सरकार सख्त: नए नियम और कार्रवाई की तैयारी
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार राज्य में हाइड्रो गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की बढ़ती तस्करी को लेकर गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में स्वीकार किया कि अमेरिका और थाईलैंड जैसे देशों में हाइड्रो गांजा को कानूनी मान्यता मिलने के कारण कूरियर और अन्य माध्यमों से इसकी तस्करी एक बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों, खासकर बांग्लादेश और नेपाल, का इस्तेमाल भी भारत में ड्रग्स भेजने के लिए किया जा रहा है। यह रैकेट अब अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय स्तर पर फैल चुका है। मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि ड्रग्स तस्कर अब नए और चौंकाने वाले तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर से पीड़ित महिलाओं का इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जा रहा है, और ऐसे तीन मामले सामने आए हैं जहां कैंसर के तीसरे चरण की महिलाओं को पकड़ा गया है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बिक्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स की बिक्री इंस्टाग्राम, डार्क नेट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए हो रही है। ड्रग्स के आरोपियों को अब मकोका कानून (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। इसके लिए मानसून सत्र में एक संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। वसई सहित राज्य भर की बंद पड़ी केमिकल फैक्ट्रियों पर छापे मारे जा रहे हैं। इन फैक्ट्रियों के स्क्रैप से ड्रग्स बनाने पर रोक लगाने के लिए नियम बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके लिए राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को आदेश दिए गए हैं।
तस्कर ने खरीद लिया आईलैंड
मुख्यमंत्री ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि महाराष्ट्र का एक व्यक्ति, नवीन जिजकर, जो हाइड्रो गांजा का धंधा चला रहा था, ऑस्ट्रेलिया भाग गया था। उसने वहां एक आईलैंड खरीदा और ऑस्ट्रेलिया का पासपोर्ट हासिल कर लिया। इसके बाद वह अमेरिका और थाईलैंड से कूरियर के जरिए महाराष्ट्र में हाइड्रो गांजा भेज रहा था। पुलिस की कार्रवाई में पता चला कि उसने डाक के जरिए भी तस्करी की थी, जिसके बाद पोस्ट और कस्टम विभाग के कर्मियों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में संलिप्त दो पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। नवीन जिजकर को गिरफ्तार कर महाराष्ट्र लाया गया है। फडणवीस ने कहा कि पोस्ट और अन्य कूरियर कंपनियों को जांच के बाद ही पार्सल लेने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ड्रग्स के मामलों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों को सीधे बर्खास्त किया जाएगा, न कि केवल निलंबित।
कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं
–संदिग्ध दुकानों पर कार्रवाई: मुंबई में स्कूलों और कॉलेजों के आसपास की लगभग दो हजार संदिग्ध पान की दुकानों और छोटे ठेलों को बंद कर दिया गया है। मुंबई, नागपुर और अन्य शहरों में स्कूलों और कॉलेजों में ड्रग्स के खिलाफ विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
–मेडिकल दुकानों पर निगरानी: राज्य की सभी मेडिकल दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है, और लगभग 80 प्रतिशत दुकानों में यह सुविधा लग चुकी है। साथ ही, मेडिकल दुकानों को डॉक्टरों की पर्ची के बिना कफ सिरप और अन्य दवाइयां बेचने से मना किया गया है।
-ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए जन जागरूकता: भाजपा सदस्य परिणय फुके ने फिल्मों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शराब और ड्रग्स के महिमामंडन का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि ऐसा होता है और चेतावनी संदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन युवा इसे ‘कूल’ समझते हैं। इसलिए, सरकार अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से ड्रग्स के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाने का प्रयास करेगी। इसके लिए राज्य के सांस्कृतिक कार्य विभाग और सूचना व जनसंपर्क निदेशालय को फिल्म जगत से संपर्क करने के निर्देश दिए जाएंगे।