Tag: पाकिस्तान

  • बूंद-बूंद को तरस रहा पाकिस्तान

    बूंद-बूंद को तरस रहा पाकिस्तान

    पानी रोके जाने पर भारत को 4 बार लिख चुका चिट्ठी
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान इस समय गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, और इसका कारण भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करना बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत को चार बार पत्र लिखकर इस संधि को बहाल करने की गुहार लगाई है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी।

    पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा रुख
    22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 28 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने का आरोप है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” इसके बाद भारत ने सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के पानी को नियंत्रित करने की योजना शुरू की।

    पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति
    पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत की 90% खेती सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है। पानी की कमी से न केवल खेती को नुकसान हो रहा है, बल्कि पीने के पानी और हाइड्रोपावर परियोजनाओं पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी के अनुसार, सिंधु नदी प्रणाली में पानी की आपूर्ति में 21% की कमी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रबी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है, और गर्मियों में यह संकट और गहरा सकता है।

    पाकिस्तान की अपील
    पाकिस्तान ने मई 2025 की शुरुआत में पहला पत्र लिखा था, जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू नहीं किया था। इसके बाद तीन और पत्र भेजे गए, जिसमें पाकिस्तान ने भारत से संधि को बहाल करने की अपील की। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाए बिना कोई पुनर्विचार नहीं होगा। जल शक्ति मंत्रालय ने इन पत्रों को विदेश मंत्रालय को भेज दिया है।

    भारत की रणनीति
    भारत अब अपने हिस्से के पानी का बेहतर उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाएं शुरू कर रहा है। इनमें 130 किलोमीटर लंबी नहर, जो ब्यास नदी को गंगनहर से जोड़ेगी, और यमुना को जोड़ने के लिए 200 किलोमीटर की नहर शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का पानी पूरी तरह रोकने के लिए भारत को भाखड़ा नांगल जैसे 22 बांधों की जरूरत होगी, जो एक लंबी प्रक्रिया है। फिर भी, मौजूदा ढांचे में बदलाव कर भारत पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है।

    पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जल सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताया और नए जलाशयों के निर्माण का आदेश दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के फैसले का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन वर्ल्ड बैंक ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के पंजाब सरकार की मंत्री अजमा बोखारी ने भारत को “गंभीर परिणाम” की चेतावनी दी, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया।

  • पाकिस्तान में 200 से ज्यादा कैदी फरार

    पाकिस्तान में 200 से ज्यादा कैदी फरार

    भूकंप से टूटी कराची जेल की दीवार
    कराची.
    पाकिस्तान के कराची शहर में सोमवार देर रात एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। मलीर जिला जेल, जिसे ‘बच्चा जेल’ के नाम से भी जाना जाता है, से 216 कैदी भूकंप के कारण उत्पन्न अफरातफरी का फायदा उठाकर फरार हो गए। इस घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। जेल प्रशासन के अनुसार, कराची में पिछले 48 घंटों में 9 से 11 बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 2.6 से 3.6 रिक्टर स्केल के बीच थी। इन झटकों के कारण जेल की बाहरी दीवार कमजोर हो गई थी। सोमवार रात जब कैदियों को सुरक्षा कारणों से बैरकों से बाहर निकाला गया, तभी कुछ कैदियों ने गार्ड्स पर हमला कर हथियार छीन लिए और दीवार तोड़कर भाग निकले।

    78 को पकड़ लिया गया
    सिंध प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक गुलाम नबी मेमन ने बताया कि लगभग 2,000 कैदियों को भूकंप के बाद गिनती के लिए बाहर लाया गया था। इस दौरान 213 कैदी भागने में सफल रहे, जिनमें से 78 को दोबारा पकड़ लिया गया है, जबकि 138 अभी भी फरार हैं। एक कैदी की गोलीबारी में मौत हो गई, और तीन फ्रंटियर कोर कर्मी व एक जेल कर्मचारी घायल हुए।

    सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
    सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कैदी सड़कों पर भागते दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो में दो कैदी यह कहते सुनाई दिए कि वे कई सालों से जेल में थे और अब आजाद हो गए। पुलिस, रेंजर्स और फ्रंटियर कोर ने इलाके को घेर लिया है और फरार कैदियों की तलाश में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।

    फरार कैदियों को पकड़ना मुश्किल
    सिंध के गृह मंत्री जिया-उल-हसन लांजर ने इसे पाकिस्तान के सबसे बड़े जेलब्रेक में से एक बताया। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन घनी आबादी वाले कराची में फरार कैदियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है। जेल में ज्यादातर नशे से संबंधित मामलों के कैदी थे, जिनमें कई मानसिक रूप से अस्थिर बताए जा रहे हैं।

    सुरक्षा पर सवाल
    यह घटना पाकिस्तान में जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कराची में भूकंपीय गतिविधियां आम हैं, क्योंकि यह शहर तीन टेक्टॉनिक प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है, और जेल की संरचनात्मक कमजोरियों का आकलन किया जा रहा है।

  • पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह पाक की रैली में शामिल

    पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह पाक की रैली में शामिल

    भारत के खिलाफ उगला जहर
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया और यह स्थिति अभी भी बरकरार है। 22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे और 20 घायल हो गए थे। भारत ने 7 मई को तड़के सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च करते हुए इस आतंकी हमले का बदला ले लिया था। पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमले की कोशिश की, जिन्हें नाकाम करते हुए भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ही हिस्सा था।

    पहले भी जहर उगला था
    पहलगाम आतंकी हमले के पीछे द रेसिस्टेन्स फ्रंट नाम के आतंकी संगठन का हाथ था, लेकिन हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी है। पहलगाम आतंकी हमले से कुछ दिन पहले ही सैफुल्लाह ने भारत के खिलाफ जहर उगला था और अब एक बार फिर उसने ऐसा ही किया।

    हमले के बाद पहली बार आया सामने
    पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर में आयोजित एक आतंकी रैली में कसूरी भी शामिल हुआ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहला मौका था, जब सैफुल्लाह खुलेआम सबके सामने आया। लश्कर के कई आतंकी और पंजाब प्रांत के राजनेता भी इस रैली में शामिल हुए। सैफुल्लाह ने इस रैली में जनता को संबोधित किया। सैफुल्लाह ने कहा, “भारत ने मुझे पहलगाम आतंकी हमले का आरोपी ठहराया और इससे मैं पूरी दुनिया में फेमस हो गया। सैफुल्लाह ने करीब 20 मिनट तक रैली को संबोधित किया, जिसमें उसने जमकर भारत के खिलाफ जहर उगला।

    किसने और क्यों किया रैली का आयोजन?
    लाहौर में हुई इस रैली जा आयोजन लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग – पीएमएमएल ने किया। इस रैली में शामिल आतंकियों ने भारत के विरोध में जमकर बयानबाजी की और साथ ही पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ का जश्न भी मनाया।

    उस समय गिड़गिड़ाया था सैफुल्लाह
    पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत सरकार ने चेतावनी दी कि इसके पीछे जिन लोगों का हाथ है उन्हें माफ नहीं किया जाएगा, तो सैफुल्लाह अपनी जान पर खतरे को देखते हुए दुनिया के सामने गिड़गिड़ाने लगा था। लश्कर कमांडर ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था, “मैंने कुछ नहीं किया है। भारत मुझ पर और पाकिस्तान पर इस हमले का झूठा आरोप लगा रहा है। इससे दुनियाभर में पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे जिन आतंकियों का हाथ था, उनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।”

  • भारत की कार्रवाई से झल्लाया पाकिस्तान

    भारत की कार्रवाई से झल्लाया पाकिस्तान

    24 घंटे में हाई कमीशन के एक अधिकारी को देश छोड़ने का दिया आदेश
    नई दिल्ली.
    पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को निष्कासित करने का एलान किया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एक पारस्परिक कूटनीतिक कार्रवाई में पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को निष्कासित करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के कर्मचारी को’ अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया और 24 घंटे के भीतर उसे जाने का आदेश दिया। यह कदम भारत द्वारा नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से एक पाकिस्तानी राजनयिक को राजनयिक स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में शामिल होने के इसी तरह के आधार पर निष्कासित किए जाने के बाद उठाया गया है।

    भारत की देखादेखी
    विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को उसकी विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। संबंधित अधिकारी को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस निर्णय की जानकारी देने के लिए भारतीय प्रभारी को विदेश मंत्रालय बुलाया गया। बयान में कहा गया कि इस बात पर जोर दिया गया कि भारतीय उच्चायोग के किसी भी राजनयिक या कर्मचारी को किसी भी तरह से अपने विशेषाधिकारों और स्थिति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इससे पहले बुधवार को भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर निष्कासित कर दिया था।

    पिछले सप्ताह भी निकाला था
    एक सप्ताह में यह दूसरा निष्कासन था। 13 मई को भारत ने जासूसी में कथित रूप से संलिप्त होने के आरोप में एक अन्य पाकिस्तानी अधिकारी को निष्कासित कर दिया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात एक भारतीय कर्मचारी को भी निष्कासित कर दिया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई। भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की जवाबी कोशिश की। भारतीय सेना ने इन उकसावे का दृढ़ता और प्रभावी ढंग से जवाब दिया।

  • पाकिस्तान का हर झूठ होगा बेनकाब

    पाकिस्तान का हर झूठ होगा बेनकाब

    विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगा भारत

    नई दिल्ली. 

    कूटनीतिक कदम उठाते हुए, विभिन्न राजनीतिक दलों के भारतीय सांसदों (एमपी) का एक प्रतिनिधिमंडल 22 मई के बाद अंतरराष्ट्रीय आउटरीच दौरे पर जाने वाला है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए संघर्ष के बारे में वैश्विक नेताओं को जानकारी देना और भारत के रणनीतिक रुख के बारे में जानकारी प्रदान करना है। इस दौरे में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों का दौरा किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू इस अंतरराष्ट्रीय दौरे के समन्वय का नेतृत्व कर रहे हैं। सांसदों को निमंत्रण भेजे गए हैं, और प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सदस्य शामिल होंगे, जिनमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के वरिष्ठ सांसद शामिल होंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों को भारत की स्थिति और कार्यों को स्पष्ट करने का काम सौंपा गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त हो सके।

     

    कांग्रेस ने भी दिया साथ

    कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए कांग्रेस निश्चित रूप से बहुदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है, जो पार्टी नेताओं को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करेंगे। यह योजनाबद्ध संपर्क भारत द्वारा विदेशी सरकारों से समर्थन प्राप्त करने के लिए किए जा रहे गहन कूटनीतिक प्रयासों के मद्देनजर किया गया है। इसमें पाकिस्तान की कार्रवाइयों के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के उद्देश्य से शीर्ष अधिकारियों और विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत शामिल है।

     

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया

    22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के बाद संघर्ष नाटकीय रूप से बढ़ गया, जिसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इसके बाद तनाव बढ़ने पर पाकिस्तान ने भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमले करने की कोशिश की। 10 मई को तनाव कम करने के समझौते पर पहुंचने तक चार दिनों तक तनाव बना रहा।

  • 12 ड्रोन हमलों से दहला पाकिस्तान

    12 ड्रोन हमलों से दहला पाकिस्तान

    मुल्ला मुनीर की सेना का एयर डिफेंस फेल
    इस्लामाबाद.
    पाकिस्तान दावे कर रहा है कि उसके कई शहरों को ड्रोन से निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान ने कहा है कि कराची और लाहौर समेत कई शहरों में ड्रोन हमले हो रहे हैं। वहीं कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये पाकिस्तान के बड़े प्रोपेगेंडा का हिस्सा हो सकता है। पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने खुद को पीड़ित बताने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि भारत के हमले के बाद उसके कई आतंकी ठिकाने तबाह हुए हैं, जिसको लेकर पाकिस्तान के पास कोई दलील नहीं है। पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के दावे काफी भ्रामक हैं। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (डीजी आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में 12 ड्रोन मार गिराए गए हैं।

    पाकिस्तान यह दावा कर रहा है
    उन्होंने कहा है कि “लाहौर, गुजरांवाला, चकवाल, बहावलपुर, मियानो, कराची, छोर, रावलपिंडी और अटक में ड्रोन को मार गिराया गया।” डीजी आईएसपीआर के मुताबिक एक ड्रोन लाहौर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जबकि अन्य को रावलपिंडी, चकवाल और कराची के करीब मार गिराया गया। पाकिस्तान कह रहा है कि ड्रोन हमले के परिणामस्वरूप लाहौर में चार पाकिस्तानी सेना के जवान घायल हो गए, जबकि सिंध के मियानो में एक नागरिक मारा गया है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल पूरी तरह से सतर्क हैं।

    ये दावा बहुत बड़े प्रोपेगेंडा का हिस्सा
    पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि ड्रोन ने रात में लाहौर के पास एक सैन्य ठिकाने पर हमला किया, जिसमें चार सैनिक घायल हो गए, जबकि देश की वायु रक्षा प्रणाली ने विभिन्न स्थानों पर पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसने वाले 12 ड्रोन को रोककर मार गिराया। सेना ने कहा कि लाहौर में हुए हमले में सैन्य ठिकाने को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना केा ये दावा बहुत बड़े प्रोपेगेंडा का हिस्सा है और इसे आधार बनाकर वो हमले का बहाना खोज रहा है।

  • आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत

    आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत

    बहन- बहनोई मारे गए, कहा- “मैं भी मारा जाता तो अच्छा होता”
    नई दिल्ली.
    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के बहावलपुर और अन्य क्षेत्रों में किए गए सटीक हवाई हमलों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को गहरा आघात पहुंचाया है। इस कार्रवाई में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने की खबर है। दुख और हताशा में डूबे मसूद अजहर ने कथित तौर पर कहा, “मैं भी मर जाता तो अच्छा था…”, जिससे उसकी मनोदशा और इस हमले के गहरे प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    आतंक के गढ़ पर करारा प्रहार
    भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सेना ने प्रेसिजन मिसाइलों और लोइटरिंग म्यूनिशन्स का उपयोग कर जैश और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने इसे “केंद्रित, संयमित और गैर-उत्तेजक” कार्रवाई करार दिया, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।

    लक्ष्य बहावलपुर था
    हमले का एक प्रमुख लक्ष्य बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था, जो करीब 200 एकड़ में फैला हुआ था। इस परिसर में मस्जिद, स्कूल, अस्पताल, फार्म और ट्रेनिंग कैंप शामिल थे, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने पूरी तरह नष्ट कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में करीब 70-100 आतंकवादी मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए।

    मसूद अजहर के परिवार पर कहर
    जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने स्वयं पुष्टि की कि भारतीय हमले में उनके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए। मारे गए लोगों में उनकी बड़ी बहन, बहनोई, और मौलाना कशफ का पूरा परिवार शामिल है। इसके अलावा, मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां और बाजी सादिया के पति घायल हुए हैं, जबकि उनकी सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे भी चोटिल हैं। मसूद अजहर ने कथित तौर पर कहा, “मेरे परिवार के साथ मुझे भी मार देते,” जिससे उसकी निराशा और हार का अंदाजा लगता है।

    आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है
    मसूद अजहर का बहावलपुर में एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहना और वहां आतंकी गतिविधियों का संचालन करना जगजाहिर था। यह हमला न केवल उसके संगठन के लिए, बल्कि उसके व्यक्तिगत जीवन के लिए भी एक बड़ा झटका है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मसूद अजहर स्वयं इस हमले में घायल हुआ या मारा गया, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

    भारत का साफ संदेश
    मसूद अजहर, जिसे 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट हमले, 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे आतंकी कृत्यों का मास्टरमाइंड माना जाता है, ने इस हमले के बाद गहरे दुख और हताशा का इजहार किया। उसका बयान, “मैं भी मर जाता तो अच्छा था,“ न केवल उसके परिवार के नुकसान को दर्शाता है, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति के सामने उसकी बेबसी को भी उजागर करता है।

  • पाक ने भी उतारे लड़ाकू विमान

    पाक ने भी उतारे लड़ाकू विमान

    जर्ब-ए-हैदरी, फिजा-ए-बद्र और ललकार-ए-मोमिन से झोंकी ताकत
    कराची.
    पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनातनी बनी हुई है। दोनों देशों ने अपनी सैन्य तैयारियों को अभूतपूर्व स्तर पर तेज कर दिया है, जिससे युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। इस तनावपूर्ण माहौल में, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बच्चों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जबकि भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन गंगा एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों को उतारकर किया।

    पाकिस्तान का भी युद्ध अभ्यास
    उधर, पाकिस्तान ने भी अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। पाकिस्तानी वायु सेना जर्ब-ए-हैदरी, फिज़ा-ए-बदर और ललकार-ए-मोमिन जैसे अभ्यासों में एफ-16, J-10, और जेएफ-17 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का उपयोग कर रही है। पाकिस्तान ने चीन से प्राप्त पीएल-15 मिसाइलों से लैस JF-17 जेट्स के वीडियो जारी कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना की 1 स्ट्राइक कोर पंजाब के सामने गुजरांवाला में ‘एक्सरसाइज हैमर स्ट्राइक कर रही है, और नौसेना अरब सागर में युद्ध अभ्यास में जुटी है। पाकिस्तान ने लाहौर और इस्लामाबाद के बीच हवाई मार्ग बंद कर दिए और तटीय क्षेत्रों में ‘नो-फ्लाई जोन की चेतावनियां जारी की हैं।

    असामान्य कदम
    साथ ही, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में युद्ध की आशंका के बीच असामान्य कदम उठाए गए हैं। पीओके के मुख्य शहर मुजफ्फराबाद में 1,000 से अधिक मदरसों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, क्योंकि पाकिस्तान को डर है कि भारत इन्हें आतंकी प्रशिक्षण केंद्र मानकर निशाना बना सकता है। इसके अलावा, स्कूली बच्चों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार करने के लिए आपातकालीन प्रशिक्षण शिविर शुरू किए गए हैं। इन शिविरों में 11-12 साल के बच्चों को मरहम-पट्टी करना, घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाना, और आग बुझाने जैसी बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है।

    नियंत्रण रेखा पर तनाव
    नियंत्रण रेखा पर तनाव चरम पर है। भारतीय सेना ने बताया कि पाकिस्तानी चौकियों ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, नौशेरा, और अखनूर क्षेत्रों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की, जो पहलगाम हमले के बाद से लगातार सातवें दिन जारी है। भारतीय सेना ने संयमित और आनुपातिक जवाब दिया, लेकिन सीमा पर गोलीबारी ने दोनों पक्षों के बीच युद्ध की आशंका को और बढ़ा दिया है।

    पाकिस्तान में खौफ और भारत में आक्रोश
    पहलगाम हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को “पूरी आजादी” दी है, और 30 अप्रैल को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक में कठोर जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। दूसरी ओर, पाकिस्तान में भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई का डर व्याप्त है। इस तनावपूर्ण माहौल में, वैश्विक समुदाय की नजर दक्षिण एशिया पर टिकी है, जहां दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच टकराव के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

  • पाक से अब रत्ती भर का व्यापार नहीं

    पाक से अब रत्ती भर का व्यापार नहीं

    भारत सरकार ने लगाया पूर्ण प्रतिबंध
    नई दिल्ली.
    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत सरकार ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों के आयात और पारगमन (ट्रांजिट) पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। 2 मई, 2025 को जारी एक अधिसूचना में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले या वहां से निर्यात किए जाने वाले किसी भी सामान का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित होगा।

    प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर प्रतिबंध
    वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह प्रतिबंध विदेश व्यापार नीति 2023 के पैरा 2.30ए के तहत लागू किया गया है। अधिसूचना में उल्लेख है, “पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात प्रतिबंधित है, चाहे वह स्वतंत्र रूप से आयात करने योग्य हो या अन्यथा अनुमति प्राप्त हो। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में तत्काल प्रभाव से लागू होगा।” इस आदेश को विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1992 की धारा 3 के तहत लागू किया गया है, जिसमें केंद्रीय सरकार को आयात-निर्यात पर नियंत्रण का अधिकार है। इस अधिसूचना पर हस्ताक्षर विदेश व्यापार महानिदेशक और भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव अजय भादू ने किए हैं।

    पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
    यह कदम 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए सिलसिलेवार कदमों का हिस्सा है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, और भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिसमें अटारी-वाघा सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना, और 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना शामिल है। अब व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर भारत ने पाकिस्तान को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।

    पाकिस्तान से आयात पर पहले से ही सख्ती
    भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते पहले से ही न्यूनतम स्तर पर थे। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया था और आयात शुल्क को 200% तक बढ़ा दिया था। इसके बाद, पाकिस्तान ने भी भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को सीमित कर दिया था। हाल के वर्षों में, भारत से पाकिस्तान को निर्यात मुख्य रूप से चीनी, कपास, और रसायनों तक सीमित था, जबकि पाकिस्तान से भारत को मुख्य रूप से खजूर, सीमेंट, और चमड़े के उत्पाद आयात किए जाते थे। हालांकि, अब इस नए प्रतिबंध के बाद, पाकिस्तान से किसी भी तरह का सामान, चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से आए या किसी तीसरे देश के माध्यम से, भारत में प्रवेश नहीं कर सकेगा।

    आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव
    इस प्रतिबंध का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार है, और सीमित व्यापार के बावजूद कुछ वस्तुओं का व्यापार दोनों देशों के बीच होता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की ओर से एक रणनीतिक संदेश है, जो पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से दबाव में लाने का प्रयास है। हालांकि, भारत के लिए भी यह कदम कुछ चुनौतियां ला सकता है, क्योंकि कुछ कच्चे माल और वस्तुओं की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। फिर भी, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नीति के हित में यह कदम जरूरी था।

  • घबराया पाक, दिया मिसाइल मिसाइल परीक्षण का आदेश

    घबराया पाक, दिया मिसाइल मिसाइल परीक्षण का आदेश

    भारत के कड़े तेवर से बढ़ा तनाव
    नई दिल्ली.
    पहलगाम आतंकी हमले से पूरे भारत में गुस्से का माहौल है, तो इस वजह से पाकिस्तान में डर का माहौल है। पाकिस्तान को इस बात का डर है कि कहीं भारत जवाबी हमला न कर दे। इस वजह से पाकिस्तान की सेना भी अलर्ट मोड पर है। बुधवार की रात पाकिस्तान की एयरफोर्स को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं भारत पीओके में एयरस्ट्राइक न कर दे, क्योंकि पीओके में आतंकी संगठन के पर जवाबी हमला कर सकता है। इसकी वजह है पीओके में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का लॉन्च पैड, जहाँ से कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।

    परीक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी
    भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर कराची तट पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी की है। संबंधित भारतीय एजेंसियाँ सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं। इस बारे में देश के रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है।

    भारत की पाकिस्तान पर डिजिटल स्ट्राइक
    भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक करते हुए पाकिस्तान सरकार का एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट बैन कर दिया है। अब भारत में इस अकाउंट को नहीं देखा जा सकेगा। इसके पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीईसी की मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले का पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से बड़ा झटका दिया गया।

    5 बड़े फैसले
    भारत की तरफ से लिए गए 5 फैसलों से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया है।
    – भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 से चल रहे सिंधु जल समझौते पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
    -अटारी चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ बॉर्डर पार कर चुके हैं, वो 1 मई से पहले उसी रास्ते से वापस आ सकते हैं।
    -पाकिस्तानी नागरिकों को अब वीज़ा नहीं दिया जाएगा और जिन्हें पहले से वीज़ा मिला हुआ है, उन्हें रद्द कर दिया गया है। ऐसे में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा।
    -दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा। सेवा सलाहकारों के 5 सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।
    -उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई, 2025 तक प्रभावी में आ जाएगी।