17 साल बाद महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में अद्वितीय साहस दिखाते हुए शहीद हुए सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले की याद में एक स्मारक बनाने का फैसला लिया है। यह स्मारक उनके पैतृक गांव सतारा जिले के केदांबे में बनाया जाएगा। यह गांव उनकी जन्मस्थली है। इस ऐतिहासिक स्मारक के निर्माण के लिए सरकार ने कुल 13.46 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस राशि की पहली किस्त 2.70 करोड़ रुपये शुक्रवार को जिला प्रशासन को सौंप दी गई है। जिससे निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सके।
17 साल पहले मुंबई में हुआ था आतंकी हमला
महाराष्ट्र सरकार की ओर से बनवाया जा रहा यह स्मारक मुंबई पुलिस के बलिदानी सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले की वीरता और सर्वोच्च बलिदान को अमर बनाने का प्रतीक होगा। उन्होंने 26 नवम्बर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान एके-47 से लैस आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। उनका यह बलिदान देश की सुरक्षा और साहस की एक मिसाल बन गया।
कौन हैं बलिदानी सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले?
बलिदानी सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले मुंबई से करीब 284 किलोमीटर दूर स्थित करीब 250 परिवारों वाले केदाम्बे गांव के रहने वाले थे। कहा जाता है कि तुकाराम ओंबले केदांबे गांव के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने मुंबई पुलिस जॉइन की थी। इससे पहले तक उनके गांव से कोई व्यक्ति पुलिस में भर्ती नहीं हुआ था। हालांकि उनके बलिदान के बाद इस गांव से करीब 13 युवा पुलिस में भर्ती हुए। यह सिर्फ और सिर्फ तुकाराम के बलिदान की वजह से ही हो सका है।
वर्दी से लगाव हो गया
ग्रामीण बताते हैं कि तुकाराम के मौसा सेना में वाहन चालक थे। इसी के चलते तुकाराम को सेना और पुलिसकर्मियों की वर्दी से लगाव हो गया। इसके बाद साल 1979 में वे मुंबई पुलिस में भर्ती हुए। ग्रामीणों की मानें तो मुंबई पुलिस से पहले कुछ दिनों तक तुकाराम में सतारा जिले में बिजली विभाग को भी अपनी सेवाएं दी, लेकिन पुलिस से ज्यादा लगाव होने के चलते उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी थी।