पुलिस स्टेशन में फोटो खींचना कानून का उल्लंघन नहीं : कोर्ट … कोर्ट ने रद्द की युवक के खिलाफ दर्ज एफआईआर…. पीड़ित को 25 हजार रुपए मुआवजा देने का निर्देश
मुम्बई – लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशनों में जाने के लिए स्वतंत्र हैं और वहां तस्वीरें लेना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत नहीं आता । बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में यह बात स्पष्ट की है । इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता की मोबाइल से तस्वीर खीचने के आरोप में 33 वर्षीय जिशान सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है ।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति आरएन लड्डा की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस मामले में याचिकाकर्ता ( सिद्दीकी ) को 25 हजार रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है और जुर्माने की रकम एफआईआर दर्ज करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के वेतन से वसूल करने को कहा है । खंडपीठ ने अपने आदेश में साफ किया है कि पुलिस स्टेशन ऐसा स्थान है , जहां लोग शिकायत – एफआईआर दर्ज कराने आते है , अपने साथ हुए अन्याय को दूर करने के लिए आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं ।
पुलिस विभाग की ओर से पुलिस स्टेशन में यह बोर्ड लगाया जा सकता है कि पुलिस स्टेशन में फोटोग्राफी प्रतिबंधित है । लेकिन अगर कोई पुलिस स्टेशन में फोटो व वीडियो बनाता है तो निश्चित रूप से यह गोपनीयता अधिनियम 1923 के प्रावधान के तहत नहीं आएगा ।
सिद्दीकी के खिलाफ मीरा – रोड पुलिस स्टेशन में गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी । क्योंकि सिद्दीकी ने पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता की तस्वीर खींची थी । सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि सिद्दीकी को इसलिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था , क्योंकि उसके खिलाफ पुलिस को शिकायत मिली थी । सिद्दीकी को शिकायतकर्ता की तस्वीर लेने से मना किया गया था फिर भी उसने अपने मोबाइल फोन से उसकी तस्वीर खींची थी ।
किंतु खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में गोपनीयता कानून के तहत मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है । पुलिस ने गलत इरादे से याचिकाकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है । पुलिस के पास कानून के संरक्षण का जिम्मा है । वह उसका दुरुपोयग नहीं कर सकती है । जिस धारा के तहत पुलिस ने मामला दर्ज किया है वह जासूसी के मामले में दर्ज की जाती है । इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामला नहीं बनता है । इसलिए मामले को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाता है ।याचिकाकर्ता ने कोर्ट का शुक्रिया अदा किया।