हमारा WH वेब न्यूज़ चैंनल है। आम जनता की समस्याओं पर प्रकाश डालने का कार्य करता है। हर तबको की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित करने का दायित्व निभाते। देश की एकता अखण्डता रखने के लिए हर प्रयास करते है। किसान,बेरोजगारी,शिक्षा,व्यापार,की ख़बर प्रमुखतासे दिखाने प्रयास करते है। किसी भी जाती धर्म की भावनाओं को ठेच पहुँचानी वाली खबरों से हम दूर रहते है। देश की एकता ,अखंडता को हम हमेशा कायम रखने के लिए कार्य करेंगे। तो हमारे WH News को भारी मात्रा में सब्स्क्राइब कर हमें प्रोत्साहित करें।

वाडी की मुख्याधिकारी धाबर्डे पर मौदा नप का बोझ! सरकार के पास अधिकारीयों की कमी, दो दो नप का कार्य होने से नही हो पाते नागरिको के काम

spot_img

वाडी की मुख्याधिकारी धाबर्डे पर मौदा नप का बोझ!
सरकार के पास अधिकारीयों की कमी, दो दो नप का कार्य होने से नही हो पाते नागरिको के काम

वाडी नागपूर WH NEWS – वाडी नगर परिषद निर्माण होकर 10साल हुए लेकीन पाच साल से चुनाव नही होने से प्रशासन ही काम देख रहा हैं. मुख्यधिकारी विजय देशमुख के बाद कामठी नप के मुख्याधिकारी संदीप बोरकर को वाडी नगर परिषद का प्रभार सौंपा, छह महिने कार्यभार संभालने के बाद अब कृचा धाबर्डे को वाडी नप का चार्ज दिया गया लेकिन अब जानकारी मिली की धाबर्डे मॅडम को मौदा का प्रभारी चार्ज दिया गया.

सरकार के पास अधिकारीयों की कमी के चलते एक अधिकारी को दो दो नगर परिषद का कार्य देने से नागरिकोको कामो पर असर होंगा.
वाडी नगर परिषद का क्षेत्र बडा हैं ऐसे में नागरिको के सुविधा के लिए नियमित मुख्याधिकारी का होना आवश्यक हैं.
लेकिन धाबर्डे मॅडम को फिर मौदा का चार्ज देने से अब दोनो नगर परिषद का बोझ हैं. ऐसे में नागरिको के समस्या पर ध्यान देना मुशकील होंगा.
वाडी से मौदा करीबन 45किलोमीटर का अंतर हैं कामकाज के 6दिन में 3-3दिन भी वाडी, मौदा नप का काम देखा तो भी नागरिकोको की समस्या हल होने के आसार दिखाई नही दे रहा हैं.

Advertisements

कामठी, कन्हान के मुख्याधिकारी क्यों नही दिया?
मौदा को लागकर कामठी कन्हान नगर परिषद हैं. ऐसे में पास में पडनेवाले मौदा नप का प्रभार कामठी कन्हान के मुख्याधिकारी को देना था लेकिन प्रशासन ने दिया नही.

सरकार मुख्यधिकारियो को करें नियुक्त
सरकार के पास नगर परिषद मुख्याधिकारीयो की कमी होने के कारण एक अधिकारी के पास दो दो नप की जिम्मेदारी हैं. अधिकारीयों को भी परेशानी का सामना करना पडता हैं. नागरिको की समस्या हल नही होती. ऐसे में सरकार ने अधिकारीयों का चयन करेन आवश्यक हैं.