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सरकार पर प्राइवेट स्कूलों का आरटीई का 60 करोड़ रुपए से अधिक बकाया, :आरटीई के पैसे नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी

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सरकार पर प्राइवेट स्कूलों का आरटीई का 60 करोड़ रुपए से अधिक बकाया,

:आरटीई के पैसे नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी

गोंदिया : जिले की 126 से अधिक प्राइवेट स्कूलों को सरकार ने आरटीई का पैसा नहीं दिए जाने के कारण प्राइवेट स्कूलों के संचालक आर्थिक संकट में आन पड़े हैं।
बताया जा रहा है कि सरकार पर आरटीआई का 60 करोड़ रुपए से अधिक का बिल बकाया है ।

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बता दे कि गोंदिया जिले की 126 प्राइवेट स्कूलों मे आरटीई कानून के तहत 25 प्रतिशत आरक्षित सीट पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाया गया है। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से इन स्कूलों को अनुदान दिया जाता है। लेकिन पिछले कई वर्षों से इन प्राइवेट स्कूलों को अनुदान की राशि अदा नहीं की गई । बताया गया कि सरकार पर लगभग 60 करोड़ से अधिक रुपए की राशि बकाया है जो अब तक नहीं मिल पाई है।
इस संदर्भ में आरटीई फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष प्राध्यापक आर डी कटरे ने जानकारी देते हुए बताया कि गोंदिया जिले में लगभग 126 प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश देकर विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। सरकार द्वारा पढ़ाई की फीस स्कूलों को दी जाती है , लेकिन पिछले चार-पांच वर्षों से बकाया राशि नहीं दी गई है। जिस कारण सरकार पर प्राइवेट स्कूलों का लगभग 60 करोड रुपए से अधिक का बिल बकाया है । इस संदर्भ में 9 अक्टूबर 2024 को गोंदिया शिक्षा विभाग के खिलाफ नागपुर हायकोर्ट में प्रकरण दाखिल किया गया था। 29 नवंबर 2024 को नागपुर हाई कोर्ट द्वारा निर्णय दिया गया कि बकाया राशि तत्काल संबंधित स्कूलों को दिया जाए,लेकिन अभी तक राशि अदा नहीं की गई है।

प्राइवेट स्कूलों की बढ़ी परेशानी
प्राइवेट स्कूलों की नाराज़गी इस बात को लेकर है कि पिछले तीन-चार वर्षो से करोडो रुपयों की बकाया राशि अदा नहीं की गई है।
प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि कोरोना काल से पहले ही निजी स्कूलों को संकट का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से राशि जारी नहीं होने पर दिक्कतें और बढ़ गई हैं।

क्या है RTE
संविधान के आर्टिकल 21(A) में 6 से 14 बर्ष तक के बच्चों के लिये अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इसी के तहत सरकारें गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाती है। इसके लिए उन्हें कुछ राशि दी जाती है। इसी राशि का मामला गोंदिया शिक्षा विभाग में अटका हुआ है, जिसकी मांग प्राइवेट स्कूल कर रहे हैं।

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आरटीई के नियमों का नहीं हो रहा पालन

आरटीई कानून के तहत शैक्षणिक सत्र मे दिए जाने वाली फीस दो चरणों में प्राइवेट स्कूलों को अदा करना है । जिसमें कहा गया है कि पहले चरण की किस्त 30 अक्टूबर व दूसरे चरण की किस्त 30 अप्रैल तक करना अनिवार्य है । लेकिन इस नियम का पालन शिक्षा विभाग नहीं कर रहा है। न्यायालय ने फैसला देने के बाद भी शिक्षा विभाग बकाया राशि देने में असमर्थ साबित हो रहा है।
प्रा. आर डी कटरे
जिला अध्यक्ष: आरटीई फाउंडेशन महाराष्ट्र