बड़े पैमाने पर जल भराव हुआ
नई दिल्ली.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को अगले पांच दिनों के लिए पुणे और सतारा सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में “अत्यधिक भारी से बहुत भारी” बारिश का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के साथ-साथ सतारा और पुणे जिलों और कोल्हापुर जिले सहित उनके घाट (पहाड़ी) क्षेत्रों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ (जिसका अर्थ है “राहत कार्रवाई के लिए तैयार रहें”) जारी किया है।
250 से अधिक उड़ानें प्रभावित
महाराष्ट्र के रायगढ़ के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ केवल 25 और 26 मई के लिए वैध है। बारिश के कारण बड़े पैमाने पर जलभराव हुआ और परिवहन तथा उड़ान संचालन बाधित हुआ, जिससे 250 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं। कुर्ला, सायन, दादर और परेल सहित कई निचले इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए, जहां सुबह-सुबह बाढ़ से भरी सड़कों से वाहन गुजरते हुए दिखाई दिए। शहर में भारी बारिश के कारण तीनों प्रमुख लाइनों- सेंट्रल, वेस्टर्न और हार्बर पर लोकल ट्रेन सेवाएं निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं।
बारिश प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे जिले और अन्य बारिश प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा की, आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ तैयारियों और प्रतिक्रिया प्रयासों का आकलन करने के लिए चर्चा की। उन्होंने प्रशासन को समय पर और प्रभावी उपाय करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारी बारिश के कारण जन जीवन अप्रभावित रहे और जान-माल का कोई नुकसान न हो। शिंदे ने पूरे आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को हाई अलर्ट पर रहने और आवश्यकतानुसार राहत और बचाव कार्यों को तेजी से शुरू करने को कहा।
राहत शिविर खोले गए
केरल के उत्तरी जिलों में मूसलधार बारिश का कहर लगातार जारी है, जिससे कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। खबरों के अनुसार, भारी वर्षा के कारण राज्य भर में बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं, जिससे गांव, कस्बे और पहाड़ी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जबकि कई जिलों में नदियों और जलाशयों का जलस्तर बढ़ने से वहां के निवासियों लिए खतरा पैदा हो गया है। जिला अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि भारी बारिश जारी रहने के कारण वायनाड के सुल्तान बाथरी के पुजमकुनी गांव से कई आदिवासी परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि बाथरी में राहत शिविर खोले गए हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम भी जिले में तैनात है। त्रिशूर जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण पेड़ों के व्यापक रूप से उखड़ जाने से खतरा बढ़ गया और विभिन्न स्थानों पर यातायात बाधित हो गया, जिससे दमकल कर्मचारियों और पुलिस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि त्रिशूर-गुरुवायूर रेल मार्ग पर एक पेड़ उखड़कर गिर गया है और उसे हटाने के प्रयास जारी हैं।
दक्षिण-पश्चिम मानसून अरब सागर में आगे बढ़ा
आईएमडी ने रविवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिम मध्य और पूर्व मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है। इन क्षेत्रों के साथ-साथ मानसून पश्चिम-मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में भी आगे बढ़ गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, आईएमडी ने कहा: “दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिम-मध्य और पूर्व-मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, पूरे गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, पश्चिम-मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों और मिजोरम के कुछ और हिस्सों, मणिपुर और नगालैंड के कुछ हिस्सों में आज, 25 मई 2025 को आगे बढ़ गया है।