Tag: राजस्थान

  • भाजपा के जयपुर ऑफिस में जमकर गाली-गलौज

    भाजपा के जयपुर ऑफिस में जमकर गाली-गलौज

    जेपी नड्डा के दौरे से पहले नेताओं में टकराव
    जयपुर.
    राजस्थान के बाड़मेर में कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी टकराव की खबरें सुर्खियों में हैं, वहीं जयपुर स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भी कल एक बड़ा सियासी तमाशा देखने को मिला। भाजपा के दो वरिष्ठ पदाधिकारी- प्रदेश मंत्री भूपेंद्र सैनी और जयपुर देहात दक्षिण के जिलाध्यक्ष राजेश गुर्जर—एक-दूसरे से सार्वजनिक रूप से भिड़ गए। मामला तिरंगा यात्रा की रिपोर्टिंग को लेकर हुआ और देखते ही देखते कहासुनी, गाली-गलौज और धमकियों में बदल गई।

    तिरंगा यात्रा की रिपोर्ट बना विवाद की जड़
    बता दें, मंगलवार 27 मई को भाजपा प्रदेश कार्यालय में जेपी नड्डा के आगामी दौरे की तैयारियों को लेकर एक बैठक प्रस्तावित थी। इससे पहले कार्यालय परिसर के पोर्च में ही भूपेंद्र सैनी और राजेश गुर्जर के बीच बहस शुरू हो गई। गुर्जर का आरोप था कि सैनी ने जान-बूझकर उनके जिले की तिरंगा यात्रा की नकारात्मक रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को भेजी, जबकि हकीकत में सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुए थे।

    कहासुनी से गाली-गलौज तक
    सूत्रों के मुताबिक, राजेश गुर्जर ने भूपेंद्र सैनी से पूछा कि वे उनके नाम की गलत रिपोर्ट क्यों भेज रहे हैं। सैनी ने भी गर्म तेवर में जवाब दिया। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई अपशब्द कहे और यहां तक कि ‘देख लेने’ की धमकी तक दे डाली। यह सब भाजपा कार्यालय में मौजूद कई कार्यकर्ताओं के सामने हुआ। इस दौरान सभी असहज होकर तमाशा देखते रहे लेकिन किसी ने हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं की।

    राजेंद्र राठौड़ और चतुर्वेदी ने संभाला मोर्चा
    घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे। दोनों नेताओं ने सैनी और गुर्जर को अपने साथ अंदर ले जाकर मामला शांत करवाया। हालांकि तब तक पार्टी की छवि को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो चुकी थी।

    राजनीतिक वर्चस्व की पुरानी खींचतान
    बताया जा रहा है कि भूपेंद्र सैनी और राजेश गुर्जर के बीच पहले से राजनैतिक प्रतिस्पर्धा चल रही है। दोनों नेता जब भी एक-दूसरे से मिलते हैं, तो आपसी कटुता साफ नजर आती है। ऐसे में तिरंगा यात्रा की रिपोर्ट ने इस बार पुराने विवाद को नई चिंगारी दे दी। हालांकि घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए भूपेंद्र सैनी ने कहा कि यह केवल एक गलतफहमी थी। जिलाध्यक्ष से सीधी बात नहीं हो पाई, लेकिन उनके द्वारा नियुक्त संयोजक से हमारी टीम ने बातचीत की थी और रिपोर्ट उसी के आधार पर भेजी गई थी। राजेश गुर्जर हमारे सम्माननीय नेता हैं।

    जेपी नड्डा के दौरे से पहले गुटबाजी?
    गौरतलब है कि 31 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर दौरा तय है और उससे ठीक पहले पार्टी के दो प्रमुख नेताओं के बीच इस तरह की खुली भिड़ंत, पार्टी की तैयारियों और आंतरिक अनुशासन पर सवाल खड़े कर रही है। सियासी जानकारों का मानना है कि यह घटना भाजपा की आंतरिक गुटबाजी की ओर इशारा करती है, जो आगामी दौरे की तैयारियों पर असर डाल सकती है।

  • 15 साल का लड़का रोता रहा, महिला बनाती रही संबंध

    15 साल का लड़का रोता रहा, महिला बनाती रही संबंध

    कोर्ट ने बीस साल की सजा सुनाई
    बूंदी.
    राजस्थान के बूंदी जिले से हैरान करने वाला केस सामने आया है। चालीस साल की एक महिला के उपर दर्ज केस के आधार पर कोर्ट ने उसे बीस साल की सजा सुनाई है और साथ ही 45 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। मामला साल 2015 का है। कोर्ट ने इस मामले में गंभीर टिप्पणियां भी की है।

    नाबालिग को शराब पिलाती थी
    दरअसल, बूंदी जिले के दईखेड़ा इलाके में रहने वाली एक महिला ने पुलिस थाने में केस दर्ज कराया था। उसने बताया कि गांव में रहने वाली लाली बाई नाम की एक महिला उसके पंद्रह साल के बेटे को जयपुर में पढ़ाने और काम दिलाने के बहाने ले गई थी, लेकिन वहां ले जाकर बेटे को नशेड़ी बना लिया और एक तरह से अपना गुलाम बनाकर रखा। वह उसे रोज शराब पिलाती और उसके बाद उसका यौन शोषण करती। कई बार तो बेटा बेहोश हो जाता। मां को इसका पता चला तो उसने पुलिस की मदद से बेटे को जयपुर के एक कमरे से बरामद किया और केस दर्ज कराया।

    महिला को आजीवन कारावास की सजा…
    नवम्बर 2023 में केस दर्ज कराया गया और उसके बाद पुलिस ने जांच की। किशोर का मेडिकल कराया गया तो उसमें गंभीर रिपोर्ट सामने आई। पुलिस ने केस दर्ज कर महिला को अरेस्ट किया और उसके बाद मामले से संबधित दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। कोर्ट ने 15 से ज्यादा गवाहों की गवाही के आधार पर इस केस का जल्द फैसला सुनाया। पोक्सो कोर्ट में चल रहे इस केस का दो साल से भी कम समय में परिणाम आ गया है। महिला को आजीवन कारावास यानी बीस साल और जुर्माने की सजा दी गई है। वह जेल में है।

  • राजस्थान में 49000 करोड़ का घोटाला

    राजस्थान में 49000 करोड़ का घोटाला

    पीएसीएल घोटाले की चपेट में आए पूर्व मिनिस्टर प्रताप सिंह, सवेरे-सवेरे पहुंची ईडी टीम
    जयपुर.
    राजस्थान की सियासत में मंगलवार को हलचल उस वक्त तेज हो गई, जब कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई देश के सबसे चर्चित चिटफंड घोटाले पीएसीएल घोटाले से जुड़ी मानी जा रही है, जिसमें प्रदेश भर के करीब 28 लाख निवेशकों के 2850 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।

    बताई जा रही है संलिप्तता
    सूत्रों के अनुसार, ईडी को संदेह है कि खाचरियावास की इस घोटाले में करीब 30 करोड़ रुपये की संलिप्तता हो सकती है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन इस कार्रवाई से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में देश भर से करीब 5.85 करोड़ निवेशकों ने पीएसीएल में लगभग 49100 करोड़ रुपए का निवेश किया था।

    निवेश की राशि से चार गुना ज्यादा है प्रॉपर्टी
    सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में इस घोटाले की जांच के लिए सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कोर्ट के निर्देश पर इस कमेटी का उद्देश्य था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों को राशि लौटाई जाए। सेबी के अनुसार, कंपनी की संपत्तियों का मूल्य करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये है, जो निवेश की राशि से चार गुना ज्यादा है।

    जयपुर के चौमूं ने में दर्ज हुआ था 2011 में मुकदमा
    इस घोटाले का सबसे पहला मामला 2011 में जयपुर के चौमूं थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था। चिटफंड एक्ट के तहत कंपनी पर मुकदमे देश के कई राज्यों में चल रहे हैं, जिसमें राजस्थान प्रमुख केंद्र रहा है। ईडी की इस कार्रवाई से साफ है कि अब पीएसीएल मामले में तेजी से जांच आगे बढ़ेगी और जिन प्रभावशाली लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई संभव है।

  • मंदिर को गंगाजल से धोने पर भड़के राहुल गांधी

    मंदिर को गंगाजल से धोने पर भड़के राहुल गांधी

    बोले- यह भाजपा की दलित विरोधी सोच का उदाहरण
    जयपुर.
    राजस्थान में बीजेपी से निलंबित नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा अलवर के एक मंदिर में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के जाने के बाद गंगाजल से धोने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसको लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण है। इसलिए संविधान का सम्मान और रक्षा करना जरूरी है।

    देश संविधान के आदर्शों से चलेगा
    लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण, बीजेपी लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है। इसलिए संविधान का सिर्फ सम्मान नहीं, उसकी सुरक्षा भी ज़रूरी है। मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं जो बहुजनों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती है।

    यह है पूरा विवाद
    रामनवमी के दिन अलवर की एक सोसायटी स्थित श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल हुए और मंदिर में पूजा-अर्चना की। लेकिन, अगले ही दिन ज्ञानदेव आहूजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को बुलाया गया, जिन्होंने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारा है।

    पार्टी ने निलंबित किया है
    उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के नेता राम मंदिर का बहिष्कार करते हैं, इसलिए उनके नेताओं को मंदिर में आने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में अपवित्र लोग आ गए थे, इसलिए हमने गंगाजल से शुद्धिकरण किया है। हालांकि उन्होंने जूली का नाम नहीं लिया, पर उनके बयान को जातीय द्वेषता से जोड़कर देखा गया। इसके चलते भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। भाजपा प्रदेश संगठन ने ज्ञानदेव आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है।

    मदन राठौड़ ने बयान से किया किनारा
    भाजपा नेता ज्ञान देव आहूजा की ओर से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पर की गई टिप्पणी के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी साफ कर दिया है कि आहूजा के बयान से उनका कोई लेना देना नहीं है। भाजपा ऐसे बयान को समर्थन नहीं देती है। उन्होंने कहा कि जुली साहब तो नेता हैं और नेता की कोई जाति नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मैंने फोन पर ज्ञानदेव आहूजा से बात की उन्होंने किस प्रसंग में ये बयान क्यों दिया समझ नहीं आया।

  • जेल से आया राजस्थान के डिप्टी सीएम को फोन, ठोंक देंगे

    जेल से आया राजस्थान के डिप्टी सीएम को फोन, ठोंक देंगे

    ट्रैक करने पर मिली ये लोकेशन
    जयपुर.
    राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी दी गई है। ये धमकी भरा कॉल कहीं और से नहीं बल्कि जयपुर सेंट्रल जेल से आया है। जेल से इस तरह का कॉल आना बेहद गंभीर मुद्दा है। इस घटना के बाद जयपुर पुलिस भी एक्शन में आ गई है।

    धमकी भरा कॉल
    जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ का कहना है कि धमकी भरा कॉल आया है। इसके बाद प्रशासन सख्त हो गया है और जांच में जुटा है। इस धमकी भरे फोन के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। घटना के बाद विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया है। विपक्ष ने इस धमकी भरे कॉल को लेकर राज्य की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि इस मामले पर सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

    कानून व्यवस्था का दिखा आईना
    विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री को जब धमकी भरा फोन आ सकता है तो इससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संदेह पैदा होता है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि जयपुर सेंट्रल जेल से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा जी को जान से मारने की धमकी मिलना बेहद चिंताजनक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल जी के बाद आज उपमुख्यमंत्री जी को जयपुर की सेंट्रल जेल से धमकी मिलना प्रदेश की वास्तविक कानून व्यवस्था का एक आईना है। प्रदेश में वरिष्ठ जनप्रतिनिधि को ही जेल से धमकियां मिल रही है वो ही सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या हाल होगा? प्रदेश में अपराधी बेख़ौफ़ हो चुके हैं मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता में लेकर प्रकरण की गहराई से जांच की जाए आखिर अपराधियों के पास जेलों में मोबाइल कैसे पहुंच रहे है?

    व्यवस्था पर बड़ा सवाल
    बता दें कि जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में धमकी भरा कॉल आया था। इस फोन को ट्रेस करने पर लोकेशन जयपुर सेंट्रल जेल मिली है। पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर जेल से धमकी भरा कॉल किसने किया। घटना के बाद से जेल में फोन होने पर भी सवाल खड़ा हुआ है।