क्रीड़ा मैदान में राजनीति सभा का स्थानीय नागरिकों का विरोध….नागरीको ने किया आंदोलन
-क्रीड़ा मैदान बचाव समिति का तीव्र आंदोलन की चेतावनी
-श्री हनुमान चालीसा के सतत पाठ शुरू किए जायेगे
नागपुर WH न्यूज़ – खेल मैदान में 16 एप्रिल को महाविकास आघाडी की होने वाली सभा को स्थानिक नागरिकोने विरोध जताया,रविवार को आन्दोलन किया।हनुमान चालीसा के सतत पाठ करने की चेतावनी नागरिकों ने दी।अब नागरिकों के विरोध के चलते सभा को दी गई अनुमाती रद्द करते या नही इसकी और सभी की नजरें लगी है।
गौरतलब है कि खासदार क्रीड़ा महोत्सव के माध्यम से स्थानीय खेल प्रमियो के खेलो में उत्साह बड़ाने के उद्देश्य शहर में लगभग 22 छोटे मैदानों को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर सर्व सुविधा युक्त मैदान बनाए गए जिससे युवकों ने क्रीड़ा के प्रति जागरूकता फैले!
परंतु ऐसे छोटे छोटे मैदान जो बस्तियों के अंदर है उसे राजनीति सभा के लिए दिए जा रहे हैं जिसका विरोध स्थानीय नागरिक तथा पूर्व नगरसेवक कर रहें है!पूर्व नागपुर के सद्भावना नगर के दर्शन कालोनी स्थित मैदान पर हाल ही में डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर खेलो के लिए उपयोगी बनाया गया इस मैदान पर स्थानीय युवक अनेक खेल खेलते और सीखते है!परंतु एनआईटी प्रशासन मनमानी करते हुए सभा के लिए अनुमति प्रदान की नागरिकों तथा खिलाड़ियों द्वारा एक जुट होकर आज आंदोलन किया।
आंदोलनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की इस छोटे से मैदान पर राजनीति सभा रद्द नही की तो मैदान बचाव आंदोलन समिति द्वारा
तीव्र आंदोलन किया जाएगा तथा हनुमान चालीसा का पाठ किए जायेगे!पूर्व नगरसेवक हरीश डीकोंडवार ने कहा की मैदान में 1000 लोगो के बैठने की सुविधा है परंतु कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं की बैठक में पांच से दस हजार लोग लाए जायेगे वीआईपी मूवमेंट रहेगा!जिससे नागरीको को परेशानी होंगी खेल मैदान खराब होंगा.पार्किंग को समस्या उत्पन होंगी।
प्रशासन ने तुरंत इस मैदान पर सभा रद्द करे करने की मांग पूर्व नगरसेवक हरीश डीकोंडवार,धर्मपाल मेश्राम, बंटी कुकड़े,वंदना भूरे,मनीषा कोठे,राजेंद्र गोतमारे, समीता चकोले,पिंटू गिरहे,विजय ढोले,सचिन वानखेड़े,अजय सराडकर,दिव्या धुरडे,अनिल राजगीरे,हेमंत आखरे,मंगेश साखरकर,आशीष कलसे,इब्राहिम चूड़ीवाले,शंकर गायधने,पप्पू सातपुते,संगीता आदमाने, अनधा आमले,मीना चरपे ने की। बस्ती तथा आस पास के इलाके के नागरिको ने नारेबाजी कर जमकर विरोध जताकर आन्दोलन किया।