मदद मांगने गए थे, उल्टे पड़ी लताड़
नई दिल्ली.
पाकिस्तान का भारत के खिलाफ हर पैंतरा उस पर ही भारी पड़ रहा है। ताजा मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का है, जहां पाकिस्तान मदद मांगने गया था, लेकिन सुरक्षा परिषद ने उल्टे पाकिस्तान को ही लताड़ दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पाकिस्तान से ही मुश्किल सवाल पूछे और पहलगाम आतंकी हमले पर जवाबदेही तय करने को कहा।
लश्कर ए तैयबा का किया जिक्र
यूएनएससी की बैठक में सदस्यों ने पाकिस्तान से पूछा कि क्या पहलगाम आतंकी हमले में लश्कर ए तैयबा का हाथ है या नहीं। दरअसल पाकिस्तान ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत पहलगाम आतंकी हमले की आड़ में उस पर हमला करना चाहता है। हालांकि सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के इस तर्क को खारिज कर दिया और उल्टे हमले में लश्कर ए तैयबा की भूमिका पर ही सवाल पूछ लिए।
आतंकी हमले की कड़ी निंदा
संयुक्त राष्ट्र परिषद की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और इसकी जवाबदेही तय करने की भी मांग की गई। कुछ सदस्यों ने खासकर इस बात पर सवाल उठाए कि पहलगाम में पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर निशाना बनाया गया। इसकी भी सदस्यों ने कड़ी निंदा की।
उकसावे वाली कार्रवाई के लिए फटकार
पाकिस्तान द्वारा हाल ही में बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया है। सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों ने इस पर भी नाराजगी जताई और इसे पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई बताया। पाकिस्तान की कोशिश थी कि मामले को सुरक्षा परिषद में उठाकर इसका अंतरराष्ट्रीयकरण किया जाए और भारत पर दबाव बनाया जाए कि वह सैन्य कार्रवाई न करे, लेकिन उसकी यह कोशिश धरी की धरी रह गई और सुरक्षा परिषद ने ही पाकिस्तान को सलाह दी कि वे भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय तरीके से मुद्दे को सुलझाए।
अपना एजेंडा चलाने की साजिश रची थी
गौरतलब है कि पाकिस्तान इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर स्थायी सदस्य है। भारत फिलहाल सुरक्षा परिषद का हिस्सा नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान ने सोचा कि वह भारत की गैरमौजूदगी में सुरक्षा परिषद में अपना एजेंडा चलाने में सफल रहेगा, क्योंकि उसके आरोपों पर जवाब देने के लिए भारत यूएनएससी का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये भारत की बढ़ती कूटनीतिक अहमियत का उदाहरण है कि भारत की गैरमौजूदगी में भी पाकिस्तान का एजेंडा नहीं चला और बाकी सदस्य देशों ने पाकिस्तान को ही घेर लिया।