कार्यक्रम में हो गई थी बिजली गुल
मऊ.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को बुधवार शाम को अपने गृह नगर मऊ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बिजली कटौती के कारण अंधेरे में एक सभा को संबोधित करना पड़ा। इस घटना के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आए हैं। इसके बाद बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनमें से दो को निलंबित कर दिया गया है।
नहीं थे बिजली विभाग के अधिकारी
दरअसल, अरविंद कुमार शर्मा राज्य सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय विकास महोत्सव में भाग लेने मऊ पहुंचे थे। स्थानीय निवासियों ने उन्हें हनुमान घाट पर आयोजित सम्मान समारोह में आमंत्रित किया था। कार्यक्रम के दौरान ही बिजली गुल हो गई। तब बिजली विभाग के अधिकारी भी नदारद थे। कार्यक्रम खत्म कर दिया गया। जाते वक्त मंत्रीजी को उनके जूते नहीं मिल रहे थे। मोबाइल फोन के टॉर्च की रोशनी में उन्हें अपने जूते ढूंढ़ने पड़े। घटना के कथित वीडियो ऑनलाइन साझा किए जा रहे हैं।
कार्यकर्ताओं ने लगाए आरोप
घटना से भाजपा कार्यकर्ताओं में भी असंतोष फैल गया है। उनमें से कुछ ने आरोप लगाया है कि स्थानीय अधिकारियों ने जान-बूझकर मंत्री की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। कई पार्टी सदस्यों ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अफरातफरी के बावजूद, बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा की शांत और संयमित प्रतिक्रिया सबसे अलग थी। स्थानीय लोगों ने कहा कि अंधेरे में सभा को संबोधित करने और मोबाइल के टॉर्च के साथ धैर्यपूर्वक अपनी चप्पल खोजना उनकी सादगी और विनम्रता को जाहिर करता है।
चार अधिकारी नपे
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस घटना के बाद राज्य सरकार ने बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। अधीक्षण अभियंता संजय वैश्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है जबकि अधिशासी अभियंता भुवनराज सिंह को आरोप पत्र दिया गया है। इसके अलावा उप-मंडलीय अधिकारी प्रकाश सिंह और कनिष्ठ अभियंता ओपी कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया है। बिजली विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं और कहा है कि जांच जारी रहने पर जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है।