवाह सुधरेगा और सार्वजनिक परिवहन को भी लाभ होगा। हालांकि, तोड़फोड़ की इस कार्रवाई को शुरू में विरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण मंगलवार को तोड़ूदस्ते को वापस लौटना पड़ा। लेकिन, प्रशासन ने मुआवजे की प्रक्रिया पूरी करने के बाद और स्पष्टता के साथ आगे बढ़कर यह सुनिश्चित किया कि परियोजना को पूरा किया जा सके। इस तरह के शहरी विकास परियोजनाओं में अक्सर निवासियों को असुविधा होती है, लेकिन नागपुर महानगर पालिका का लक्ष्य शहर के समग्र विकास के लिए आवश्यक कदम उठाना है, जबकि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा प्रदान करना भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

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