लगाया आरोप- बगैर मुआवजा एक्सप्रेस-वे के लिए उनकी जमीन जबरन छीनी जा रही है
गुरदासपुर.
पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस और किसानों के बीच मंगलवार को ज़बरदस्त भिड़ंत हो गई। इस झड़प में सात किसान घायल हो गए। किसानों का कहना है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है। ज़मीन अधिग्रहण कानूनों का सही पालन नहीं हो रहा है। उन्हें उचित मुआवज़ा नहीं मिल रहा है और उनकी ज़िंदगी का सहारा छीना जा रहा है। और तो और, ज़मीन लेने से पहले उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी जा रही है। किसानों ने साफ कर दिया है कि वे अपना विरोध जारी रखेंगे।
बीच का रास्ता नहीं दिख रहा है
वहीं सरकार का कहना है कि विकास के लिए ज़मीन अधिग्रहण ज़रूरी है। और वे किसानों को उचित मुआवज़ा दे रहे हैं। फिलहाल, दोनों पक्षों के बीच बातचीत का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। किसानों की मांग है कि सरकार ज़मीन अधिग्रहण से पहले उनसे बात करे। उन्हें सही मुआवज़ा दे। और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करे। वे यह भी चाहते हैं कि सरकार खेती को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए। क्योंकि खेती ही उनके जीवन का आधार है। अगर खेती नहीं बचेगी तो उनका जीवन भी बर्बाद हो जाएगा।
चंडीगढ़ घुसने नहीं दिया था
बता दें कि 5 मार्च को चंडीगढ़ में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। जब किसान मान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पूरे पंजाब से किसान चंडीगढ़ आने वाले थे, लेकिन पुलिस ने पहले ही किसान नेताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। किसानों के जत्थों को रास्ते में ही रोक दिया गया। कई जगहों पर किसान सड़क पर ही बैठ गए। पंजाब सरकार ने पहले ही कह दिया था कि आंदोलन की इजाज़त नहीं है।