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महाराष्ट्र से रूठा मानसून

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आगे बढ़ना पूरी तरह से रुक गया है
मुंबई.
इस साल मानसून ने सामान्य समय से पहले ही महाराष्ट्र में दस्तक दे दी। आमतौर पर राज्य में मानसून की शुरुआत 7 जून के आसपास होती है, लेकिन इस बार 25 मई को ही मानसून का आगमन हो गया, यानी यह पूरे 12 दिन पहले राज्य में पहुंच गया। मानसून के दस्तक के बाद शुरुआती कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से बड़ी राहत मिली थी। लेकिन अब मौसम ने एक बार फिर करवट ली है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश का जोर थम गया है। इसके साथ ही तापमान में बढ़ोतरी के कारण उमस भरी गर्मी भी शुरू हो गई है।

12 जून के बाद ही झमाझम के आसार
मौसम विभाग ने मानसून को लेकर एक नया पूर्वानुमान जारी किया है। महाराष्ट्र में मानसून कमजोर हुआ है, यानी अब कुछ दिनों तक अधिक बारिश नहीं होगी। मानसूनी हवाओं की गति धीमी हो गई है और अगले 5 से 7 दिनों तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, 10 से 12 जून के बाद राज्य में बारिश की रफ्तार बढ़ेगी और झमाझम बारिश होगी।

मौसम शुष्क रहने की संभावना
इस बीच, राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि बदलते मौसम के कारण मानसून की गति में कमी आना शुरू हो गई है और फिलहाल इसका आगे बढ़ना पूरी तरह से रुक गया है। अनुमान है कि कम से कम 10 जून तक मानसून का आगे बढ़ना थमा रहेगा। इस दौरान केवल पश्चिमी तटीय क्षेत्रों और कुछ अन्य इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है, जबकि राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

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तापमान में बढ़ोतरी की आशंका
इस शुष्क मौसम की वजह से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने की आशंका है। विदर्भ में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि मराठवाड़ा और खानदेश में तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। सरकार ने सलाह दी है कि इस सूखे मौसम का बुआई और फसल की रोपाई पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए कम से कम 10 जून तक बारिश में कमी आने की उम्मीद है, ऐसे में किसानों को बुवाई में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

प्रदेश में मानसून की गतिविधि
गौरतलब हो कि सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। यह आमतौर पर 7 जून के आस पास महाराष्ट्र और 11 जून को मुंबई पहुंचता है। मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस लौट जाता है।