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‘75’ से भाजपा परेशान, भागवत ने किया हैरान

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राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज
मुंबई.
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान लगातार भारतीय जनता पार्टी को असहज कर रहे हैं। एक बार फिर संघ प्रमुख ने 75 साल की उम्र सीमा को लेकर बयान दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। भागवत ने रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी किताब के विमोचन के अवसर पर कहा, “75 साल पूरे होने पर जब आपको शॉल ओढ़ाई जाती है, तो इसका मतलब होता है कि आपकी उम्र हो गई है। अब आपको किनारे हो जाना चाहिए और दूसरों को भी अवसर देना चाहिए।”

विपक्ष ने बयान को लपका
संघ प्रमुख के इस बयान को विपक्ष ने तुरंत भुना लिया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को “जबरन रिटायरमेंट” दिलाया था। उन्होंने पूछा कि क्या पीएम मोदी खुद भी इस नियम का पालन करेंगे। आम आदमी पार्टी भी पहले कह चुकी है कि बीजेपी ने 75 वर्ष की सीमा तय कर रखी है और पीएम मोदी, जो इस साल 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे, रिटायर हो सकते हैं।

एक तीर, दो निशाने
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम मोदी के स्वदेश लौटते ही भागवत ने उन्हें याद दिला दिया है कि 17 सितंबर 2025 को वह 75 साल के हो जाएंगे। रमेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि पीएम मोदी भी पलटकर कह सकते हैं कि भागवत भी 11 सितंबर 2025 को 75 साल के होने वाले हैं – “एक तीर, दो निशाने!”

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भाजपा में यह है कायदा
भाजपा के भीतर पद पर बने रहने के लिए उम्र को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं है, हालांकि कुछ स्तरों पर पार्टी ने समय-सीमा तय की है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 साल की उम्र सीमा तय की है।

तब से रिटायर का चलन
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 75 साल से अधिक उम्र के कई वरिष्ठ नेताओं, जैसे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन और कलराज मिश्र, को टिकट नहीं दिया था। दरअसल, 2014 में बीजेपी के सत्ता में आते ही 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को रिटायर करने का चलन शुरू हुआ था। इन नेताओं को पार्टी ने “मार्गदर्शक मंडल” में शामिल किया। गुजरात में आनंदी बेन पटेल का इस्तीफा भी उम्र के पैमाने को देखते हुए लिया गया था, और जब नजमा हेपतुल्लाह ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया, तो उनकी उम्र भी 76 साल थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी और रीता बहुगुणा जोशी जैसे नेताओं का टिकट 75 साल से अधिक उम्र होने के कारण काट दिया गया।

पीएम मोदी 2029 में करेंगे देश का नेतृत्व
पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी नेताओं, खासकर आम आदमी पार्टी, ने यह नैरेटिव सेट करने की कोशिश की थी कि 2025 में पीएम मोदी 75 साल के हो जाएंगे और रिटायरमेंट ले लेंगे। इस पर जवाब देने के लिए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आगे आना पड़ा था। शाह ने स्पष्ट किया था कि भाजपा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और पीएम मोदी साल 2029 में भी देश का नेतृत्व करेंगे। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा था कि भाजपा के संविधान में कहीं भी आयु को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और पीएम मोदी भविष्य में भी पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

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