Tag: नक्सली

  • 5 लाख का इनामी हार्डकोर नक्सली पकड़ाया

    5 लाख का इनामी हार्डकोर नक्सली पकड़ाया

    आमदई हिल्स सुरक्षा कैंप पर हुए हमले में था शामिल
    नारायणपुर.
    आमदई हिल्स सुरक्षा कैंप पर हमले में शामिल कुख्यात नक्सली बुधरू उर्फ बुदरू पोयाम को पुलिस ने गिरतार कर लिया है। आरोपी पर हत्या, आईईडी विस्फोट, रोड काटने, बैनर लगाने जैसे गंभीर अपराध दर्ज थे, जिस पर शासन ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। जानकारी के अनुसार, 24 जून को ओरछा थाना क्षेत्र में जिला पुलिस बल और आईटीबीपी के जवानों द्वारा एरिया डोमिनेशन के दौरान जपगुंडा और रोहताड़ के पास एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा गया। पूछताछ में उसकी पहचान नेलनार एरिया कमेटी सदस्य बुधरू पोयाम (39), निवासी भटबेड़ा थाना ओरछा के रूप में हुई।

    बुधरू ने कबूल किया
    बुधरू ने कबूल किया कि वह प्रतिबंधित नक्सली संगठन का सक्रिय सदस्य है और उसने कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है, जिसमें कोमल मांझी हत्याकांड और 20 जुलाई 2020 को अमदई हिल्स कैंप पर हमला भी शामिल है। उक्त हमले में वह करीब 20-30 सशस्त्र नक्सलियों के साथ शामिल था, जिसका उद्देश्य पुलिस पर हमला कर हथियार लूटना था। गिरतार नक्सली के खिलाफ छोटेडोंगर थाने में हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।

  • 12 नक्सलियों ने सीएम के सामने किया सरेंडर

    12 नक्सलियों ने सीएम के सामने किया सरेंडर

    एक करोड़ से ज्यादा के इनामी थे
    गड़चिरोली.
    महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। ये सभी नक्सली मिलाकर 1.12 करोड़ के इनामी थे और कई गंभीर मामलों में वांछित थे। उन्होंने एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर सरकार के सामने मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई।

    मुख्यमंत्री ने बताया मील का पत्थर
    मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा,”यह आत्मसमर्पण न सिर्फ नक्सलियों के हौसले टूटने का संकेत है, बल्कि यह दर्शाता है कि अब उन्हें इस हिंसक विचारधारा पर विश्वास नहीं रहा। फडणवीस ने कहा कि इन आत्मसमर्पणों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की रणनीति और विकासपरक दृष्टिकोण सही दिशा में काम कर रहे हैं।

    कवांडे गांव का ऐतिहासिक दौरा
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर बसे अत्यंत दुर्गम ‘कवांडे गांव’ का भी दौरा किया, जो अब तक किसी मुख्यमंत्री की यात्रा से वंचित था। उन्होंने यहां के नागरिकों से संवाद कर स्थानीय विकास योजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए बताया कि पिछले 18 महीनों में 28 माओवादी मारे गए, 31 गिरफ्तार हुए और 44 ने आत्मसमर्पण किया, जो एक रिकॉर्ड है। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “हमारा लक्ष्य मार्च 2026 तक महाराष्ट्र को नक्सल-मुक्त बनाना है। अब समय आ गया है कि जो लोग अभी भी हथियार थामे हुए हैं, वे आत्मसमर्पण करें या कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।”

    लक्ष्य हासिल कर लेंगे
    नक्सलवाद खत्म करने की समयसीमा पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ठाना है कि मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। इस दिशा में अच्छा काम चल रहा है। महाराष्ट्र इसे लगभग खत्म कर चुका है। लेकिन समस्या छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में भर्ती होने की थी, जिससे माओवादी गड़चिरोली में अपनी गतिविधियाँ बढ़ीं। अब छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर माओवादियों की कमर तोड़ दी है। जल्द ही पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती होगी, पुलिस की पकड़ मजबूत होगी और हम मार्च 2026 तक यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे।”

    पुनर्वास की नीति और सामाजिक समावेश
    फडणवीस ने नक्सलियों को संविधान की प्रति भेंट की और उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत रोजगार, शिक्षा और जीवनयापन के सभी आवश्यक साधन मुहैया कराए जाएंगे। इस मौके पर उन्होंने 13 पूर्व नक्सलियों के सामूहिक विवाह समारोह में भी हिस्सा लिया और इसे सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम बताया।

  • 27 नक्सली ढेर, 1 करोड़ का इनामी राजू भी मारा गया

    27 नक्सली ढेर, 1 करोड़ का इनामी राजू भी मारा गया

    नारायणपुर में मुठभेड़, एक जवान शहीद
    नारायणपुर.
    छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में बुधवार की सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में अब तक 27 नक्सली ढेर हो गए हैं। मुठभेड़ में एक जवान के शहीद और एक जवान के घायल होने की भी खबर है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में डेढ़ करोड़ रुपये का इनामी खूंखार नक्सली बसव राजू भी मुठभेड़ में मारा गया है। वहीं नक्सली कमांडर रुपेश और कई अन्य बड़े नक्सली नेताओं के भी मारे जाने की खबर है।

    मुठभेड़ जारी है
    बता दें कि नवम्बर 2018 में गणपति के बाद बसव राजू को नक्सल संगठन की कमान सौंपी गई थी। फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। बताया जा रहा है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। वहीं कई नक्सलियों के शव और भारी संख्या में हथियार बरामद होने की खबर है।

    खुफिया जानकारी पर कार्रवाई
    पुलिस को सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ के बोटेर क्षेत्र में नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य और महासचिव बसवा राजू मौजूद हैं। इसके बाद चार जिलों यानी दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव से डीआरजी के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। इसी बीच दोनों के बीच भीषण मुठभेड़ हो गई।

    गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा
    छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “…सुरक्षा बलों ने 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है…हमारा एक जवान घायल हुआ है लेकिन वो खतरे से बाहर है। हमारे एक सहयोगी ने ऑपरेशन के दौरान अपनी जान गंवा दी…सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

    सीएम साव का बयान
    छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “हमारी सरकार बनने के बाद से लगातार बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का अभियान जारी है। हमारे सुरक्षा बल के जवान इस दिशा में लगातार ठोस और मजबूती से काम कर रहे हैं।

    लंबे समय से नक्सली हिंसा का केंद्र अबूझमाड़
    छत्तीसगढ़, खासकर बस्तर संभाग का अबूझमाड़ क्षेत्र, लंबे समय से नक्सली हिंसा का केंद्र रहा है। राज्य सरकार ने नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए हैं। इस मुठभेड़ को सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। सरकार का लक्ष्य इलाके में शांति बहाल करना है।

  • बड़ा नक्सली विस्फोट, 3 जवान शहीद

    बड़ा नक्सली विस्फोट, 3 जवान शहीद

    कई पुलिसकर्मी घायल, भीषण मुठभेड़ जारी
    बीजापुर.
    छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके में कररेगुट्टा ऑपरेशन के बीच तेलंगाना में बड़ा नक्सली हमला हुआ है। नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट किया हैं, जिसमें 3 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की दुखद खबर है। कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

    संभलने का मौका नहीं मिला
    मिली जानकारी के मुताबिक, कर्रेरगुट्टा ऑपरेशन के दौरान, जब तेलंगाना पुलिस के जवान नक्सल विरोधी अभियान पर निकले थे, तभी नक्सलियों ने वाज़ेड इलाके के पास आईडी ब्लास्ट कर दिया। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी जिसका सुरक्षाबलों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया।

    शहीद जवानों की नहीं हुई पहचान
    विस्फोट और फायरिंग में शहीद हुए जवानों की पहचान सामने नहीं आई है। घायल जवान को इलाज के लिए तत्काल निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। इधर घटना के बाद इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा बलों ने आसपास के क्षेत्रों में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

    अब तक 5 जवान शहीद
    बता दें कि बीजापुर की सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान आईईडी ब्लास्ट में अब तक 5 जवान शहीद हुए हैं, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल है। मुठभेड़ में सीसी मेम्बर चंद्रना और एसजीसीएम बंडी प्रकाश समेत कुल 8 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। बीजापुर के उसूर क्षेत्र के लंकापल्लो क्षेत्र में मुठभेड़ चल रही है। वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके के लिए रवाना हो चुके हैं जबकि पूरे क्षेत्र को घेरकर सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

    22 नक्सली ढेर
    छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के बीजापुर जिले के जंगलों में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में जवानों ने 22 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने कहा कि अंतर-राज्यीय सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों के जंगल में बुधवार की सुबह गोलीबारी हुई। इस कार्रवाई में अब तक 22 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। नक्सलियों के खिलाफ यह अभियान अभी जारी है। यह कार्रवाई बस्तर क्षेत्र में शुरू की गई सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाइयों में से एक है। इस ऑपरेशन में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा सहित विभिन्न इकाइयों के लगभग 24000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।

  • बीजापुर में डिहाइड्रेट हुए 40 जवान अस्पताल में भर्ती

    बीजापुर में डिहाइड्रेट हुए 40 जवान अस्पताल में भर्ती

    5000 जवानों के शिकंजे में हिड़मा समेत टॉप नक्सल लीडर, 60 घंटे से जारी है अभियान
    बीजापुर.
    बीजापुर जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया है।सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। पीड़ित जवानों को सेना के हेलिकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम के अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। बता दें कि जवान पिछले चार दिनों से भीषण गर्मी में नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं।

    अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़
    बताया जा रहा है कि यह इस साल की अब तक सबसे बड़ी मुठभेड़ होने वाली है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि 70 वर्ग किमी की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। कहा जा रहा है कि उनके पास पहाड़ पर बने रहने के लिए सीमित राशन है और फोर्स के पास लगातार हेलीकॉप्टर से रसद पहुंचाई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि फोर्स यहां निर्णायक लड़ाई की तैयारी के साथ डटी हुई है।

    तीन महिला नक्सली ढेर
    गुरुवार शाम तक बीजापुर एसपी ने इस मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि भी कर दी है। वहीं एक जवान भी घायल हुआ है। फिलहाल मृतक नक्सलियों के शव मिल चुके हैं। शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया चल रही है। पहाड़ को तीन राज्यों की फोर्स ने दो दिन से घेर रखा है। जिस इलाके को घेरा गया है, वहां नक्सलियों के टॉप कमांडर माड़वी हिड़मा और तेलंगाना स्टेट कमेटी का सेक्रेटरी दामोदर मौजूद हैं। दोनों पर एक करोड़ रुपए या ज्यादा का इनाम है।

    नक्सल डेस्क कर रहा है मॉनिटरिंग
    यह ऑपरेशन कितना बड़ा है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का नक्सल डेस्क सीधे इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा है। राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा खुद पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी गृह मंत्री विजय शर्मा के संपर्क में हैं।

    बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद
    कर्रेगुट्टा पहाड़ तक पहले आसानी से नक्सलियों की सप्लाई पहुंचती थी। अब इन इलाकों में फोर्स के कई कैंप स्थापित हो चुके हैं। इस वजह से राशन नहीं पहुंच रहा। यही कारण है कि फोर्स ने रणनीति के तहत नक्सलियों को तब घेरा है जब वे पहाड़ पर सबसे कमजोर हो चुके हैं। इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, डिविजनल कमेटी मेंबर, एरिया कमेटी मेंबर, संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद हैं।

  • 300 नक्सलियों को 4000 जवानों ने घेरा, 48 घंटे से फायरिंग

    300 नक्सलियों को 4000 जवानों ने घेरा, 48 घंटे से फायरिंग

    अब तक का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर
    बीजापुर.
    छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया है। इसमें 4000 से अधिक जवान शामिल हैं। यहां पर 300 से अधिक नक्सलियों को जवानों ने घेरा हुआ है, जिसमें नक्सल लीडर हिड़मा, देवा, सुधाकर भी शामिल हैं। यहां कारगेट्टा, नाड़पल्ली, पुजारी कांकेर की पहाड़ी पर जवानों ने नक्सलियों को घेरा है।

    अभियान में 3 राज्यों की पुलिस शामिल
    लगभग 48 घंटे से ये ऑपरेशन चल रहा है। दोनों तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। इस ऑपरेशन में तीन राज्यों की पुलिस तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के जवान शामिल हैं। ये इलाका नक्सलियों का सेफ और कोर जोन माना जाता है। जवानों की सबसे बड़ी चुनौती यहां प्लांट आईइडी है। इसी की वजह से जवान सावधानी पूर्वक कदम रख रहे हैं।

    आईइडी सबसे बड़ी चुनौती
    ये भी माना जा रहा है कि इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 और 2 सहित नक्सलियों की अन्य कंपनियां भी हैं। जवानों के सामने भारी गर्मी और नक्सलियों के द्वारा लगाई गई आईइडी सबसे बड़ी चुनौती है। इस एनकाउंटर में लगातार ड्रोन और चौपर से नजर रखी जा रही है। सूत्रों की माने तो जवान एक हफ्ते का राशन लेकर इस ऑपरेशन में गए हुए हैं।

    ऑपरेशन तेलंगाना से मॉनिटर
    ये एक लंबे क्षेत्रफल में फैला हुआ पहाड़ी क्षेत्र है जहां जवानों को गर्मी, आईडी के साथ साथ इन पहाड़ों पर चढ़ना पड़ रहा है। इस पूरे ऑपरेशन को तेलंगाना से मॉनिटर किया जा रहा है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी और बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव नजर लगातार बनाए हुए हैं। इस ऑपरेशन में कई हाइटेक समानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश के गृह मंत्री लगातार इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। यह ऑपरेशन तीन राज्यों के समन्वित रणनीति के तहत लॉन्च किया गया है।

    सुरक्षा बलों ने नेटवर्क को तोड़ा
    जिस इलाके में यह ऑपरेशन लॉन्च किया गया है, वहां पर्वत की श्रृंखलाएं हैं, जिनका क्षेत्रफल 280 वर्ग किलोमीटर बताया जा रहा है। इस इलाके के आसपास पढ़ने वाले गांव से ही नक्सलियों को रसद की आपूर्ति होती रही है, लेकिन अब सुरक्षा बलों ने इस नेटवर्क को तोड़ दिया है । नक्सलियों के सामने राशन और मेडिकल की समस्या उत्पन्न हो गई है। नक्सलियों को पूर्व में मालूम था कि फोर्स अब इस इलाके की ओर आगे बढ़ेगी, इसलिए ऐसी इलाके के चारों तरफ नक्सलियों ने आईइडी प्लांट किया और इस बात की सूचना ग्रामीणों को भी दी ।

  • झारखंड में 8 नक्सली ढेर

    झारखंड में 8 नक्सली ढेर

    नक्सलवाद को खत्म करने की मुहिम जारी
    बोकारो.
    झारखंड के बोकारो में केंद्रीय बलों ने सोमवार को नक्सलियों के खिलाफ अपने व्यापक अभियान में बड़ी सफलता हासिल की, जिसमें एक करोड़ रुपये के इनाम वाले माओवादी नेता सहित आठ मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जंगल युद्ध इकाई – कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के कमांडो – और झारखंड पुलिस ने सोमवार सुबह संयुक्त अभियान चलाया। बोकारो मुठभेड़ पर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि आज हमारे सुरक्षा बलों ने 8 माओवादियों को मार गिराया है। हमने चार इंसास और एक एसएलआर समेत हथियार बरामद किए हैं। तीन शीर्ष नक्सली विवेक उर्फ प्रयाग माझी, अरविंद यादव और साहेबराम माझी मारे गए हैं।

    मुठभेड़ डेढ़ से दो घंटे तक चली
    अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस ऑपरेशन को जेजे (झारखंड जगुआर), पुलिस और सीआरपीएफ ने अंजाम दिया। सुबह 5.30 बजे पहली गोलीबारी हुई। मुठभेड़ डेढ़ से दो घंटे तक चली…आज हमारे पास राज्य के हर नक्सली की हर जानकारी और लोकेशन है। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अभी भी हथियार लेकर घूम रहे हैं। उन्हें सरेंडर कर देना चाहिए, क्योंकि हम हर जानकारी और उनके ठिकानों के बारे में जानते हैं। अगर वे शांति चाहते हैं और झारखंड की सरेंडर नीति का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें सरेंडर कर देना चाहिए।

    गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया
    इसके बाद गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया कि नक्सलवाद को खत्म करने की हमारी मुहिम निरंतर जारी है। आज सुरक्षा बलों को नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए चल रहे अभियान में एक और बड़ी सफलता मिली। झारखंड के बोकारो में लुगु हिल्स में मुठभेड़ में 8 माओवादी मारे गए, जिनमें एक शीर्ष स्तर का नक्सली नेता विवेक, जिस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था, और दो अन्य कुख्यात नक्सली शामिल हैं। अभियान जारी है।

  • अब संघर्ष विराम चाहते हैं नक्सली

    अब संघर्ष विराम चाहते हैं नक्सली

    सेंट्रल कमेटी बोला- हम बातचीत के लिए तैयार
    जगदलपुर.
    सरकार यदि ऑपरेशन बंद करने का घोषणा करती है तो नक्सली भी युद्ध विराम को तैयार है। केंद्रीय गृह मंत्री के बस्तर आने से पहले नक्सलियों ने युद्ध विराम की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर में नक्सल उन्मूलन नीति, बस्तर पंडुम महोत्सव में शामिल होने छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। वे 4 अप्रैल को रायपुर पहुंचेंगे। रायपुर में विश्राम के बाद दूसरे दिन बस्तर पहुंचेंगे। यहां मां दंतेश्वरी के दर्शन करेंगे और बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे। इस अवसर पर वे बस्तर के स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सुरक्षा बलों के कमांडरों और अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इसके उपरांत वे रायपुर लौटकर प्रशासनिक बैठक में भाग लेंगे।

    शांति वार्ता की मांग
    बीते कुछ महीनों से सुरक्षाबलों की टीम लगातार ऑपरेशन चला रही है, जिसमें कई बड़े खूंखार नक्सली लीडर्स को जवानों ने ढेर कर दिया है। सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का हालिया बयान उनके प्रवक्ता अभय द्वारा जारी किया। बयान में तत्काल युद्ध विराम और शांति वार्ता की मांग की गई है, जिसमें भारत सरकार से ऑपरेशन को रोकने का आग्रह किया गया है। उनका दावा है कि इसके कारण आदिवासी समुदायों के खिलाफ काफी हिंसा हुई है। वे सुरक्षा बलों की वापसी और आतंकवाद विरोधी अभियानों को रोकने की मांग की हैं। साथ ही इन शर्तों के पूरा होने पर बातचीत के लिए तैयार हैं।

    युद्ध विराम की अपील
    सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति ने मध्य भारत में युद्ध को तत्काल रोकने का आह्वान किया है। वे शांति वार्ता को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार और सीपीआई (माओवादी) दोनों से बिना शर्त युद्ध विराम की मांग करते हैं। बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर माओवादी-प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित करते हुए ‘कागर’ नामक एक गहन आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। इस अभियान के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्याएं और सामूहिक गिरफ्तारियां हुई हैं।

    शांति वार्ता के लिए माओवादियों की शर्तें
    • प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों से सुरक्षा बलों की तत्काल वापसी।
    • नई सैन्य तैनाती का अंत।
    • आतंकवाद विरोधी अभियानों का निलंबन।

    सरकार के खिलाफ आरोप
    • सरकार पर क्रांतिकारी आंदोलनों को दबाने के लिए आदिवासी समुदायों के खिलाफ “नरसंहार युद्ध” छेड़ने का आरोप है। नागरिक क्षेत्रों में सैन्य बलों के उपयोग को असंवैधानिक बताया है।

    सीपीआई (माओवादी) ने जनता से समर्थन मांगा
    माओवादियों ने बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों, छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से शांति वार्ता के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया। वार्ता के लिए गति बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का अनुरोध किया गया। अगर सरकार उनकी पूर्व शर्तों पर सहमत होती है तो वे बातचीत में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करते हैं। सीपीआई (माओवादी) ने कहा कि जैसे ही सरकार सैन्य अभियान बंद करेगी, वे युद्ध विराम की घोषणा करेंगे।

  • 16 नक्सली ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद

    16 नक्सली ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद

    सुकमा में मुठभेड़ की खबर
    सुकमा.
    सुकमा में एक बार फिर नक्सली और जवानों के बीच भीषण मुठभेड़ हो गई है। जवानों ने 15 से 20 नक्सलियों को ढेर कर दिया है और दो जवान भी घायल हो गए हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि होना अभी बाकी है।

    मुठभेड़ जारी है
    जानकारी के मुताबिक, ये मुठभेड़ गोगुंडा के पहाड़ी पर उपमपल्ली में चल रही है। सुबह से ही सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों को इस ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिल सकती है। नक्सलवाद खात्मे को लेकर जवान भी आक्रामक हैं। अभी तक 15 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुई है। वहीं पुलिस एक अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र में हो रही है।

    तलाशी अभियान के दौरान हुई मुठभेड़
    अधिकारियों के अनुसार, सुकमा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत केरलापाल इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया गया था। संयुक्त दल 28 मार्च को तलाशी अभियान के लिए निकला था। इसी दौरान जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया और देखते ही देखते गोलीबारी शुरू हो गई। जवानों में मुंहतोड़ जवाब देते हुए 15 से अधिक आतंकी को मार गिराया।

    टॉप नक्सली लीडर के मारे जाने की संभावना
    बताया जा रहा है कि यहां बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद है जिसे जवानों ने घेर दिया है। डीआरजी और सीआरपीएफ जवानों की सर्चिंग जारी है। सुकमा एनकाउंटर में नक्सलियों के टॉप लीडर के मारे जाने की खबर है। मुठभेड़ में डीवीसीएम जगदीश की मारे जाने की खबर है। मारे गए नक्सलियों के पास से सुरक्षाबल के जवानों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार बरामद हुआ है। जवानों ने मौके से इंसास, एनएलआर जैसे ऑटोमैटिक वेपंस भी बरामद किए हैं। मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

    दो जवान भी घायल
    सुकमा में हुई इस मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की खबर है। घायल जवानों के इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। जवान इलाके में सर्चिंग अभियान चला रहे हैं। इस मुठभेड़ के बाद इलाके में तनाव का माहौल है, लेकिन जवानों का मनोबल ऊंचा है। बता दें कि सुकमा और आसपास के इलाकों में लगातार नक्सली घटनाएं होती रही हैं। सुरक्षाबलों की इस सफलता को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक बड़ा झटका माना जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने इस मुठभेड़ को एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है। इस बीच खबर है कि नक्सल अभियान की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 अप्रैल को दंतेवाड़ा आएंगे।

  • फिर मुठभेड़, चार नक्सली ढेर

    फिर मुठभेड़, चार नक्सली ढेर

    – बीजापुर–दंतेवाडा के सरहदी जंगल में भिड़ंत
    बीजापुर.
    बीजापुर–दंतेवाडा के सरहदी जंगल में एक बार फिर जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में 4 से ज्यादा नक्सला मारे गए है। हालांकि, इसकी अधिकारी पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस अफसरों का कहना है कि बड़ा ऑपरेशन है। जल्द ही जानकारी देंगे। नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना पर पुलिस रवाना हुई थी। वही बताया जा रहा है कि मृत नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
    सुबह करीब 8 बजे आमने-सामने
    बस्तर पुलिस के अनुसार, सुरक्षा बलों की एक टीम ने दंतेवाड़ा-बीजापुर के अंतर-जिला वन सीमा क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर माओवादी विरोधी अभियान शुरू किया। सुबह करीब 8 बजे माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन माओवादी मारे गए। घटनास्थल से विस्फोटकों के अलावा हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया गया। मुठभेड़ अभी भी जारी है।
    इलाके में अभी भी अभियान जारी
    इलाके में अभी भी अभियान जारी है और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। 2025 में 100 से अधिक नक्सली मारे जाएंगे इस मुठभेड़ के साथ ही वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में मुठभेड़ों में 100 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। इस वर्ष 1 मार्च तक करीब 83 नक्सली मारे जा चुके हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ में 200 से अधिक नक्सली मारे गए थे।