रमाई जयंती विशेष…!
रमाबाई का जन्म एक गरीब परिवार में 1898 हुआ था। उनके पिता भिकु धुत्रे (वलंगकर) व माता रुक्मिणी इनके साथ रमाबाई दाभोल के पास वंणदगांव में नदीकिनारे महारपुरा बस्ती में रहती थी। उन्हेॅ ३ बहनें व एक भाई – शंकर था। रमाबाई की बडी बहन दापोली में रहती थी।
भिकु दाभोल बंदरगाह में मछलिओं से भरी हुई टोपलिया बाजार में पोहचाते थे। उन्हें छाती का दर्द था। रमा के बचपन में ही उनकी माता का बिमारी से निधन हुआ था। माता के जाने से बच्ची रमा के मन पर आघात हुआ। छोटी बहण गौरा और भाई शंकर तब बहूत ही छोटे थे। कुछ दिन बाद उनके पिता भिकु का भी निधन हुआ। आगे वलंगकर चाचा और गोविंदपुरकर मामा इन सब बच्चों को लेकर मुंबई में चले गये और वहां भायखला चाळ में रहने लगे।
सुभेदार रामजी सकपाल यह अपने पुत्र भीमराव आंबेडकर के लिए वधू की तलाश कर रहे थे। वहां उन्हे रमाबाई का पता चला, वे रमा को देखने गये। रमा उन्हें पसंद आई और उन्होंने रमा के साथ अपने पुत्र भीमराव की शादी कराने का फैसला कर लिखा। विवाह के लिए तारिख सुनिश्चित कि गई और अप्रैल १९०६ में रमाबाई का विवाह भीमराव आंबेडकर से सपन्न हुआ। विवाह के समय रमा की आयु महज ९ वर्ष एवं भीमराव की आयु १४ वर्ष थी और वे ५ वी अंग्रेजी कक्षा पढ रहे थे।