Category: राष्ट्रिय

  • अब 4 नहीं, 24 घंटे पहले बनेगा चार्ट

    अब 4 नहीं, 24 घंटे पहले बनेगा चार्ट

    वेटिंग लिस्ट को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी में रेलवे
    नई दिल्ली.
    भारतीय रेलवे ट्रेन के रवाना होने से पूरे 24 घंटे पहले अंतिम यात्री चार्ट जारी करने पर काम कर रहा है। वर्तमान में, अंतिम आरक्षण चार्ट, जो बुक किए गए और प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की स्थिति की पुष्टि करता है, ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन से प्रस्थान से सिर्फ़ चार घंटे पहले तैयार किया जाता है। यदि यह नया प्रस्ताव सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यात्रियों को अपनी टिकट की स्थिति पहले से ही जाँचने और उसके अनुसार विकल्प की योजना बनाने की सुविधा मिलेगी।

    भीड़ और भ्रम को कम करने का प्रयास
    रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह कदम रेलवे संचालन को आधुनिक बनाने, सेवाओं को सुव्यवस्थित करने और स्टेशनों पर अंतिम समय में होने वाली भीड़ और भ्रम को कम करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस परीक्षण के शुरुआती नतीजे बहुत ही आशाजनक रहे हैं। पहले चार दिनों में ही यात्रियों को अधिक स्पष्टता का अनुभव हुआ और उन्हें अपनी यात्रा की योजना बनाने के लिए अधिक समय मिला। अब तक, अंतिम आरक्षण चार्ट आमतौर पर ट्रेन के प्रस्थान से केवल 2.5 से 4 घंटे पहले तैयार किया जाता था। इससे यात्रियों के पास टिकट कन्फर्म न होने पर वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए बहुत कम समय बचता था।

    व्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद
    नई प्रणाली के साथ, प्रतीक्षा सूची वाले टिकट वाले यात्रियों को एक पूरा दिन पहले पता चल जाएगा कि वे ट्रेन में चढ़ सकते हैं या नहीं। यह विशेष रूप से दिल्ली-बिहार, यूपी-मुंबई या बंगाल-गुजरात जैसे उच्च मांग वाले मार्गों पर यात्रा करने वालों के लिए मददगार होगा, जहाँ प्रतीक्षा सूची अक्सर सैकड़ों में होती है और टिकटों पर अक्सर “खेद” लिखा होता है। इस पहल से भारतीय रेलवे को बेहतर योजना बनाने में भी मदद मिलेगी। कितने यात्रियों के पास कन्फर्म टिकट हैं और कितने अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हैं, इस बारे में शुरुआती डेटा के साथ, रेलवे अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था कर सकता है, क्लोन ट्रेनें चला सकता है या पहले से ही अन्य व्यवस्था कर सकता है। इस सक्रिय दृष्टिकोण से भीड़ कम होने और समग्र यात्रा अनुभव में सुधार होने की उम्मीद है।

  • अमरनाथ गुफा में हुई प्रथम पूजा

    अमरनाथ गुफा में हुई प्रथम पूजा

    एलजी मनोज सिन्हा ने किया सबसे पहले दर्शन
    जम्मू.
    जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देश भर के श्रद्धालुओं को 3 जुलाई से शुरू हो रही श्री अमरनाथ जी यात्रा में बड़ी संख्या में भाग लेने का निमंत्रण दिया है। उपराज्यपाल ने तीर्थयात्रा को न केवल एक पवित्र आध्यात्मिक यात्रा बताया, बल्कि इसे जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना भी बताया। उन्होंने कहा कि मैं बाबा के सभी भक्तों से अनुरोध करूंगा कि वे बड़ी संख्या में आएं। तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है… सुरक्षा की दृष्टि से जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियों ने अच्छे इंतजाम किए हैं।

    व्यापक तैयारियों का दिया हवाला
    बाबा बर्फानी के पवित्र गुफा मंदिर की अपनी यात्रा के दौरान, उपराज्यपाल सिन्हा ने पारंपरिक ‘प्रथम पूजा’ की, जो वार्षिक तीर्थयात्रा की औपचारिक शुरुआत को चिह्नित करता है। उन्होंने कहा, “हर हर महादेव! बाबा बर्फानी को मेरी श्रद्धांजलि अर्पित की और पवित्र गुफा में ‘प्रथम पूजा’ की। बाबा अमरनाथजी हम सभी पर अपना दिव्य आशीर्वाद बनाए रखें।” चल रही व्यापक तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए, एलजी सिन्हा ने श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी), जम्मू-कश्मीर प्रशासन, सेना, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य हितधारकों के संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा की।

    सुरक्षा बढ़ा दी गई है
    उन्होंने कहा कि सभी विभाग सभी यात्रियों के लिए एक सुचारू, परेशानी मुक्त और सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा, समर्पण और समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना, सीआरपीएफ, सीएपीएफ और अन्य एजेंसियां इस वर्ष पवित्र गुफा में आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध कर रही हैं।

  • न्यायिक सक्रियता, न्यायिक आतंकवाद में तब्दील ना हो’

    न्यायिक सक्रियता, न्यायिक आतंकवाद में तब्दील ना हो’

    सीजेआई गवई ने संविधान को स्याही में उकेरी गई शांत क्रांति बताया
    नई दिल्ली.
    भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने संविधान को “स्याही में उकेरी गई एक शांत क्रांति” और एक परिवर्तनकारी शक्ति बताया जो न केवल अधिकारों की गारंटी देता है, बल्कि ऐतिहासिक रूप से उत्पीड़ित लोगों का सक्रिय रूप से उत्थान करता है। वे ऑक्सफोर्ड यूनियन में ‘प्रतिनिधित्व से लेकर कार्यान्वयन तक: संविधान के वादे को मूर्त रूप देना’ विषय पर बोल रहे थे। बी आर गवई ने ‘न्यायिक सक्रियता’ से ‘न्यायिक आतंकवाद’ की ओर जाने के प्रति भी आगाह किया।

    सीमाएं लांघने का प्रयास
    सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने कहा कि यद्यपि न्यायिक सक्रियता भारत में प्रासंगिक है, लेकिन न्यापालिका का ऐसे क्षेत्र में कदम रखना अच्छी बात नहीं होगी जहां उसे प्रवेश नहीं करना चाहिए। न्यायिक सक्रियता तो बनी रहेगी लेकिन इसके साथ न्यायिक सक्रियता को न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलना चाहिए। कभी-कभी आप सीमाएं लांघने का प्रयास करते हैं और ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं, जहां सामान्यतः न्यायपालिका को प्रवेश नहीं करना चाहिए।”

    टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो
    उन्होंने कहा कि अगर विधायिका या कार्यपालिका लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के अपने कर्तव्यों में असफल रहती है तो न्यायपालिका हस्तक्षेप करेगी। हालांकि, न्यायिक समीक्षा की शक्ति का इस्तेमाल दुर्लभ मामलों में ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यापालिका को अपनी उस शक्ति (न्यायिक समीक्षा) का प्रयोग बहुत सीमित क्षेत्र में और बहुत अपवाद स्वरूप मामलों में करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे कि कोई कानून संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता हो या संविधान के किसी मौलिक अधिकार के साथ सीधे टकराव की स्थिति में आता हो या यदि कानून बहुत अधिक मनमाना या भेदभावपूर्ण हो तो न्यायालय इसका प्रयोग कर सकते हैं और न्यायालयों ने ऐसा किया भी है।

  • 7000 के करीब पहुंचे कोरोना मरीज

    7000 के करीब पहुंचे कोरोना मरीज

    देश में संक्रमण की गति तेज
    नई दिल्ली.
    देशभर में कोराना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या मंगलवार सुबह तक 6815 पहुंच गयी और पिछले 24 घंटों के दौरान इसके संक्रमण से तीन और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 68 पहुंच गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आज सुबह आठ बजे तक 324 नए संक्रमण के मामले सामने आए, जिससे कुल सक्रिय मामलों की संख्या 6,815 हो गई और इस बीमारी के संक्रमण से 7644 मरीज स्वस्थ हो गये हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से तीन और मरीजों की जान जाने से मृतकों की संख्या 68 हो गयी है। इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी, केरल और झारखंड से एक-एक मरीज की मौत हुई है।

    सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज
    मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज किए गए हैं। देश में 30 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में कोरोना सक्रिय मामलों में वृद्धि हुई है। जिनमें से केरल, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। कोरोना संक्रमण के मामले में केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, जहां आज सुबह तक 96 सक्रिय मामले बढ़ने के साथ इसका आंकड़ा दो हजार पार कर 2053 तक पहुंच गया और दिल्ली में लगभग 37 मामलों के घटने से संक्रमितों की कुल संख्या 691 रह गई।

    अन्य प्रदेशों में स्थिति
    इसके अलावा गुजरात में 1109, पश्चिम बंगाल में 747, महाराष्ट्र में 613, कर्नाटक में 559, तमिलनाडु में 207, उत्तर प्रदेश में 225, राजस्थान में 124, हरियाणा में 108, आंध्र प्रदेश में 86, पुड्डुचेरी में नौ, सिक्किम में 36, मध्य प्रदेश में 52, छत्तीसगढ़ में 44, बिहार में 48, ओडिशा में 39, पंजाब में 30, जम्मू-कश्मीर में नौ, झारखंड में छह, असम में तीन, गोवा में पांच, तेलंगाना में 10, उत्तराखंड में छह, हिमाचल प्रदेश तीन, चंड़ीगढ़ में दो और त्रिपुरा में एक सक्रिय मामले हैं। मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण को कोई मामला सामने नहीं आया है।

    सावधानी बरतने की आवश्यकता
    स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार देश में कोविड मामलों में मौजूदा उछाल ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट जैसे कि जेएन.1, एनबी.1.8.1, एलएफ.7 और एक्सएफसी के कारण है। इनमें संक्रमण की संभावना अधिक है, लेकिन इनमें लक्षण हल्के हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन्हें वर्तमान में निगरानी में रखे गए वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है – अभी तक चिंता का विषय नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

    बीमारियों का आवर्ती चक्र
    कोराना के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-सीओवी-2 खत्म नहीं हुआ है, लेकिन यह अब अप्रत्याशित आपातकाल की तरह व्यवहार नहीं करता है – बल्कि, यह फ्लू की तरह बीमारियों के आवर्ती चक्र का हिस्सा बन गया है। कोरोना के मामलों में वृद्धि के जवाब में, केंद्र सरकार ने अस्पतालों की तैयारी और ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न राज्यों में मॉक ड्रिल शुरू की है।

  • 2034 आम चुनाव से लागू हो सकता है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’

    2034 आम चुनाव से लागू हो सकता है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’

    तब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का कार्यकाल केवल दो साल का होगा
    नई दिल्ली.
    देश में तमाम बड़े कानूनी और प्रशासनिक सुधार कर चुकी मोदी सरकार अब ‘एक देश, एक चुनाव’ के संकल्प को सिद्ध करने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए संविधान संशोधन विधेयक पारित किए जाने के बाद 2034 तक देश भर में पहली बार एक साथ चुनाव कराने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत, 2029 के बाद निर्वाचित होने वाली सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल छोटा रखा जाएगा ताकि उनका कार्यकाल 2034 के आम चुनावों के साथ मेल खा सके।

    यह है प्रावधान
    हम आपको बता दें कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक (संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024) पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष पी.पी. चौधरी ने मीडिया को बताया है कि 2027 के बाद, 2032 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का कार्यकाल केवल दो साल का हो सकता है, ताकि देश की सबसे बड़ी राज्य विधानसभा के चुनाव 2034 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ समन्वित किए जा सकें। बता दें कि संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित कानून (संशोधन विधेयक), 2024 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान है।

    तब ऐसी होगी व्यवस्था
    संविधान संशोधन विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रपति लोकसभा के आम चुनाव के बाद पहली बैठक की तिथि पर एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं (संभवतः 2029 में होने वाले आम चुनाव के बाद), जिसमें अगले आम चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी। इसके बाद गठित की गई सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल उस लोकसभा के पांच वर्षीय कार्यकाल के साथ समाप्त हो जाएगा। यदि लोकसभा या कोई राज्य विधानसभा पाँच वर्ष पूरे होने से पहले भंग हो जाती है, तो उसके लिए चुनाव केवल शेष कार्यकाल के लिए कराए जाएंगे। इससे अगले चुनावों को एक साथ कराने की समय-सीमा सुनिश्चित की जाएगी। जिन राज्यों में चुनाव निर्धारित समय के अनुसार होंगे, वहाँ भी चुनाव केवल लोकसभा चुनावों के साथ समन्वय में ही कराए जाएंगे।

    ज़मीनी फीडबैक लिया जाएगा
    हालाँकि, विधेयक यह भी प्रावधान करता है कि यदि चुनाव आयोग को लगता है कि किसी राज्य विधानसभा का चुनाव देश के बाकी हिस्सों के साथ एक साथ कराना संभव नहीं है, तो वह राष्ट्रपति को इस बारे में सिफारिश कर सकता है। इसके बाद राष्ट्रपति उस विधानसभा के लिए किसी अन्य तिथि को चुनाव कराने का आदेश जारी कर सकते हैं। राजस्थान के पाली से भाजपा सांसद और संसदीय समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि जेपीसी की कार्यशैली को देखते हुए इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि समिति के सदस्यों के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करने पर सहमति बनी है, ताकि अंतिम सिफारिशें देने से पहले ज़मीनी फीडबैक लिया जा सके।

    इसके पीछे उद्देश्य यह है
    हम आपको याद दिला दें कि वर्ष 1951-52 से वर्ष 1967 तक लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनाव अधिकतर साथ-साथ कराए गए थे और इसके पश्चात् यह चक्र टूट गया। अब देश के किसी ना किसी भाग में हर साल चुनाव होते रहते हैं, जिससे सरकार का खर्च तो अधिक होता ही है, आदर्श आचार संहिता के कारण विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन भी प्रभावित होता है साथ ही चुनावों में लगाए गए सुरक्षा बलों और अन्य निर्वाचन अधिकारियों की तैनाती के कारण उनके मूल विभाग से जुड़े कार्य भी प्रभावित होते हैं।

  • मोदी सरकार के 11 वर्ष की 10 जून से गिनाई जाएंगी उपलब्धियां

    मोदी सरकार के 11 वर्ष की 10 जून से गिनाई जाएंगी उपलब्धियां

    सीएम योगी अभियान की करेंगे शुरुआत
    लखनऊ.
    केंद्र की मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के मौके पर 10 से 21 जून तक प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान विकसित भारत का अमृतकाल एवं सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्षों पर केंद्रित होगा। पहले दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकार वार्ता करेंगे और प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। सरकार की उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी सभी जिलों में लगाई जाएगी, प्रबुद्ध समागम होगा व इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय लोगों के लिए डिजिटल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मंडल स्तर पर विकसित भारत संकल्प सभा का आयोजन होगा व शक्ति केंद्रों पर चौपाल आयोजित की जाएंगी।

    सशक्त भारत-सुरक्षित भारत
    मुख्यमंत्री की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद जिला स्तर पर 11 व 12 जून को प्रेस कान्फ्रेंस होंगी। इसमें पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, सरकार के मंत्री या सांसद संबोधित करेंगे। जिलों में प्रबुद्ध समागम होगा। इसमें तीन अलग-अलग वक्ता तीन विषयों पर बोलेंगे। इसमें विकसित भारत की संकल्पना एवं हमारी भूमिका, सेवा सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष एवं सशक्त भारत-सुरक्षित भारत विषय हैं। इसके वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी अपलोड किए जाएंगे। इंटरनेट मीडिया से जुड़े लोगों के लिए डिजिटल प्रतियोगिता ‘बदलता भारत मेरा अनुभव’ विषय पर कराई जाएगी। मायजीओवी पोर्टल पर जाकर शार्ट वीडियो, ब्लाग व क्विज में हिस्सा ले सकेंगे।

    कार्यक्रम इस प्रकार है
    13 से 15 जून तक मंडल स्तर पर विकसित भारत संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान उपस्थित लोगों को विकसित भारत के लिए संकल्प दिलाने के साथ ही संकल्प की प्रति भी भेंट की जाएगी। शक्ति केंद्रों पर चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नगरीय क्षेत्रों में मोहल्ला चौपाल एवं पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन होगा। इसमें आयुष्मान योजना के कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों का पंजीकरण कराने के साथ ही उन्हें आयुष्मान कार्ड वितरित किया जाएगा। यहां उपस्थित लोगों को विकसित भारत का संकल्प दिलाया जाएगा। प्रत्येक चौपाल में पांच लाभार्थियों के अनुभव का वीडियो रिकार्ड कर उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ता मोदी सरकार की 11 वर्ष की उपलब्धियों से जुड़े साहित्य घर-घर पहुंचाएंगे।

  • भारत के करीब समंदर में विस्फोट, 4 लापता

    भारत के करीब समंदर में विस्फोट, 4 लापता

    काले धुएं का गुबार में समाया जहाज
    मुंबई.
    केरल तट के पास सिंगापुर के झंडे वाले कंटेनर जहाज एमवी वान हाई 503 में भीषण विस्फोट हुआ है। इसको देखते हुए भारतीय नौसेना ने राहत और बचाव कार्य के लिए आईएनएस सूरत को डायवर्ट किया है। इस विस्फोट की सबसे पहले सूचना मुंबई में मैराइन ऑपरेशन सेंटर ने सुबह करीब 10.30 बजे दी।

    कोलंबो के लिए रवाना हुआ था जहाज
    जानकारी के मुताबिक 270 मीटर लंबा और 12.5 मीटर डायमीटर वाला यह जहाज 7 जून 2025 को कोलंबो से मुंबई के लिए रवाना हुआ था, जिसके 10 जून 2025 को अपने मंजिल तक पहुंचने की उम्मीद थी। इसको लेकर पीआरओ ने एक संदेश जारी करते हुए कहा,’ 9 जून 2025 को लगभग 10: 30 बजे वान हाई 503 पर एक अंडरडेक विस्फोट के बारे में सूचना मिली। यह जहाज एक सिंगापुर ध्वज कंटेनर जहाज है, जो 270 मीटर लंबा और 12.5 मीटर ड्राफ्ट वाला एलपीसी कोलंबो है।’

    जहाज का बदला रास्ता
    पीआरओ ने कहा कि इंडियन नेवी ने इसको लेकर तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए आईएनएससूरत को कोच्चि में डॉक करने के लिए रवाना किया। पीआरओ के मुताबिक पश्चिमी नौसेना कमान ने सुबह 11 बजे जहाज का रास्ता बदला। घटना के बाद जहाज के 4 चालक दल लापता बताए जा रहे हैं।

    चल रहा रेस्क्यू अभियान
    एक अपडेट जारी करते हुए पीआरओ ने कहा,’ 22 चालक दल के सदस्यों में से 18 ने जहाज को नाव पर छोड़ दिया है। चालक दल के सदस्यों को तटरक्षक और भारतीय नौसेना की सहायता से बचाया जा रहा है। जहाज में फिलहाल आग लगी हुई है और वह बह रहा है।’ स्थिति का आकलन करने और मदद करने के लिए कोच्चि स्थित नेवी एयर स्टेशन आईएनएस गरुड़ से नौसेना डोर्नियर विमान की उड़ान की भी योजना बनाई जा रही है।

  • दिल्ली एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें 90 दिन रद्द

    दिल्ली एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें 90 दिन रद्द

    रनवे अपग्रेडेशन के लिए बंद किया जाएगा
    नई दिल्ली.
    दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों को अगले 90 दिनों तक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 15 जून से 15 सितंबर 2025 तक एयरपोर्ट के एक प्रमुख रनवे 10/28 को अपग्रेडेशन के लिए बंद किया जाएगा। इस दौरान प्रतिदिन लगभग 114 उड़ानें रद्द होंगी और 43 उड़ानों के समय में बदलाव होगा, जिससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है।

    क्यों हो रहा है रनवे का अपग्रेडेशन?
    दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार के अनुसार, रनवे 10/28 का उन्नयन भविष्य में कोहरे के मौसम में उड़ानों को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए किया जा रहा है। इस अपग्रेड में इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम को बेहतर किया जाएगा। यह सिस्टम कम दृश्यता, खासकर सर्दियों के घने कोहरे में, विमानों की सुरक्षित लैंडिंग और टेक-ऑफ में मदद करेगा।

    उड़ानों पर कितना असर?
    रनवे बंद होने से दिल्ली एयरपोर्ट की कुल उड़ान क्षमता का लगभग 7% प्रभावित होगा। 57 प्रस्थान उड़ानें रद्द की जाएंगी, जबकि कई उड़ानों का शेड्यूल बदला जाएगा। जिन सेक्टरों में कई उड़ानें उपलब्ध हैं, वहां रद्दीकरण का प्रभाव 8-9% तक सीमित रहे। नया शेड्यूल पहले ही प्रकाशित हो चुका है, ताकि यात्री पहले से अपनी यात्रा की योजना बना सकें।

    यात्रियों के लिए सलाह
    यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति की जानकारी एयरलाइंस से पहले ही ले लें। यात्रा से पहले दिल्ली एयरपोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उड़ान शेड्यूल और अपडेट्स की जांच करें।

    पहले भी हो चुकी है ऐसी स्थिति
    इससे पहले अप्रैल 2025 में भी रनवे बंद करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उड़ान शेड्यूल में भारी अव्यवस्था के कारण इसे रोकना पड़ा था। मई में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के हस्तक्षेप के बाद रनवे को फिर से खोला गया था।

    लंबे समय में होगा फायदा
    हालांकि यह बंदी यात्रियों के लिए अस्थायी असुविधा का कारण बनेगी, लेकिन रनवे अपग्रेडेशन से भविष्य में सर्दियों के मौसम में उड़ानों में देरी और रद्द होने की समस्या काफी हद तक कम होगी। यह कदम दिल्ली एयरपोर्ट को और अधिक विश्वसनीय और मौसम की चुनौतियों के लिए तैयार बनाएगा।

  • दिल्ली में 5 महीने के बच्चे की कोरोना से मौत

    दिल्ली में 5 महीने के बच्चे की कोरोना से मौत

    कुल सक्रिय मामलों की संख्या छह हजार के करीब पहुंची
    नई दिल्ली.
    कोराना फिर तेजी से पैर पसार रहा है और इसका संक्रमण एक बार देश के सभी राज्यों में फैल गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डैशबोर्ड के मुताबिक देश भर में कोराना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या शनिवार सुबह बढ़कर 5755 तक पहुंच गयी और अब तक 5484 मरीज स्वस्थ्य हो गये हैं। पिछले 24 घंटों में इसके संक्रमण से चार और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 59 पहुंच गयी है।

    391 नये सक्रिय मामले
    देश में पिछले 24 घंटों में आज सुबह आठ बजे तक कोराना के 391 नये सक्रिय मामले सामने आये है और 760 मरीजों को स्वस्थ्य होने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है और इस जानलेवा बीमारी से चार और मरीजों की मौत हो गयी। राजधानी दिल्ली में एक पांच महीने के बच्चे की मौत हो गई है।

    सबसे ज्यादा मामले केरल में
    मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज किए गए हैं। देश के नौ राज्यों में कोरोना सक्रिय मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। जिनमें से केरल, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पिछले 24 घंटे में कोराेना के संक्रमण केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एक-एक मरीज की मौत हुई है।

    प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील
    स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है और कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं हैं। उन्होंने लोगों से भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने और मास्क का इस्तेमाल करने की अपील की है। स्थानीय प्रशासन को सभी तरह की स्वास्थ्य सेवा की तैयारी करने के निर्देश दिये गये।

    नए वैरिएंट का तेज प्रसार
    मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण में लगातार वृद्धि को नए वैरिएंट के प्रसार से जोड़ा जा रहा है, जिसमें एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और हाल ही में पहचाने गए एनबी.1.8.1 सबवैरिएंट शामिल हैं। देश में कुल सक्रिय मामलों में सबसे अधिक 1806 केरल के हैं और दिल्ली में 665 दर्ज किये गये हैं। इसके अलावा गुजरात में 717, पश्चिम बंगाल में 622, महाराष्ट्र में 577, कर्नाटक में 444, तमिलनाडु में 194, उत्तर प्रदेश में 208, राजस्थान में 108, हरियाणा में 87, आंध्र प्रदेश में 72, पुड्डुचेरी में 13, सिक्किम में 16, मध्य प्रदेश में 32, झारखंड में सात, छत्तीसगढ में 41, बिहार में 44, ओडिशा में 29, जम्मू-कश्मीर में आठ, पंजाब में 26, असम में आाठ, गोवा में नौ, तेलंगाना में नौ, उत्तराखंड में सात, चंड़ीगढ़ में दो, हिमाचल प्रदेश तीन, त्रिपुरा में एक सक्रिय मामले हैं। मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण को कोई मामला सामने नहीं आया है।

  • आतंकी तहव्वुर राणा को नहीं मिली राहत

    आतंकी तहव्वुर राणा को नहीं मिली राहत

    9 जुलाई तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत
    नई दिल्ली.
    दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा की न्यायिक हिरासत को बढ़ाकर 9 जुलाई तक कर दिया है। सुरक्षा कारणों के चलते राणा को शुक्रवार को वर्चुअल मोड के जरिए अदालत में पेश किया गया। इस दौरान उसने कोर्ट से अपने परिवार से बात करने की अनुमति मांगी।

    कोर्ट ने तिहाड़ जेल से मांगी रिपोर्ट
    राणा के वकील ने अदालत में उसके स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन को 9 जून तक मेडिकल स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, अदालत 9 जून को राणा की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगी जिसमें उसने अपने परिवार से बातचीत करने की अनुमति मांगी है।

    एनआईए ने जताई आपत्ति
    बता दें कि इससे पहले 24 अप्रैल को विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने तहव्वुर राणा की परिवार से बातचीत की अर्जी को खारिज कर दिया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि राणा अगर परिजनों से बातचीत करता है, तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा कर सकता है।

    लगे हैं गंभीर आरोप
    गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर के पूर्व अधिकारी तहव्वुर राणा को हाल ही में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया है। राणा पर 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भयावह आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।