हमारा WH वेब न्यूज़ चैंनल है। आम जनता की समस्याओं पर प्रकाश डालने का कार्य करता है। हर तबको की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित करने का दायित्व निभाते। देश की एकता अखण्डता रखने के लिए हर प्रयास करते है। किसान,बेरोजगारी,शिक्षा,व्यापार,की ख़बर प्रमुखतासे दिखाने प्रयास करते है। किसी भी जाती धर्म की भावनाओं को ठेच पहुँचानी वाली खबरों से हम दूर रहते है। देश की एकता ,अखंडता को हम हमेशा कायम रखने के लिए कार्य करेंगे। तो हमारे WH News को भारी मात्रा में सब्स्क्राइब कर हमें प्रोत्साहित करें।

नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार

spot_img

-मुस्लिम संगठनों ने बिहार चुनाव से पहले दिया बड़ा झटका
पटना.
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को मुस्लिम संगठनों ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसका मुस्लिम संगठनों ने बायकॉट कर दिया है। बायकॉट करने की वजह केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक को जेडीयू के समर्थन को लेकर बताया जा रहा है।
इमारत-ए-शरिया ने किया विरोध
इमारत-ए-शरिया की ओर से एक पत्र लिखा गया है जिसमें सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का विरोध किए जाने की बात बताई गई है। पत्र में लिखा गया कि उन्होंने 23 मार्च को सीएम नीतीश की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। यह फैसला वक्फ विधेयक के प्रति आपके समर्थन को देखते हुए लिया गया है, जिससे मुसलमानों का आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन बढ़ने का खतरा है।
नीतीश पर लगाए ये आरोप
इमारत-ए-शरिया ने सीएम नीतीश कुमार पर धर्मनिरपेक्ष शासन के अपने वादे से विश्वासघात करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन और वक्फ विधेयक को समर्थन उनकी प्रतिबद्धताओं के विपरीत है। संगठन ने कहा कि मुसलमानों की चिंताओं के प्रति आपकी सरकार की उदासीनता ऐसी औपचारिक सभाओं को निरर्थक बना देती है। मुस्लिम संगठन ने अपने पत्र में लिखा कि आपकी इफ्तार की दावत का मकसद सद्भावना और भरोसा को बढ़ावा देना होता है, लेकिन भरोसा केवल औपचारिक दावतों से नहीं बल्कि ठोस नीति और उपायों से होता है।
राजद ने फैसले का किया स्वागत
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बायकॉट करने पर मुस्लिम संगठनों के फैसले का आरजेडी ने स्वागत किया है। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि मुसलमानों के साथ नीतीश कुमार की पार्टी दोहरा मापदंड अपना रही है। जहां एक तरफ वक्फ बिल का समर्थन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मुसलमानों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रही है। दोनों नहीं चलेंगे।
अरशद मदनी ने भी बायकॉट की कही बात
इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान जैसे नेताओं की इफ्तार पार्टी से दूरी बनाने की घोषणा की थी। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि सांकेतिक विरोध के रूप में, खुद को सेक्युलर कहने वाले नीतीश कुमार, नायडू और चिराग पासवान जैसे नेताओं की इफ्तार, ईद मिलन और अन्य आयोजनों में जमीयत उलमा-ए-हिंद शामिल नहीं होगी।