गुणवत्ता पर उठे सवाल
नागपुर.
नागपुर के बूटीबोरी फ्लाईओवर में मरम्मत के बाद सिर्फ दो महीने में ही फिर से दरार पड़ गई है, जिससे इसकी निर्माण और मरम्मत की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यह फ्लाईओवर 24 मई को पांच महीने की लंबी मरम्मत के बाद खोला गया था। पिछले साल 24 दिसंबर को एक भारी-भरकम ट्रेलर के गुजरने से इसका कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। मरम्मत का काम बेंगलुरु की ठेका कंपनी ने किया था, क्योंकि फ्लाईओवर गारंटी पीरियड में था।
लापरवाही की खुली पोल
विशेषज्ञों की एक टीम ने भी फ्लाईओवर का निरीक्षण किया था, लेकिन इसके बावजूद दो महीने में ही दरार पड़ना यह दर्शाता है कि मरम्मत का काम ठीक से नहीं किया गया। ठेका कंपनी के काम की निगरानी की जिम्मेदारी एनएचएआई के अधिकारियों की थी, लेकिन उनकी लापरवाही साफ झलक रही है। यह स्थिति तब है, जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो पूरे देश में सड़कों और फ्लाईओवर के निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं, इसी शहर से आते हैं। नागपुर में बूटीबोरी फ्लाईओवर के अलावा प्रजापति नगर और मानकापुर फ्लाईओवर भी गारंटी पीरियड में ही क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है।
सबसे व्यस्त फ्लाईओवर है
यह फ्लाईओवर जिले का सबसे व्यस्त फ्लाईओवर है, जहाँ से हर दिन करीब एक लाख छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं। पिछले पांच महीनों तक बंद रहने से बूटीबोरी के पास वर्धा रोड पर भारी जाम लगा रहता था, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती थी। अब दोबारा दरार पड़ने से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का काम फिर से शुरू किया गया है, लेकिन लोगों को आशंका है कि यह समस्या दोबारा पैदा हो सकती है।
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