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सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी

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सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी
Fraud in the name of government job

युवाओं के सपनों से खिलवाड़
नागपुर.
बेलतरोडी थानांतर्गत एक ऐसा ठग पकड़ा गया है, जो विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था। आरोप है कि उसने खुद को पुलिस विभाग में क्लर्क बताकर पीड़ितों से लाखों रुपये अपने बैंक खाते में जमा कराकर ठगी की है। उसे अमरावती शहर से गिरफ्तार किया गया। आरोपी नामदेव उर्फ प्रकाश उर्फ जगदीश धनराज राठौड़ (35) यवतमाल निवासी है। वह अवधूतवाड़ी (यवतमाल) पुलिस स्टेशन में हुए एक अपराध में लंबे समय से फरार था। वह पिछले एक मामले में अदालत में पेश नहीं हुआ था।

8 युवकों से ठगी
आरोपी ने रामटेक और मौदा के करीब आठ युवकों को ठगा। उसने पुलिस भर्ती, स्वास्थ्य विभाग, मेट्रो नागपुर, रेलवे विभाग, सेना आदि सरकारी सेवाओं में भर्ती कराने का वादा करके नकद और ऑनलाइन 16 लाख 86 हजार रुपये ऐंठ लिए। पैसे लेने के बाद, आरोपी अलग-अलग जिलों में जाकर कुछ दिन रुकता था। आरोपी खुद को अमरावती पुलिस आयुक्तालय में क्लर्क बताता था। उसने एक पहचान पत्र भी बना रखा था। उसके आधार पर वह लोगों और उनके दोस्तों व परिवारों को आर्थिक रूप से ठग रहा था। खासतौर पर, उसने पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र भी दिए। जब उन्होंने कार्यालय जाकर नियुक्ति पत्रों के बारे में गहन पूछताछ की, तो मामले का भंडाफोड़ हुआ।

कई सवाल उठते हैं
बेलतरोडी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया नामदेव उर्फ प्रकाश राठौड़ जैसे ठग, हमारे देश के उन लाखों युवाओं के सपनों और उम्मीदों को तोड़ते हैं, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। यह सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर एक सीधा हमला है। इस घटना से कई सवाल उठते हैं। आरोपी कई गंभीर अपराधों में फरार था, फिर भी वह महीनों तक लोगों को ठगता रहा। क्या पुलिस के पास फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए मजबूत तंत्र नहीं है? इस मामले में पुलिस ने तकनीकी और गोपनीय जानकारी के आधार पर आरोपी को पकड़ा है, जो एक सकारात्मक कदम है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अपराधी इतनी आसानी से बच न निकल पाएं।

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