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‘कब्र’ पर सियासत, नागपुर में नफरत की आग

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-गंगा-जमुनी तहजीब हुई तार-तार
-सड़कों पर पड़े पत्थर दे रहे गवाही
नागपुर.
मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर उठीं नफरत की लपटों में सोमवार रात सेंट्रल नागपुर झुलस गया। एक अफवाह से फैली हिंसा में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया। अफवाह थी कि कुछ लोगों ने एक धार्मिक किताब को जला दिया है। यह अफवाह उस प्रदर्शन के दौरान फैली, जो दक्षिणपंथी समूहों ने किया था। वे औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग कर रहे थे। अचानक दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए। दर्जनों गाड़ियां स्वाहा कर दी गईं। हाथों में पत्थर लिए भीड़ ने पुलिस को भी नहीं बख्शा। उपद्रवी घर के अंदर तक घुसे और तोड़फोड़ की।
इसके बाद पथराव और तोड़फोड़
बताया जा रहा है कि विश्व हिंदू परिषद ने गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जला दिया। उनके मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही देर शाम 7:30 बजे महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। इसके बाद पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की। पुलिस पर भी हमला किया गया। डीसीपी निकेतन कदम कुल्हाड़ी के हमले से घायल हो गए। कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करने के साथ ही आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।
सोची समझी साजिश को आरोप
अब चर्चा तेज है कि क्या यह एक सोची समझी साजिश थी? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि वहां पत्थरों का ढेर मिला है। सियासत गर्म है, शिवसेना और बीजेपी नेता इसे सुनियोजित साजिश बता रहे हैं। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि नागपुर हिंसा को लेकर 5 एफआईआर दर्ज की गई है। घटना में 31 पुलिसकर्मी और 7 नागरिक घायल हुए हैं। सीएम देवेंद्र फडणवीस नागपुर हिंसा को लेकर बेहद सख्त हैं। वहीं, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को इसमें साजिश की बू आ रही है।
उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा : शिंदे
उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि औरंगजेब का समर्थन करने वाले देशद्रोही हैं, उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी प्लानिंग के तहत हुई है। पेट्रोल बॉम्ब का इस्तेमाल हुआ है। 4 डीसीपी और कई पुलिस वाले घायल हैं। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। नागपुर पुलिस ने अबतक हिंसा में शामिल 50 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट कर लिया है। इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ है। उधर, दूसरे पक्ष की शिकायत के आधार पर पुलिस ने विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली है।
जो प्रत्यक्षदर्शियों ने देखा
परिसर को लोगों का कहना है कि भीड़ ने योजना बनाकर हमला किया था। वे हमारे इलाके में आए और पत्थर फेंके। 8 गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। दो गाड़ियों को आग लगा दी गई। इस भीड़ में लोग मुखौटे पहने हुए थे। स्थानीय लोगों ने यह भी दावा किया है कि उनके पास पेट्रोल बम भी थे। सुबह जब विरोध प्रदर्शन हुआ तो पुलिस ने हस्तक्षेप किया। रात में महाराज की मूर्ति वाले स्थान और अन्य क्षेत्रों पर पत्थर फेंके गए और गाड़ियों में आग लगा दी गई। अग्निशमन कर्मियों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई।
पुलिस ने बताया क्या हुआ
पुलिस कमिश्नर रवींद्र सिंगल के अनुसार, शहर के 11 इलाकों कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, मंत्री योगेश कदम ने मंगलवार को बताया कि 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 12 से 14 पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं, 2-3 नागरिक भी घायल हैं। हिंसा के कारणों की जांच की जा रही है। अब मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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