वाड़ी पुलिस स्टेशन के पुलिस हवालदार दिनेश तांदुलकर ने की अबतक 110 से ज्यादा लापता, मिसिंग की सफल जांच की…बखूबी से करते है इन्वेस्टिगेशन
वाड़ी,नागपुर (विजयकुमार खवसे )
पुलिस स्टेशन में आएदिन हर तरह की शिकायत आती है।पुलिस जांच भी करते है।लेकिन लापता,मिसिंग के शिकायत एक पुलिस के सामने बड़ा चैलेंज होता है।इस चैलेंज को स्वीकार कर वाड़ी थाने के पुलिस हवालदार दिनेश तांदुलकर ने करीब एक साल में 117 में से 110 मिसिंग केसेस को सफलता पूर्वक ढूंढ निकाला है।जिसके कारण उनकी सराहना हो रही है।शिकायत कर्ता भी हवालदार से बड़े खुश है।अपनेही परिवार का सदस्य गुमशुदा हुआ है ऐसा समझकर दिनेश तांदुलकर ने काम किया है।
मिसिंग,लापता,गुमशुदा क्या होती है ?इसका मतलब क्या है? शिकायत कहा पर होती है? क्या थाने में देते हैं? पुलिस विभाग के लोग क्या करते हैं? और क्या उपाय हो सकता है?इसे कहा ढूंढेंगे ?ऐसे एक नही कही सवाल खड़े होते है।
पुलिस विभाग में हर तरह की जांच की जाती है लेकिन यह एक अलग तरह की जांच है।
परिवार,रिश्तों के लोग शिकायतकर्ता होते हैं। लड़का, लड़की, महिला, पुरुष, बुजुर्ग व्यक्ति, महिला या छोटे बच्चे-लड़कियां लापता,गुमशुदा में शामिल होते हैं।
माता-पिता से परेशानी, पति-पत्नी के विवाद, प्रेम संबंध, कर्ज या कुछ दिनों की मौज-मस्ती जैसे कई कारणों से गुमशुदा लोग थाने आते हैं, इनमें गुमशुदा महिलाएं बिना किसी को बताए किसी कारणवश घर से चली जाती हैं। और कभी-कभी मोबाइल ले जाते हैं या नहीं।फिर ऐसे हालात में पुलिस काम शुरू करती है।सबसे पहले वो उनके घर जाती है, घर के सभी सदस्य लोगों से बात करते हैं, अपने आस-पास के लोगों से मिलते हैं, अपने दोस्तों और दूर के रिश्तेदारों से संपर्क करते हैं।कॉलेज जाते हैं। स्कूल, ड्यूटी की जगह जाते है, अगर नशा करने वाला है तो ऐसी भी जगहों पर भी जाते हैं, आखिरी लोकेशन, आखिरी बातचीत, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, चैटिंग, रिकॉर्डिंग, सहित मोबाइल नंबर के सभी कोणों का पता लगाते हैं।
फोटो और अन्य सभी चीजों का पता लगाते है। उसकी पसंद-नापसंद देखें, आदतें देखें। सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, एसडीआर स्कैन करें, सब कुछ जांचें। सभी शहरों में थाने से लेकर थाने तक। संदेश, गुमशुदा पुलिस व्हाट्सएप ग्रुप पर जानकारी और विवरण दें अखबार, टीवी चैनल भी इनाम की घोषणा करते हैं। इस संदर्भ में हमारे संवाददाता ने पुलिस हवालदार दिनेश तांदुलकर से बात की और जाना कि मिसिंग की कार्रवाई कैसे करते है तो मेजर का कहना है कि कई मामलों में लोग सच्चाई को छुपाते हैं, रिश्ते और शर्म के बीच की दूरी के कारण सच्चाई छुपाते हैं। वह राज्य या जिले के बाहर या कहीं छिपा हुआ है। परिवार की आर्थिक स्थिति नाजुक है या कभी-कभी अस्तित्वहीन होती है ऐसे में मेजर तांदुलकर का कहना है कि पुलिस विभाग आर्थिक रूप से मदद करता है, कभी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी मदद करते हैं।
कभी-कभी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कुछ सामाजिक कार्यकर्ता मदद करते हैं और बेशक मैं खुद 100% मदद करता हूं क्योंकि मुझे लोगों की आंखों में आंसू नहीं देख सकते, लापता से मिलने परिवार की तड़प मुझसे बर्दाश्त नहीं होती।पुलिस दादा एक बार जरूर पधारें आपके बच्चे खुश हो जाएंगे, आपको हमारा आशीर्वाद मिलेगा प्लीज सर प्लीज। ऐसी विनती और स्थिति देखकर पुलिस वाला बेबस और भावुक हो जाता है और चिंतित हो जाता है। और कमर कस कर काम करने लगता है फिर कहाँ पुणे मुंबई राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र या राज्य के बाहर जाता है। वह लापता व्यक्ति की तलाश में घंटों-रात बिताता है। और जब परिवार के सदस्य और लापता व्यक्ति मिलते हैं, तो वह दृश्य देखकर चौंक जाता है, भले ही वह एक पुलिसकर्मी है, लेकिन वह खुशी है उनके चेहरे पर नजर आ रहा है. साफ है कि इससे बड़ा काम में कोई मेडल नहीं होता है।
लड़कियां और लड़के जब मां-बाप या पति-पत्नी से मिलते हैं तो कभी जबरदस्ती से, कभी प्यार से, कभी नाराजगी से खुश होते है तब सब कुछ शांत हो जाता है। पुलिस विभाग के बाकी थानों में पुलिस लापता,गुमशुदा मिसिंग के शिकायत पर पुलिस कितना गंभीर होते है यह तो पता नही लेकिन वाड़ी पुलिस स्टेशन के एचसी दिनेश तांडुलकर ने मिसिंग का काम बखूबी से निभाया है।यह तो उनके 100 से ज्यादा मिसिंग केसेस ढूंढ निकलने से ही पता चल रहा है।
तांदुलकर का कहना है कि मैं सभी घटनाओं का सावधानीपूर्वक अध्ययन करता हूं और सभी लापता व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर उनकी काउंसलिंग करता हूं, अपने फायदे, नुकसान, रिश्ते और उन्हें भी शामिल करते हैं। परिवार को कैसे पालें, ये कोशिश बहुत करते हैं कि परिवार बिखर न जाए और टूट न जाए, दूरियां खत्म न हों। कई बार सफलता मिलती है, कई बार स्वाद चखना पड़ता है। असफलता, ऐसे कड़वे अनुभव होते हैं कि किसी का मन हिल जाता है, फिर अपने घर में पत्नी के साथ मिलकर अच्छा करने के बाद गहरी सांस लेता हूँ और नए काम में लग जाते है।
यह कहते-कहते उनकी आंखों में आंसू आ गए और हम असमंजस में थे कि उनसे क्या पूछें, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इस बारे में आपके वरिष्ठ अधिकारी क्या कर रहे हैं तो वे तुरंत सतर्क हो गए और कहा कि मैं इस समय अकेले यह काम कर रहा हूं.।
जनवरी 2022 से वाडी थाना के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप रायनवार, एसीपी तेजले ने तांदुलकर के कार्य की सराहना की और रोल कॉल में सभी अधिकारियों के सामने फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया, आर्थिक सहायता प्रदान की और हिंगना में एक हत्या का भी खुलासा किया। वाडी थाना क्षेत्र के लापता होने की शिकायतों को ढूंढ निकालने दिनेश मेजर सफल हुए। एमआईडीसी विभाग और डीसीपी श्री मतानी ने मेजर की बहुत सराहना की थी।
वाडी थाने में 2022 में कुल 117 लापता व्यक्तियों में से 110 लापता व्यक्तियों को पूरी तरह से बरामद किया गया है। तांदुलकर कहते है कि यह मेरा कर्तव्य निभाया।कार्य की सराहना हुई लोगो ने उनका अभिनंदन किया।अब 2023 के लिए भी वह पूरी तरह तैयार है।मिसिंग हो या अन्य जांच में पूरी तरह ईमानदारी से काम कर पुलिस विभाग को न्याय देने का प्रयास करेंगे ऐसा मत एच सी दिनेश तांदुलकर ने व्यक्त किया।