डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मामला कोर्ट में..एक दिन में मांग सरकार को जवाब…13 एप्रिल को रखी गई सुनवाई..उधर गरुडा कंपनी ने जल्द बाजी में किया भूमिपूजन…!
नागपुर (विजय खवसे)- डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सांस्कृतिक भवन की 20 एकड़ जमीन के लिए बीते 86 दिनों से लगातार आंबेडकरी महिलाओ का आन्दोलन शांति पूर्वक चल रहा है।लेकिन इस मामले को लेकर शिंदे ,फड़णवीस की सरकार गंभीर नही होने से गरुडा एम्युजमेंट कंपनी ने बुधवार को जल्दबाजी में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर समाजभवन का भूमिपूजन किया।
जिलाधिकारी को एमटीडीसी ने बताया कि इस जमीन को गरुड़ा कंपनी को लीज पर दे दिया गया है । ऐसे में याचिकाकर्ता को यहां जयंती उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती । डॉ . आंबेडकर सांस्कृतिक भवन परिसर ( अंबाझरी ) बचाव कृति समिति के मुख्य संयोजक किशोर गजभिए की याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई ।
जिसमें याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक दिन के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है । बुधवार 13 एप्रिल 2023 को सुनवाई ली है।
बताया गया कि 1976 में राज्य सरकार ने यह 20 एकड़ जमीन डॉ . आंबेडकर सांस्कृतिक भवन बनाने के लिए दी थी । जून 2021 में राज्य सरकार ने जमीन का उपयोग बदल दिया । 22 नवंबर 2019 को एमटीडीसी ने गरुड़ा एम्यूजमेंट पार्क नागपुर नामक कंपनी के साथ करार कर इस जमीन पर एम्यूजमेंट पार्क बनाने का फैसला लिया । इसमें मनपा , नासुप्र को भी साथ लिया गया है ।
याचिकाकर्ता संगठन बीते तीन महा से इसका पुरजोर विरोध कर रहा है।इस जगह पर भीम जयंती मनाने का ऐलान किया गया है।14 ,15 अप्रेल को यहां पर भारी संख्या पर उपस्थित रहने का आव्हान पहले ही किशोर गजभिए ने किया है।इस मामले को सरकार ने गंभीरतासे लेकर 20 एकड़ जमीन डॉ. बाबासाहब आंबेडकर भवन को छोड़ने की मांग आन्दोलन कर्ताओं ने की है।नही तो आन्दोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है।