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भारत में 5 लाख पाकिस्तानी लड़कियां, यह आतंक का नया चेहरा

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भाजपा सांसद ने पूछा- देश के अंदर घुसे इन दुश्मनों से लड़ना कैसे
नई दिल्ली.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए भारत में पाकिस्तानी आतंकवाद के एक नए रूप को उजागर करने की बात कही है। उनके अनुसार, लगभग 5 लाख से अधिक पाकिस्तानी लड़कियां भारत में शादी करके रह रही हैं, लेकिन इन्हें आज तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। दुबे ने इसे “आतंकवाद का नया चेहरा” करार देते हुए सवाल उठाया कि “अंदर घुसे इन दुश्मनों से लड़ना कैसे?” यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, खासकर 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।

मिल रहीं तीखी प्रतिक्रियाएं
दुबे का यह दावा सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ये महिलाएं बिना नागरिकता के भारत में रह रही हैं, जिसे वे एक गंभीर सुरक्षा खतरे के रूप में देखते हैं। हालांकि, उनके इस दावे की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ा या विश्वसनीय स्रोत अभी तक सामने नहीं आया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पार विवाह दुर्लभ हैं और ऐसी महिलाओं को भारत में प्रवेश के लिए सख्त कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। फिर भी, दुबे का बयान राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दे रहा है।

537 पाकिस्तानी नागरिक लौटे पाक
इस बीच, पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। अधिकारियों के अनुसार, 24 अप्रैल से शुरू हुए चार दिनों में 537 पाकिस्तानी नागरिक, जिनमें नौ राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, अमृतसर के अटारी-वाघा सीमा बिंदु के माध्यम से भारत छोड़कर गए। यह कार्रवाई तब हुई, जब केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए 12 श्रेणियों के अल्पकालिक वीजा धारकों को “भारत छोड़ने” का नोटिस जारी किया था। रविवार को इस नोटिस की समय सीमा समाप्त हो गई। केवल रविवार को ही 237 पाकिस्तानी नागरिक, जिसमें नौ राजनयिक शामिल थे, भारत से निकले, जबकि 26 अप्रैल को 81, 25 अप्रैल को 191 और 24 अप्रैल को 28 लोग सीमा पार कर गए।

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850 भारतीय नागरिक लौटे देश
दूसरी ओर, इसी अवधि में 850 भारतीय नागरिक, जिनमें 14 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, पाकिस्तान से पंजाब में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉसिंग के माध्यम से वापस लौटे। यह कदम भारत द्वारा पहलगाम हमले के जवाब में उठाए गए कई प्रतिबंधात्मक उपायों का हिस्सा है, जिसमें 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना भी शामिल है।