‘साउथ इंडियन’ पर भड़के ‘तमाचा एक्सपर्ट’ गायकवाड

कहा- चलाते हैं डांस बार, बिगड़ रही संस्कृति
मुंबई.
मुंबई की कैंटीन में कर्मचारी को पीटने के बाद शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने एक और विवादित बयान दिया है। गायकवाड़ ने कहा है कि दक्षिण भारतीयों को खाने के ठेके नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि वे डांस बार और लेडीज बार चलाते हैं और उन्हें अच्छा खाना परोसना नहीं आता।

जानें, कौन हैं विधायक गायकवाड
गायकवाड़ ने खाने की गुणवत्ता ठीक नहीं होने पर मुंबई में एक कैंटीन कर्मचारी को पीटा था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद भी गायकवाड़ ने कोई अफसोस व्यक्त नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि वह एक विधायक होने के साथ फाइटर भी हैं। इसके बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। अब संजय गायकवाड़ ने फिर विवादित बयान दिया है। गायकवाड़ महाराष्ट्र के बुलढाणा से विधायक हैं और उन्होंने आकाशवाणी की कैंटीन में मारपीट की थी।

“बिगाड़ते हैं महाराष्ट्र की संस्कृति”
विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, “शेट्टी नाम के ठेकेदार को ठेका क्यों दिया गया? इसे किसी मराठी व्यक्ति को दिया जाए। वे जानते हैं कि हम क्या खाते हैं और हमें अच्छी क्वालिटी का खाना देंगे। दक्षिण भारतीय डांस बार, लेडीज बार चलाते हैं और महाराष्ट्र की संस्कृति को खराब करते हैं। उन्होंने हमारे बच्चों को भ्रष्ट कर दिया है। वे अच्छा खाना कैसे परोसेंगे? संजय गायकवाड़ ने यह बयान ऐसे वक्त पर दिया है जब कैंटीन कर्मचारी को पीटने के मामले पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने नाराजगी व्यक्त की थी और विधानसभा के अध्यक्ष को एक्शन लेने के लिए कहा था। इतना ही नहीं, एकनाथ शिंदे भी गायकवाड़ के व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की थी।

ठेकेदार का लाइसेंस निलंबित
कैंटीन की घटना के बाद संजय गायकवाड़ सुर्खियों में हैं। इससे पहले उन्होंने राहुल गांधी के एक बयान पर नाराज होकर उनकी जीभ काटने वाले को ईनाम देने का ऐलान किया था। इससे पहले उनके ऊपर अपनी गाड़ी सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों से धुलवाने के आरोप लगे थे। हालांकि, कैंटीन विवाद के बाद मैनेजर और लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे। अब खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कैंटीन चलाने वाले ठेकेदार का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। विभाग ने यह कार्रवाई वहां पर परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच के बाद की है। एफडीए ने पाया कि खाना अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में पकाया जा रहा था।

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