काटोल नप मुख्याधिकारी का भेदभाव…दलित युवक को किया बेरोजगार…केवल गुलाब का ही हटाया अतिक्रमण, बाकी लोगो पर मुख्याधिकारी की मेहरबानी क्यो?
नगर प्रशासन को शिकायत,गुलाब ने अर्धनग्न किया आन्दोलन…अब कोर्ट में जाने की तैयारी!
काटोल/नागपुर – केंद्र और राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू कीं। इस समाज के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये। लेकिन यह बात सामने आई है कि अतिक्रमण के नाम पर काटोल नगर परिषद के मुख्य अधिकारी द्वारा एक अनुसूचित जाती के मातंग समुदाय के युवक को बेरोजगार बना दिया गया है.
शहर में बड़े पैपाने पर अतिक्रमण होने के बावजूद गुलाब ताकतोड़े की दुकान को ही नप ने हटाया है।जिसके कारण गुलाब के परिवार पर भूखे रहने की नौबत आई है।आज भी काटोल शहर में बाजार सहित विभिन्न मुख्य सड़कों पर कई नागरिक आजीविका के लिए अपने दुकानें लगाकर बैठे है।केवल मुख्याधिकारी ने गुलाब की ही दुकान क्यो हटाई यह सवाल उठ रहा है।गुलाब ने जब्त सामग्री दिलाने की गुहार लगाई। लेकिन नप प्रशासन ने अभीतक गुलाब को सामग्री वापस नही करने से गुलाब बेरोजगार बना।
गौरतलब है कि नप में गुलाब काम पर था उसे नप के कहने पर ठेकेदार ने निकाल दिया। बेरोजगार होने से गुलाब ने काटोल शहर में ऑनलाइन आवेदन और अन्य सरकारी कार्यों के काम करवाने स्कूल नंबर 2 के पिछले क्षेत्र में नाले के किनारे एक छोटा ऑनलाइन सेवा केंद्र स्थापित किया गया था। नप मुख्यधिकारी ने अतिक्रमण के नाम पर गुलाब की दुकान का सामान जब्त किया। आजू बाजू में अनेक अतिक्रमण होने के बाद किसीकी दुकान पर कार्रवाई नही की यह विशेष.
इसके विरोध में गुलाब ताकतोड़े ने नगर परिषद कार्यालय के सामने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन भी किया था. लेकिन आन्दोलनं की आला अधिकारियों ने कोई सुध नही ली,लाहूजी शक्ति सेना के रमेश पालन ने इस मामले को उठाया व नगर प्रशासन को शिकायत कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की। नही करने पर आन्दोलनं की चेतावनी दी।नगर प्रशासन विभाग नागपुर ने 18 जून 2024 को काटोल नप मुख्याधिकारी को पत्र देकर मामले को हल करने को कहा गया लेकिन मुख्याधिकारी बोरिकर ने पत्र की कोई सुध नही ली।एक दलित युवक को जानबूझकर बेरोजगार करने वाले मुख्याधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब संघटना आगे आ सकती है और मामला कोर्ट में ले जा सकते है। यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता रमेश पालन ने दी।इस संदर्भ में जानकारी के लिए मुख्याधिकारी बोरिकर से फोन किया तो उन्होंने फोन रिसीव नही किया।