सांसदों-विधायकों ने पीएम मोदी से की ये बड़ी मांग
जयपुर.
पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता स्थगित होने के बाद राजस्थान की बल्ले-बल्ले होने की उम्मीद है। सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों के लिए भी नई उम्मीद जगी है। सिंधु जल पाने की लालसा में अब पश्चिमी राजस्थान के सांसद व विधायक सक्रिय हो गए हैं। जोधपुर में ओसियां विधायक भैराराम सियोल ने सिंधु जल समझौता स्थगन करने के निर्णय पर केंद्र की मोदी सरकार का आभार जताया। साथ ही नदियों के पानी की डिमांड को लेकर ओसियां विधायक भैराराम सियोल ने पश्चिमी राजस्थान के सांसदों और विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र पीएम नरेन्द्र मोदी को भेजा है।
पीएम से यह मांग
जोधपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओसियां विधायक भैराराम सियोल ने कहा कि पाकिस्तान जाने वाली सिंधु, चिनाब, झेलम सहित उत्तरी भारत की सहायक नदियों के रोके गए पानी को डायवर्ट कर पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ के मरुस्थलीय जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाने की मांग की।
उम्मीद में मारवाड़ के किसान
भैराराम सियोल ने कहा पश्चिमी राजस्थान के जनप्रतिनिधियों, सांसदों व विधायकों ने हस्ताक्षरयुक्त पत्र पीएम नरेंद्र मोदी को लिखकर अनुरोध किया है। विधायक भैराराम सियोल ने कहा कि देश की मोदी सरकार ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने का साहसिक निर्णय लिया है, अब मारवाड़ के किसान भी उम्मीद भरी निगाह से देख रहे हैं। उत्तरी भारत की नदियों के पानी को मारवाड़ में लाया जाए।
किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा
पत्र में भैराराम सियोल ने बताया कि पत्र में लिखा है कि यदि इन नदियों का पानी पश्चिमी राजस्थान के जिलों-जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, फलोदी, बालोतरा, सिरोही और डीडवाना-कुचामन तक लाया जाए तो यहां के किसानों की तकदीर ही बदल सकती है। मौजूदा वक्त में पश्चिमी राजस्थान के लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर दूर तक भटकना पड़ता है। खासकर गर्मी के सीजन में खेती तो दूर, पीने के पानी के भी लाले पड़ जाते हैं। यदि सिंधु का पानी यहां पहुंचा दिया गया तो सूखे धोरों में हरियाली आ जाएगी। इससे किसान समृद्ध होंगे और लाखों लोगों के जीवन में नई रोशनी आएगी।