हाईकोर्ट के वकीलों ने मनसे चीफ के खिलाफ खोला मोर्चा
मुंबई
मराठी बनाम हिंदी भाषा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र स्थानीय चुनाव से पहले भाषा को लेकर छिड़े इस विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग उठी है। मुंबई के वर्ली डोम में 5 जुलाई को हुई ठाकरे भाईयों- उद्धव और राज की संयुक्त जनसभा में भड़काऊ और उत्तेजक भाषण देने के आरोप लगाए गए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के तीन अधिवक्ताओं पंकज कुमार मिश्रा, नित्यानंद शर्मा और आशीष राय ने राज ठाकरे के खिलाफ महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत भेजी है।
शिकायत में यह आरोप
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि राज ठाकरे के भाषण के बाद मनसे कार्यकर्ता हिंदी भाषी लोगों के प्रति आक्रामक हो गए हैं। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अन्य राज्यों से आए नागरिकों के साथ मराठी न बोलने पर गाली-गलौज, धमकियां और मारपीट जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इससे राज्य की सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है।
नफरत फैलाने वाले बयान
शिकायत में यह भी कहा गया है कि राज ठाकरे ने अपने भाषण में अन्य राज्यों के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयान दिए, जिससे मनसे कार्यकर्ता उत्तेजित होकर मराठी नहीं बोलने वालों से मारपीट कर रहें है। इस प्रकार की कार्रवाई को भारतीय संविधान के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए, शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह संविधान के खिलाफ
तीनों वकीलों ने अपनी शिकायत में कहा कि मराठी महाराष्ट्र की प्रादेशिक भाषा है और मराठी भाषा का सम्मान करना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन हाल के कुछ दिनों में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा अन्य राज्यों से आए नागरिकों के साथ भाषा के मुद्दे पर अत्याचार, मारपीट और सार्वजनिक रूप से अपमान की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह एक गंभीर मामला है, जो संविधान के खिलाफ है।
यह कहा था राज ठाकरे ने
वर्ली डोम में हुए ‘आवाज मराठीचा’ सभा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से कहा था कि अगर किसी को मराठी नहीं बोलने के लिए पीटते हो तो उसका वीडियो मत बनाओ। राज ठाकरे ने कहा था, “यहां चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी ही चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर कोई ड्रामा करे तो कान के नीचे लगाओ, लेकिन वीडियो बना कर प्रचार मत करो।“
विरार में उत्तर भारतीय से मारपीट
हाल ही में महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में एक उत्तर भारतीय ऑटो चालक के साथ कथित रूप से मराठी न बोलने पर मनसे और शिवसेना (उद्धव गुट) के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे भाषा के नाम पर की जा रही हिंसा को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। लोगों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, इसलिए अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है।