अब तक का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर
बीजापुर.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया है। इसमें 4000 से अधिक जवान शामिल हैं। यहां पर 300 से अधिक नक्सलियों को जवानों ने घेरा हुआ है, जिसमें नक्सल लीडर हिड़मा, देवा, सुधाकर भी शामिल हैं। यहां कारगेट्टा, नाड़पल्ली, पुजारी कांकेर की पहाड़ी पर जवानों ने नक्सलियों को घेरा है।
अभियान में 3 राज्यों की पुलिस शामिल
लगभग 48 घंटे से ये ऑपरेशन चल रहा है। दोनों तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। इस ऑपरेशन में तीन राज्यों की पुलिस तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के जवान शामिल हैं। ये इलाका नक्सलियों का सेफ और कोर जोन माना जाता है। जवानों की सबसे बड़ी चुनौती यहां प्लांट आईइडी है। इसी की वजह से जवान सावधानी पूर्वक कदम रख रहे हैं।
आईइडी सबसे बड़ी चुनौती
ये भी माना जा रहा है कि इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 और 2 सहित नक्सलियों की अन्य कंपनियां भी हैं। जवानों के सामने भारी गर्मी और नक्सलियों के द्वारा लगाई गई आईइडी सबसे बड़ी चुनौती है। इस एनकाउंटर में लगातार ड्रोन और चौपर से नजर रखी जा रही है। सूत्रों की माने तो जवान एक हफ्ते का राशन लेकर इस ऑपरेशन में गए हुए हैं।
ऑपरेशन तेलंगाना से मॉनिटर
ये एक लंबे क्षेत्रफल में फैला हुआ पहाड़ी क्षेत्र है जहां जवानों को गर्मी, आईडी के साथ साथ इन पहाड़ों पर चढ़ना पड़ रहा है। इस पूरे ऑपरेशन को तेलंगाना से मॉनिटर किया जा रहा है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी और बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव नजर लगातार बनाए हुए हैं। इस ऑपरेशन में कई हाइटेक समानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश के गृह मंत्री लगातार इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। यह ऑपरेशन तीन राज्यों के समन्वित रणनीति के तहत लॉन्च किया गया है।
सुरक्षा बलों ने नेटवर्क को तोड़ा
जिस इलाके में यह ऑपरेशन लॉन्च किया गया है, वहां पर्वत की श्रृंखलाएं हैं, जिनका क्षेत्रफल 280 वर्ग किलोमीटर बताया जा रहा है। इस इलाके के आसपास पढ़ने वाले गांव से ही नक्सलियों को रसद की आपूर्ति होती रही है, लेकिन अब सुरक्षा बलों ने इस नेटवर्क को तोड़ दिया है । नक्सलियों के सामने राशन और मेडिकल की समस्या उत्पन्न हो गई है। नक्सलियों को पूर्व में मालूम था कि फोर्स अब इस इलाके की ओर आगे बढ़ेगी, इसलिए ऐसी इलाके के चारों तरफ नक्सलियों ने आईइडी प्लांट किया और इस बात की सूचना ग्रामीणों को भी दी ।