सुबह करीब साढ़े पांच बजे यह हादसा हुआ जब पहली मंजिल के फ्लैट के सदस्य भी अपने बेडरूम में सो रहे थे। मनीषा महादिक (59), बेटा मुकेश (32), पोता सिद्धार्थ (11) और रिश्तेदार शीतल भुवद (42) और उनकी बेटी अनीता (22) को मामूली चोटें आईं। इन सभी की हालत बिगड़ने पर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फ्लैट नंबर 202 का मालिकाना हक दयाशंकर विश्वकर्मा के पास है, जिन्होंने करीब एक साल पहले इसे महादिका को किराए पर दिया था।
खास बात यह है कि इस इमारत का नाम मीरा भायंदर नगर निगम (एमबीएमसी) की जर्जर इमारतों की सूची में नहीं है। खैर, नहीं तो विश्वकर्मा ने एक साल पहले ही अपने फ्लैट का फर्श बदल दिया था। ऐसे में यह कैसे हुआ इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है।
रात करीब ग्यारह बजे महादिक सो गए। जब वे सो रहे थे तभी जोर का शोर हुआ और वे पहली मंजिल पर गिर पड़े। आवाज सुनकर इमारत के लोग जाग गए। अग्रवाल हॉल में पहुंचे और वहां पांच लोगों को देखकर चौंक गए। परिवार ने विश्वकर्मा द्वारा किए गए फर्श के काम पर भी आपत्ति जताई थी। अग्रवाल ने कहा कि उनकी छत में कोई दरार नहीं आई है।
.