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मंदिर को गंगाजल से धोने पर भड़के राहुल गांधी

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बोले- यह भाजपा की दलित विरोधी सोच का उदाहरण
जयपुर.
राजस्थान में बीजेपी से निलंबित नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा अलवर के एक मंदिर में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के जाने के बाद गंगाजल से धोने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसको लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण है। इसलिए संविधान का सम्मान और रक्षा करना जरूरी है।

देश संविधान के आदर्शों से चलेगा
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण, बीजेपी लगातार दलितों को अपमानित और संविधान पर आक्रमण करती आ रही है। इसलिए संविधान का सिर्फ सम्मान नहीं, उसकी सुरक्षा भी ज़रूरी है। मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, मनुस्मृति से नहीं जो बहुजनों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती है।

यह है पूरा विवाद
रामनवमी के दिन अलवर की एक सोसायटी स्थित श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल हुए और मंदिर में पूजा-अर्चना की। लेकिन, अगले ही दिन ज्ञानदेव आहूजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को बुलाया गया, जिन्होंने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारा है।

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पार्टी ने निलंबित किया है
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के नेता राम मंदिर का बहिष्कार करते हैं, इसलिए उनके नेताओं को मंदिर में आने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में अपवित्र लोग आ गए थे, इसलिए हमने गंगाजल से शुद्धिकरण किया है। हालांकि उन्होंने जूली का नाम नहीं लिया, पर उनके बयान को जातीय द्वेषता से जोड़कर देखा गया। इसके चलते भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। भाजपा प्रदेश संगठन ने ज्ञानदेव आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है।

मदन राठौड़ ने बयान से किया किनारा
भाजपा नेता ज्ञान देव आहूजा की ओर से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली पर की गई टिप्पणी के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी साफ कर दिया है कि आहूजा के बयान से उनका कोई लेना देना नहीं है। भाजपा ऐसे बयान को समर्थन नहीं देती है। उन्होंने कहा कि जुली साहब तो नेता हैं और नेता की कोई जाति नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मैंने फोन पर ज्ञानदेव आहूजा से बात की उन्होंने किस प्रसंग में ये बयान क्यों दिया समझ नहीं आया।