Tag: मोदी सरकार

  • मोदी सरकार के 11 वर्ष की 10 जून से गिनाई जाएंगी उपलब्धियां

    मोदी सरकार के 11 वर्ष की 10 जून से गिनाई जाएंगी उपलब्धियां

    सीएम योगी अभियान की करेंगे शुरुआत
    लखनऊ.
    केंद्र की मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के मौके पर 10 से 21 जून तक प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान विकसित भारत का अमृतकाल एवं सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्षों पर केंद्रित होगा। पहले दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकार वार्ता करेंगे और प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। सरकार की उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी सभी जिलों में लगाई जाएगी, प्रबुद्ध समागम होगा व इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय लोगों के लिए डिजिटल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मंडल स्तर पर विकसित भारत संकल्प सभा का आयोजन होगा व शक्ति केंद्रों पर चौपाल आयोजित की जाएंगी।

    सशक्त भारत-सुरक्षित भारत
    मुख्यमंत्री की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद जिला स्तर पर 11 व 12 जून को प्रेस कान्फ्रेंस होंगी। इसमें पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, सरकार के मंत्री या सांसद संबोधित करेंगे। जिलों में प्रबुद्ध समागम होगा। इसमें तीन अलग-अलग वक्ता तीन विषयों पर बोलेंगे। इसमें विकसित भारत की संकल्पना एवं हमारी भूमिका, सेवा सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष एवं सशक्त भारत-सुरक्षित भारत विषय हैं। इसके वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी अपलोड किए जाएंगे। इंटरनेट मीडिया से जुड़े लोगों के लिए डिजिटल प्रतियोगिता ‘बदलता भारत मेरा अनुभव’ विषय पर कराई जाएगी। मायजीओवी पोर्टल पर जाकर शार्ट वीडियो, ब्लाग व क्विज में हिस्सा ले सकेंगे।

    कार्यक्रम इस प्रकार है
    13 से 15 जून तक मंडल स्तर पर विकसित भारत संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान उपस्थित लोगों को विकसित भारत के लिए संकल्प दिलाने के साथ ही संकल्प की प्रति भी भेंट की जाएगी। शक्ति केंद्रों पर चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नगरीय क्षेत्रों में मोहल्ला चौपाल एवं पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन होगा। इसमें आयुष्मान योजना के कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों का पंजीकरण कराने के साथ ही उन्हें आयुष्मान कार्ड वितरित किया जाएगा। यहां उपस्थित लोगों को विकसित भारत का संकल्प दिलाया जाएगा। प्रत्येक चौपाल में पांच लाभार्थियों के अनुभव का वीडियो रिकार्ड कर उसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ता मोदी सरकार की 11 वर्ष की उपलब्धियों से जुड़े साहित्य घर-घर पहुंचाएंगे।

  • पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक, 16 चैनल प्रतिबंधित

    पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक, 16 चैनल प्रतिबंधित

    ‘प्रोपेगेंडा’ के आरोप, मोदी सरकार का बड़ा कदम
    नई दिल्ली.
    मोदी सरकार ने पाकिस्तान से संचालित होने वाले 16 यूट्यूब चैनलों पर कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें भारत में बैन कर दिया है। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय की सिफारिश पर की गई, जिसमें इन चैनलों पर भारत के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक कथनों, और गलत सूचनाओं को फैलाने का आरोप लगाया गया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, ये चैनल खास तौर पर भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों को बदनाम करने में लगे थे, खासकर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में। इस हमले में 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

    इन चैनलों पर हुई डिजिटल स्ट्राइक
    27 अप्रैल 2025 को जारी एक आधिकारिक सूची में इन 16 चैनलों के नाम, उनके यूट्यूब हैंडल, यूआरएल और सब्सक्राइबर संख्या का खुलासा किया गया। सूची में प्रमुख चैनल शामिल हैं, जैसे डाउन न्यूज के 1.96 मिलियन सब्सक्राइबर, समा टीवी के 12.7 मिलियन, एआरवाई न्यूज के 14.6 मिलियन, और जियो न्यूज के 18.1 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। अन्य चैनलों में बोल न्यूज (7.85 मिलियन), जीएनएन (3.54 मिलियन), और सुन्नो न्यूज एचडी (1.36 मिलियन) जैसे नाम भी शामिल हैं। इन चैनलों के पास कुल 63.08 मिलियन सब्सक्राइबर थे, जो उनकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है। कुछ व्यक्तिगत चैनल जैसे इरशाद भट्टी के 827के और रफ्तार के 804के सब्सक्राइबर भी इस सूची में हैं।

    ऐसे उजागर हुआ खेला
    यह डिजिटल स्ट्राइक उस समय हुई, जब भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों पर सख्ती बरती। 24 अप्रैल से चार दिनों के भीतर 537 पाकिस्तानी नागरिक, जिनमें नौ राजनयिक शामिल थे, अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत छोड़कर गए। साथ ही, 850 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस लौटे। सरकार ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा, जिसके बाद डिजिटल प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।

    फैला रहे थे गलत सूचना
    इन चैनलों पर भारत विरोधी कंटेंट के जरिए तनाव को और भड़काने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, ये चैनल न केवल गलत सूचनाएं फैला रहे थे, बल्कि सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे रहे थे, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था। सरकार का यह कदम डिजिटल युद्धक्षेत्र में एक मजबूत संदेश देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।

    विपक्ष को सरकार ने लताड़ा
    विपक्ष ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, लेकिन सरकार ने इसे राष्ट्रीय हित में जरूरी कदम करार दिया। इस बैन के बाद अब इन चैनलों का कंटेंट भारत में उपलब्ध नहीं होगा, जिससे पाकिस्तान की ओर से चलाए जा रहे डिजिटल प्रोपेगेंडा पर बड़ा प्रहार हुआ है। यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में एक नया आयाम जोड़ता है, और आने वाले दिनों में इसकी राजनीतिक और कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं पर सभी की नजरें टिकी हैं।

  • समय पर फैसले नहीं लेती सरकार, पंख कटते ही नितिन गडकरी के घर में जलन

    समय पर फैसले नहीं लेती सरकार, पंख कटते ही नितिन गडकरी के घर में जलन

    मुंबई : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा के अग्रिम पंक्ति के नेता, एक तेजतर्रार मंत्री, जिनके काम ने उन्हें दुनिया भर में सम्मान दिलाया है, को संसदीय समिति में जगह नहीं दी गई है। नितिन गडकरी के शीर्ष प्रदर्शन के बावजूद, न केवल मोदी-शाह ही तार खींच रहे हैं, यही कारण है कि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि उनके पंख काट दिए गए हैं। जहां सभी का ध्यान इस बात पर है कि नितिन गडकरी इस सब पर क्या कहेंगे, वहीं आज नितिन गडकरी ने विकास कार्यों में देरी की बात कहकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया है. नितिन गडकरी ने कहा कि परियोजनाओं की योजना बनाते समय इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन्हें समय पर कैसे पूरा किया जाएगा।

    भारतीय जनता पार्टी की नई संसदीय समिति की घोषणा चार दिन पहले की गई थी। इस समिति से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम हटा दिया गया। तभी से नितिन गडकरी चर्चा में हैं। नितिन गडकरी अपने बिंदास और बोल्ड भाषण के लिए जाने जाते हैं। वे हाथ नहीं पकड़ते। कार्यकर्ताओं के कान तोड़ते हुए अपने वरिष्ठ नेताओं को उचित शब्दों में ‘समझ’ भी देते हैं। एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर्स द्वारा आज आयोजित ‘नैटकॉन 2022’ कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने बतौर मुख्य अतिथि दर्शकों को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने भाषण में गडकरी ने कहा कि सरकार विकास कार्यों के संबंध में निर्णय लेते समय समय पर निर्णय नहीं लेती है।

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    “निर्माण क्षेत्र में समय बहुत महत्वपूर्ण है। समय हमारी वास्तविक संपत्ति है। हालांकि, सरकार की सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार समय पर निर्णय नहीं लेती है। भारत में निर्माण क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है। लेकिन उसके लिए, हमारे पास है गडकरी ने कहा, “दुनिया की नई तकनीक को अपनाने के लिए हमारे पास निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के विकल्प भी तलाशने होंगे ताकि गुणवत्ता से समझौता किए बिना परियोजना की लागत को कम किया जा सके।”

    नितिन गडकरी ने कहा, “सच कहूं तो, हमारे पास पैसे की समस्या नहीं है। बैंक जितना चाहें उतना उधार देने को तैयार हैं। यह मानसिकता का सवाल है.. पैसा रहता है। पैसा कोई समस्या नहीं है। परियोजनाओं की योजना बनाई जाती है। लेकिन कभी-कभी कभी-कभी यह अफ़सोस की बात है कि वे समय पर पूरे नहीं हुए। मुझे लगता है। इसलिए, मेरी प्राथमिकता परियोजनाओं की योजना बनाना और साथ ही उन्हें समय पर कैसे पूरा किया जाएगा। जहां तक ​​मेरे विभाग का सवाल है, पूरे भारत में परियोजनाएं चल रही हैं। कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वर्तमान में, हमें टोल से प्रति वर्ष 40 हजार करोड़ की आय हो रही है। 2024 तक, यह आय 1 है, यह कहते हुए कि यह लगभग 40 हजार करोड़ होगी, अब निर्माण के साथ-साथ परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन्हें समय पर कैसे पूरा किया जाएगा”, नितिन गडकरी की राय व्यक्त की।

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    गडकरी ने यह भी बताया कि देश में कौन-कौन से प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उनसे कैसे फायदा होने वाला है और समय की कैसे बचत होने वाली है। गडकरी ने ‘समय’ बताया कि किस जगह से पहुंचने में कितना समय लगेगा।

    किस जगह से कितनी देर में पहुंचेंगे गडकरी की ‘टाइमिंग’

    • दिल्ली से चंडीगढ़ ढाई घंटे का है
    • दिल्ली से देहरादून के लिए दो घंटे
    • दिल्ली से हरिद्वार के लिए दो घंटे
    • दिल्ली से जयपुर के लिए दो घंटे
    • दिल्ली से मेरठ तक 40 मिनट
    • दिल्ली से कटरा तक करीब 6 घंटे
    • दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे
    • दिल्ली से श्रीनगर 8 बजे
    • दिल्ली से मुंबई 12 घंटे
    • चेन्नई से बैंगलोर 2 घंटे
    • लखनऊ से कानपुर 35 मिनट

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