24 घंटे में हाई कमीशन के एक अधिकारी को देश छोड़ने का दिया आदेश
नई दिल्ली.
पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को निष्कासित करने का एलान किया। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एक पारस्परिक कूटनीतिक कार्रवाई में पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को निष्कासित करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के कर्मचारी को’ अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया और 24 घंटे के भीतर उसे जाने का आदेश दिया। यह कदम भारत द्वारा नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से एक पाकिस्तानी राजनयिक को राजनयिक स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में शामिल होने के इसी तरह के आधार पर निष्कासित किए जाने के बाद उठाया गया है।
भारत की देखादेखी
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक कर्मचारी को उसकी विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। संबंधित अधिकारी को 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस निर्णय की जानकारी देने के लिए भारतीय प्रभारी को विदेश मंत्रालय बुलाया गया। बयान में कहा गया कि इस बात पर जोर दिया गया कि भारतीय उच्चायोग के किसी भी राजनयिक या कर्मचारी को किसी भी तरह से अपने विशेषाधिकारों और स्थिति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इससे पहले बुधवार को भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर निष्कासित कर दिया था।
पिछले सप्ताह भी निकाला था
एक सप्ताह में यह दूसरा निष्कासन था। 13 मई को भारत ने जासूसी में कथित रूप से संलिप्त होने के आरोप में एक अन्य पाकिस्तानी अधिकारी को निष्कासित कर दिया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात एक भारतीय कर्मचारी को भी निष्कासित कर दिया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई। भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की जवाबी कोशिश की। भारतीय सेना ने इन उकसावे का दृढ़ता और प्रभावी ढंग से जवाब दिया।