कयास तेज, क्या वहां खत्म होगा राष्ट्रपति शासन?
इम्फाल.
मणिपुर में सरकार बनाने के लिए हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में दावा पेश किया गया है। बुधवार को बीजेपी विधायक थोकचोम राधेश्याम सिंह के नेतृत्व में 10 विधायकों ने इंफाल में राजभवन जाकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की। इनमें जिसमें 8 बीजेपी, एक नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 44 विधायकों का समर्थन है। बता दें कि मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें है। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।
44 विधायकों की राय दी
बीजेपी विधायक राधेश्याम सिंह ने कहा कि हमने राज्यपाल को 44 विधायकों की राय दी है। जिस तरह से चीजें हुई हैं और जनता का दबाव है, उसे देखते हुए हमने राज्यपाल को बताया कि यह एक लोकप्रिय सरकार स्थापित करने का सही समय है। बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि राष्ट्रपति शासन एक आपातकालीन कदम है और यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। अगर नई लोकप्रिय सरकार विफल हो जाती है, तो आप फिर से पूरी ताकत से राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।
निशिकांत सिंह ने कहा
वहीं निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा कि वे जल्द ही लोकप्रिय सरकार के गठन की उम्मीद कर रहे हैं और इसके लिए राज्यपाल को हस्ताक्षरित दस्तावेज सौंपा गया है। हालांकि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 21 विधायकों ने एक पत्र लिखा था। इसमें पूर्वोत्तर राज्यों में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए लोकप्रिय सरकार बनाने का आग्रह किया था। इस पत्र पर बीजेपी के 13, एनपीपी के 3 और दो निर्दलीय विधायकों ने साइन किए थे।
फरवरी से लागू है राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा दे दिया था। यह कदम राज्य में चल रही जातीय हिंसा और मुख्यमंत्री के चयन पर सहमति न बन पाने के कारण उठाया गया था। बीजेपी ने नया नेतृत्व चुनने की कोशिश की, लेकिन तब तक कोई सर्वसम्मत नाम तय नहीं हो सका, जिसके कारण राष्ट्रपति शासन लागू हुआ।