दैनिक भास्कर के निवासी संपादक सुनील हजारी दो दिन के पीसीआर पर.
– कड़ी जांच की तो आ सकते है और नाम सामने !
-7 साल में कैसे जमाई करोड़ो की माया.
– हजारी का मोबाइल खंगाला गया तो खुल सकता है राज! नागपुर अखबारों में छाई खबर,दैनिक भास्कर में बेखबर.!
नागपुर क्राइम – नागपुर में दैनिक भास्कर के निवासी संपादक सुनील हजारी 80 हजार रुपए की फिरौती में गुरुवार को सदर पुलिस ने गिरफ्तार किया।शुक्रवार को आरोपी सुनील हजारी को सदर पुलिस ने कोर्ट के सामने हाजिर किया।कोर्ट ने दो दिन का पीसीआर देने की जानकारी पीआई मनीष ठाकरे ने दी।
पुलिस ने खण्डनीबाज सुनील हजारी का मोबाइल खंगाला तो कही राज खुल सकते है।हजारी ने अबतक किस किससे फोन पर बात की इसका भी खुलासा हो सकता है।
सूत्र के अनुसार हजारी अकेला नही उनके साथ और भी पत्रकार हो सकते है।
शुक्रवार को नागपुर पत्रकारिता जगत में इस मामले को लेकर दिनभर बड़ी चर्चा रही।शहर के पत्रकारिता को तार तार करने वाली खबर से नामी पत्रकारों में नाराजगी है।कहते है कि अब पत्रकार मत कहिए यह गाली लगती है।
चार लोग और इस मामले में होने का मैसेज दिन भर सोशल मीडिया पर घूमता रहा।लेकिन कौन कौन है इसकी बड़ी उत्सुकता पत्रकारिता जगत में दिनभर रही।
इस खबर की पड़ताल के लिए पीआई ठाकरे से संपर्क करने पर बताया कि आज दो दिन का पीसीआर मिला है।चार लोगों के नाम सामने नही आएं।अब पुछताछ करेंगे।
नागपुर के अखबारों में छाई खबर…दैनिक भास्कर ने की बेखबर!
पत्रकारिता में खबर खबर होती है चाहे वह कोई भी हो।पुलिस थाने में मामला दर्ज होने पर खबर को प्रकाशित की जाती है।नागपुर के हिंदी मराठी अखबारों ने आरोपी संपादक की खबर को लीड पर चलाया क्यो की वह खबर थी।लेकिन जिस अखबार में हजारी नोकरी करतात था उस अखबार ने खबर को बेखबर करने से अब पत्रकारिता जगत में अखबार पर भी सवाल उठ रहे है।आखिर सुनील हजारी की एक कॉलम खबर क्यो नही दी।हालाकि दैनिक भास्कर के तीन पत्रकार एक फोटोग्राफर घटना के दिन सदर थाने में मौजुत थे।सारी जानकारी मुख्य सम्पादक को होने के बावजूद खबर को क्यो दबाया यह सवाल भी उठ रहा है।
खबर को दबाकर खण्डनीबाज सुनील हजारी को समर्थन कर रहे क्या ?यदि दूसरे की होती तो क्या खबरें प्रकाशित नही करते।कितनी बार पत्रकारों के खंडनी की खबरे दैनिक भास्कर ने प्रकाशित की लेकिन अपने ही अखबार के खण्डनीबाज की खबर को प्रकाशित नही करने से अखबार भी सवालों के घेरे है।
अब देखना है कि इस खबर को दैनिक भास्कर प्रकाशित करता या आरोपी को समर्थन करता।