पहली कक्षा से पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहिए संगीत..!
दीपोत्सव पर गांधीबाग उद्यान में सुरमयी ‘दिवाली पहाट’
नागपुर – संगीत एक ऐसी कला है, जिसे साधना कहा जाता है। जब कोई विद्यार्थी संगीत सीखने के लिए पहुंचता है तो वह माध्यमिक या उच्च माध्यमिक कक्षा या इससे उपरी शिक्षा ले चुका होता है। उस समय उसे संगीत का प्रायमरी ज्ञान भी नहीं होता। इसलिए यह जरुरी है कि संगीत को पहली कक्षा से ही पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
ताकि विद्यार्थियों को संगीत का प्रायमरी ज्ञान हो। ताकि जब भी भविष्य में वह इस क्षेत्र में आये तो, उसके पास संगीत का शुरुआती ज्ञान हो। इस दिशा में प्रयास होना चाहिए। ऐसा संगीतगुरु अकील अहमद ने कहा। मध्य नागपुर के गांधीबाग उद्यान में पहलीबार सुरमयी दिवाली पहाट कार्यक्रम में वे विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। संगीत सरिता, अरुणोदय व मित्र परिवार द्वारा यह आयोजन किया गया था।
सोमवार की सुबह 6 बजे मां सरस्वती के छायाचित्र को माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सुरमयी सुबह की शुरुअात वंदेमातरम् से मां भारती को वंदन कर हुई। पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी की माताजी का निधन का समाचार मिलनेपर सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में अतिथि के रुप में विधायक विकास कुंभारे, समाजसेवी अशोक धापोडकर, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विनोद पाटिल, समाजसेवी पुरुषोत्तम कांद्रीकर, दीपक देवघरे, योगेश खंडवानी, मार्गदर्शक समाजसेवी मानसी भांदककर, तुषार महाजन, भूषण दडवे, डॉ. रामकृष्ण छांगाणी, राजकुमार गौर, किशोर राठोड आदि उपस्थित थे। उपस्थित सभी अतिथियों का सत्कार किया गया।
कार्यक्रम में मानसी भांदककर, शुभांगी बावणे, वासू पराये, गौरी निमजे, पल्लवी दाऊतखानी, छाया सरदार, अरविंद कोसारकर, जगदीश वाठ, राजेश धकाते, डॉ. रामकृष्ण छांगाणी ने हिंदी-मराठी समधुर गीतों की प्रस्तुति दी। संगीत समूह में अनिल हलमारे, सौरभ किलेदार, रवि मालवे, सुरेश खडसे, किशोर लुढेल, गणेश बारापात्रे, आदि ने संगत की।
इस कार्यक्रम के लिए विविध मंडलों लोटस् कल्चरल एंड स्पोर्टस् एसोसिएशन, न्यू जयगोपाल योगासन मंडल, परमालय योग नृत्य परिवार, गांधीबाग मित्र परिवार, सरगम संगीत विद्यालय, जय गोपाल योगासन मंडल, गांधीबाग महिला योग नृत्य परिवार, गांधीबाग गुड मॉर्निंग क्लब, लोटस् योग नृत्य परिवार, गांधीबाग युथ मित्र मंडल, गांधीबाग लॉफ्टर क्लब व योगासन मंडल, आरके स्वर साधना स्टूडियो, स्वर ईश्वर म्यूजिक क्लास, स्वर अलंकार संगीत परिवार, स्वर वेध म्यूजिक क्लास के सभी पदाधिकारियों ने सह्योग किया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए नलीनी देवगडे, क्षमा जोशी, लक्ष्मी गोखले, शारदा, जितेंद्र खापेकर, अजय पेटकर, सुभाष कापसे, अर्जुन मोहाडीकर, शैलेंद्र पौनीकर, राजू धांडे आदि ने सह्योग किया। संचालन राज टाकलीकर ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। समापन के दौरान सभी के लिए अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी।