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    दुबई जाकर लॉरेंस के गुर्गे को दबोच लाई राजस्थान पुलिस

    धमकी भरे कॉलों का था मास्टरमाइंड
    नई दिल्ली.
    राजस्थान पुलिस की इस समय जमकर तारीफ हो रही है। राजस्थान पुलिस ने एक शानदार एक्शन में लॉरेंस गैंग के प्रमुख सदस्य को दुबई जाकर दबोचा है। राजस्थान पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने लॉरेंस गिरोह के अहम सदस्य आदित्य जैन उर्फ टोनी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को दुबई से प्रत्यर्पित कर शुक्रवार को जयपुर लाया गया।

    गिरोह का कंट्रोल रूम कहा जाता था
    आदित्य जैन गिरोह के संचालन में अहम भूमिका निभाता था, विदेश से आने वाली धमकी भरी कॉल को मैनेज करता था। गिरोह के “कंट्रोल रूम” के तौर पर काम करते हुए वह जबरन वसूली और फायरिंग के मामलों में शामिल था। कुचामन सिटी निवासी जैन एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखता है। एडिशनल डीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि पुलिस लंबे समय से टोनी पर नजर रख रही थी। राजस्थान में लगातार आने वाली धमकी भरी कॉल की जांच में उसका नाम सामने आया। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) योगेश यादव और एएसपी नरोत्तम वर्मा ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस हासिल किया। एएसपी सिद्धांत शर्मा, सर्किल इंस्पेक्टर मनीष शर्मा, सीआई सुनील जांगिड़ और सीआई रवींद्र प्रताप सहित एक विशेष पुलिस टीम ने उसे यूएई में ट्रेस किया।

    डब्बा कॉल कैसे काम करता है
    पुलिस के अनुसार, आदित्य जैन उर्फ टोनी लॉरेंस बिश्नोई-रोहित गोदारा गिरोह का एक बिचौलिया और “डब्बा” कॉल की सुविधा देने वाले प्रमुख सदस्यों में से एक माना जाता है। डब्बा कॉल में सबसे पहले, एक गुर्गा कथित तौर पर अपने इच्छित शिकार को जबरन वसूली के लिए इंटरनेट का उपयोग करता था। इसके बाद, वह कथित तौर पर दूसरे देश में बैठे अपने बॉस को दूसरे फोन का उपयोग करके दूसरी कॉल करता था, दोनों फोन को एक-दूसरे के बगल में रखता था, उनके स्पीकर चालू करता था और अपने बॉस को बात करने देता था।

    इंटरपोल रेड नोटिस और यूएई पुलिस की कार्रवाई
    डीआईजी योगेश यादव और एएसपी नरोत्तम वर्मा के नेतृत्व में एजीटीएफ ने जैन के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस प्राप्त किया था, जिससे यूएई अधिकारियों द्वारा उसे हिरासत में लेने में मदद मिली। इसके बाद, राजस्थान पुलिस ने उसके प्रत्यर्पण को सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई और इंटरपोल के साथ समन्वय किया।

    राजस्थान पुलिस की टीम दुबई भेजी गई
    यूएई अधिकारियों से अनुरोध प्राप्त होने पर, एएसपी सिद्धांत शर्मा की देखरेख में एक पुलिस दल को जैन की हिरासत के लिए दुबई भेजा गया। जैन की गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस द्वारा संगठित अपराध, विशेष रूप से लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा नेटवर्क पर कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण सफलता है। पुलिस अब जैन को आगे की पूछताछ और कानूनी कार्यवाही के लिए भारत वापस लाने की तैयारी कर रही है।