Tag: अमित शाह

  • उद्धव के जन्मदिन पर शाह का उबाठा नेता को फोन

    उद्धव के जन्मदिन पर शाह का उबाठा नेता को फोन

    महाराष्ट्र की सियासत में हलचल
    मुंबई.
    महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के दिनों में एक बार फिर से हलचल तेज़ हो गई है। उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन पर दो प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिले, जिन्होंने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दिया है। पहला, मनसे प्रमुख राज ठाकरे छह साल बाद मातोश्री पहुंचे और अपने चचेरे भाई उद्धव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। दूसरा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) के सांसद नागेश पाटिल आष्टीकर को फोन पर जन्मदिन की बधाई दी। इन दोनों घटनाओं ने महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित नए समीकरणों को लेकर अटकलें बढ़ा दी हैं।

    रणनीतिक संदेश के गहरे राज
    राज ठाकरे का मातोश्री पहुंचना और उद्धव से मुलाकात करना मराठी अस्मिता के मुद्दे पर दोनों भाइयों के बीच बढ़ती नजदीकी का संकेत देता है। दोनों नेता हाल ही में हिंदी भाषा के विरोध में एक साझा मंच पर भी आए थे, जिससे आगामी नगर निगम चुनावों में उनके साथ मिलकर लड़ने की संभावना पर भी चर्चा शुरू हो गई है। वहीं, अमित शाह का नागेश पाटिल आष्टीकर को फोन करना कई सवाल खड़े करता है, खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने उद्धव ठाकरे को सीधे शुभकामनाएं नहीं दीं, जबकि दोनों का जन्मदिन एक ही दिन था। राजनीतिक विश्लेषक इसे केवल औपचारिकता मानने के बजाय बीजेपी के किसी रणनीतिक संदेश के रूप में देख रहे हैं, जिसका उद्देश्य ठाकरे गुट के आंतरिक समीकरणों को प्रभावित करना या भविष्य के लिए कोई रास्ता तैयार करना हो सकता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुलाकात को व्यक्तिगत और पारिवारिक क्षण बताया है, लेकिन इन घटनाओं ने निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीति में नई दिशा की ओर संकेत दिया है।

  • महाराष्ट्र में अब ‘पेशवा पॉलिटिक्स’

    महाराष्ट्र में अब ‘पेशवा पॉलिटिक्स’

    बाजीराव प्रथम के बड़े स्टैच्यू का आज गृह मंत्री अमित शाह करेंगे अनावरण
    पुणे.
    महाराष्ट्र में भाषा विवाद और किसानों के मुद्दे पर मचे घमासान के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पुणे में बाजीराव पेशवा प्रथम की मूर्ति का अनावरण करेंगे। यह मूर्ति पुणे के एनडीए परिसर में लगाई गई है। जो काफी बड़ी है। स्टैच्यू का अनावरण समारोह एनडीए के त्रिशक्ति द्वार पर होगा, जहां प्रतिमा स्थापित की गई है। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पेशवा के परिवार के सदस्यों के शामिल होने की उम्मीद है। गृह मंत्री ऐसे वक्त पर इस स्टैच्यू का अनावरण कर रहे हैं, जब कुछ दिन पहले ही पुणे में यह मांग उठी थी कि भाजपा की राज्यसभा सदस्य मेधा कुलकर्णी ने केंद्रीय रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मांग उठाई थी कि पुणे स्टेशन का नाम बदलकर पेशवा बाजीराव प्रथम के नाम पर रखा जाए।

    क्या है कुलकर्णी की मांग?
    मेधा कुलकर्णी ने मांग की थी कि जब देश के कई रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे उस विशेष शहर के इतिहास से जुड़ रहे हैं तो पुणे और उसके रेलवे स्टेशन के बीच ऐसा कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टेशन का नाम बदलकर बाजीराव प्रथम के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिन्होंने कभी कोई युद्ध नहीं हारा। कुलकर्णी की मांग ने राजनीतिक मोड़ ले लिया और कुछ मराठा संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई। उनमें से कुछ ने पुणे रेलवे स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई या समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के नाम पर रखा जाए।

    शरद पवार ने दी प्रतिक्रिया
    गुरुवार को कुलकर्णी की मांग के बारे में पूछे जाने पर एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मुझे लगता है कि वह अपनी पार्टी के वरिष्ठों के निर्देशों का पालन कर रही हैं। गुरुवार को नवाब शादाब अली बहादुर-मस्तानी और पेशवा बाजीराव प्रथम के वंशज- ने कहा कि वह समारोह का बहिष्कार करेंगे क्योंकि उन्हें देर से निमंत्रण मिला था और उन्हें शाह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मुख्य मंच पर बैठने की जगह नहीं दी गई थी, जिसके बाद प्रतिमा के अनावरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया। बहादुर ने गुरुवार को एक बयान जारी किया और कहा कि आयोजकों ने मुझे आखिरी समय में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मुझे मंच पर जगह नहीं मिलेगी। पेशवा बाजीराव प्रथम के वंशज के रूप में यह मेरे लिए अपमानजनक है। इसलिए मैंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

    कार्यक्रम के लिए बड़ी तैयारियां
    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुणे दौरे के लिए बड़ी तैयारियां की गई है। शाह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मार्ग पर स्थित कुछ शैक्षणिक संस्थानों ने या तो छुट्टी, आधे दिन की छुट्टी या ऑनलाइन कक्षाओं की घोषणा की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सड़क बंद होने और यातायात के मार्ग बदलने से छात्रों पर कोई असर न पड़े। छात्रों को दिए गए नोटिस में, बिशप स्कूल, उंद्री ने कहा कि स्कूल बंद रहेगा। कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी और प्री-प्राइमरी के बच्चों की छुट्टी रहेगी। उंद्री में संस्कृति स्कूल ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए छुट्टी और अन्य छात्रों के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है।

  • पाक सीमा से सटे राज्यों में होने वाला मॉक ड्रिल स्थगित

    पाक सीमा से सटे राज्यों में होने वाला मॉक ड्रिल स्थगित

    सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया
    जम्मू.
    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के गुरुवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय जम्मू व पुंछ दौरे को देखते हुए प्रस्तावित मॉक ड्रिल को स्थगित कर दिया गया है। यह माक ड्रिल गुरुवार को होनी थी। इसे लेकर बुधवार शाम को जम्मू जिला प्रशासन की ओर से सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई गई जिसमें अमित शाह के दौरे के मद्देनजर मॉक ड्रिल को स्थगित करने का फैसला लिया गया। जम्मू के डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में यह बैठक हुई जिसमें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी व सिविल डिफेंस के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उधर सांबा जिला प्रशासन ने भी माक ड्रिल स्थगित करने का फैसला लिया।

    चारों राज्यों में मॉक ड्रिल स्थगित
    पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में गुरुवार, 29 मई को होने वाला नागरिक सुरक्षा अभ्यास ऑपरेशन शील्ड प्रशासनिक कारणों से गुजरात, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू और हरियाणा में स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल को स्थगित करने के निर्णय के पीछे प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि कल 29 मई 2025 को होने वाला नागरिक सुरक्षा अभ्यास ऑपरेशन शील्ड हरियाणा में स्थगित कर दिया गया है।

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद गृहमंत्री का पहला दौरा
    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार शाम को शरदकालीन राजधानी जम्मू पहुंच रहे हैं। शुक्रवार दोपहर बाद दिल्ली लौटने से पूर्व वह एकीकृत मुख्यालय में जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य, सीमा पर घुसपैठरोधी तंत्र और श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा के सुरक्षा कवच का जायजा लेने के अलावा पुंछ में गोलबारी पीड़ितों से भी मिलेंगे। पिछले दो माह के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री का यह जम्मू-कश्मीर का तीसरा और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला दौरा है।

  • शाह की सुरक्षा में चूक की होगी जांच

    शाह की सुरक्षा में चूक की होगी जांच

    गृह मंत्रालय का हरियाणा सरकार से जवाब तलब
    हिसार.
    हिसार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक को लेकर गृह मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है। मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से इस मामले में तत्काल जवाब मांगा है और रिटायर्ड जस्टिस एचएस भल्ला की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार और एडीजीपी कानून व्यवस्था संजय कुमार भी शामिल हैं।

    कई बड़े अफसरों पर गिरेगी गाज
    यह जांच कमेटी 31 मार्च को हिसार के अग्रोहा में महाराजा अग्रसेन की मूर्ति के अनावरण के दौरान हुई सुरक्षा चूक की गहन जांच करेगी और जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की सिफारिश करेगी। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में पुलिस के कई बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। इससे पहले हरियाणा पुलिस ने एक डीएसपी और एक इंस्पेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, क्योंकि वे दोनों अधिकारी सुरक्षा योजना के विपरीत अन्य स्थानों पर घूम रहे थे।

    गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को लिखा पत्र
    15 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने हरियाणा के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था। मंत्रालय ने यह भी कहा था कि भविष्य में इस तरह की चूक न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सख्त निर्देशों के बाद ही प्रदेश सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस एचएस भल्ला को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।

    31 मार्च को हिसार के दौरे पर रहे केंद्रीय गृह मंत्री
    31 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिसार दौरे पर थे। इस दौरान अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में महाराजा अग्रसेन की मूर्ति अनावरण के समय पुलिस अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी से उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक हुई। आरोप है कि सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात डीएसपी और इंस्पेक्टर अपनी निर्धारित ड्यूटी स्थल पर मौजूद नहीं थे। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने इस मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया।

    गृह मंत्रालय ने तुरंत संज्ञान लिया
    हिसार में शाह की सुरक्षा में चूक के मामले को हरियाणा पुलिस द्वारा नजरअंदाज किए जाने के बाद, गृह मंत्रालय के सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत इस मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने हरियाणा पुलिस के अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया, लेकिन पहले इसे दबा दिया गया। इसके बाद, गृह मंत्रालय को स्वयं पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।

    पहले भी हुई है सुरक्षा चूक
    यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा में किसी वीवीआईपी की सुरक्षा में चूक हुई है। साल 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में भी सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। 5 जनवरी 2022 को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में भी चूक हुई थी। किसानों द्वारा सड़क जाम करने के कारण उनका काफिला 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुका रहा।

  • 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म

    31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म

    प्रभावित जिलों की संख्या मात्र 6 रह गई है : शाह
    नई दिल्ली.
    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। देश में नक्सलवाद से प्रभावित कुल 38 जिलों में से अति प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 हो गई है। इनमें छत्तीसगढ़ के चार जिले—बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा, झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम और महाराष्ट्र का गड़चिरोली शामिल हैं।

    मोदी सरकार प्रतिबद्ध
    शाह ने कहा कि भारत ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मोदी सरकार नक्सलवाद के प्रति “रूथलेस अप्रोच” और समग्र विकास के लिए अथक प्रयासों के साथ एक सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत का निर्माण कर रही है। गृह मंत्री के अनुसार, नक्सलवाद से प्रभावित जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी “अति प्रभावित जिले”, जिनकी संख्या 12 से घटकर 6 हो गई। दूसरी श्रेणी “डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न” , जहां अतिरिक्त संसाधनों की सघन आवश्यकता है, जिनकी संख्या 9 से घटकर 6 रह गई है। इनमें आंध्र प्रदेश का अल्लूरी सीताराम राजू, मध्य प्रदेश का बालाघाट, ओडिशा के कालाहांडी, कंधमाल और मलकानगिरी, और तेलंगाना का भद्राद्रि-कोठागुडेम जिला शामिल हैं। तीसरी श्रेणी “अन्य एलडब्ल्यूई प्रभावित जिले” है, जिनकी संख्या भी 17 से घटकर 6 हो गई, जिसमें छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, गरियाबंद और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, झारखंड का लातेहार, ओडिशा का नुआपाड़ा और तेलंगाना का मुलुगु जिला शामिल हैं।

    विशेष केंद्रीय सहायता योजना
    इस सफलता के पीछे भारत सरकार की विशेष केंद्रीय सहायता योजना का बड़ा योगदान है। इस योजना के तहत अति प्रभावित जिलों को 30 करोड़ रुपये और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कन्सर्न को 10 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में व्याप्त अंतराल को भरने के लिए उपयोग की जाती है। इसके अलावा, इन जिलों की विशिष्ट जरूरतों के लिए विशेष परियोजनाओं का भी प्रावधान किया गया है।

    सुरक्षा और विकास का संयुक्त प्रयास
    पिछले एक साल में वामपंथी उग्रवाद के परिदृश्य में तेजी से सुधार देखा गया है। इसका प्रमुख कारण उग्रवाद प्रभावित कोर क्षेत्रों में नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना और विकासोन्मुखी कार्यों का विस्तार रहा है। सड़कों का निर्माण, परिवहन सुविधाओं में सुधार, पानी और बिजली की उपलब्धता, और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की ग्रामीण स्तर तक पहुंच बढ़ने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव आया है। इन प्रयासों ने न केवल नक्सलियों के प्रभाव को कम किया, बल्कि स्थानीय लोगों का विश्वास भी जीता है।

    नक्सलमुक्त भारत का संकल्प
    अमित शाह ने कहा, “नक्सलवाद देश के विकास और शांति का सबसे बड़ा दुश्मन रहा है। मोदी सरकार इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य 31 मार्च, 2026 तक भारत को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाना है।” सरकार की यह रणनीति न केवल सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई पर आधारित है, बल्कि विकास के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा में शामिल करने पर भी केंद्रित है। यह उपलब्धि नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, जो दशकों से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती बनी हुई थी।